India vs England Test Series: भारतीय क्रिकेट टीम 5 टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए इंग्लैंड में है. पहला मुकाबला 20 जून को शुरू होगा. इस सीरीज में विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे अनुभवी खिलाड़ियों के बगैर टीम इंडिया उतरेगी. दोनों ने क्रिकेट के सबसे बड़े फॉर्मेट से संन्यास ले लिया है. कोहली और रोहित की अनुपस्थिति में युवा क्रिकेटरों पर बड़ी जिम्मेदारी होगी. उनका मुकाबला इंग्लैड के 'बैजबॉल' से होगा. इसका तोड़ निकालने के लिए टीम इंडिया को बड़ी प्लानिंग करनी होगी. भारत में पिछली बार तो यह नाकाम हो गया था, लेकिन इंग्लैंड के मैदानों पर काफी सफल रहा है.
बॉलर्स को धूल चटाने में माहिर
भारतीय क्रिकेट टीम के युवा सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल के लिए आगामी इंग्लैंड सीरीज उनकी तकनीक और धैर्य की असली परीक्षा होगी. पहली बार इंग्लैंड की धरती पर पारी की शुरुआत करने जा रहे जायसवाल को नई गेंद के सामने कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ेगा. वह अगर अपने फॉर्म में रहे तो इंग्लैंड की गेंदबाजी को धो डालेंगे. वह किसी भी बॉलर्स को धूल चटा सकते हैं.
'बैजबॉल' पर भारी पड़ेगा 'जैजबॉल'
जब इंग्लैंड ने 2024 में भारत का दौरा किया था तब यशस्वी के आक्रामक स्ट्रोकप्ले को प्रशंसकों ने 'जैजबॉल' नाम दिया था. उन्होंने भारत की 4-1 की जीत में सर्वाधिक रन बनाए थे. उस सीरीज में यशस्व ने लगातार दो दोहरे शतक जड़े थे. हाल ही में यशस्वी के बचपन के कोच ज्वाला सिंह से पूछा गया कि क्या वह (यशस्वी) इंग्लैंड की आक्रामक 'बैजबॉल' रणनीति का जवाब अपने 'जैजबॉल' से फिर से देंगे.
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इस बार कड़ी परीक्षा
ज्वाला सिंह ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया सीरीज के दौरान यशस्वी को अपने आसपास सीनियर बल्लेबाजों का साथ मिला था, जिससे उन्हें अपने शॉट्स खेलने की आजादी मिली थी. हालांकि, रोहित शर्मा और विराट कोहली के संन्यास के बाद उन्हें अब थोड़ी अधिक जिम्मेदारी से बल्लेबाजी करनी होगी.
कोच ने क्या कहा?
टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए ज्वाला सिंह ने कहा, ''बैजबॉल जैसे शब्दों को सुनना बहुत अच्छा लगता है, लेकिन पांच दिवसीय क्रिकेट में तकनीक अभी भी बहुत मायने रखती है. बैजबॉल का मतलब इरादा है- गेंदबाजों पर हमला करना और आक्रामकता के साथ खेलना. लेकिन परिस्थितियों को समझते हुए ऐसा करना महत्वपूर्ण है. ऑस्ट्रेलिया सीरीज में यशस्वी के आसपास सीनियर खिलाड़ी थे, जिसने उन्हें अपने शॉट्स खेलने की आजादी दी. लेकिन इस बार जिम्मेदारी कहीं ज्यादा बड़ी है. बल्लेबाजी क्रम काफी हद तक उन पर निर्भर करेगा. यह सीरीज एक वास्तविक परीक्षा होगी- उनकी तकनीक, धैर्य और भारत के लिए सत्र जीतने की क्षमता की. उन्हें समझदारी से और सावधानी के साथ क्रिकेट खेलना होगा.''
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यशस्वी का करियर
अपने करियर में अब तक खेले गए 19 टेस्ट मैचों में यशस्वी ने 52.88 की औसत से 1798 रन बनाए हैं. इसमें चार शतक और दस अर्धशतक शामिल हैं. बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 में उन्होंने दस पारियों में 43.44 की औसत से 391 रन बनाए थे. वह इंग्लैंड में भी अपनी शानदार फॉर्म जारी रखने के लिए तैयार हैं.