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धोनी ने पलट दी थी हारी बाजी, फाइनल में इंग्लैंड के जबड़े से छीन ली जीत, 'वर्ल्ड चैंपियन' बना था भारत

Champions Trophy Final 2013: 12 साल पहले 23 जून को महेंद्र सिंह धोनी की अगुआई वाली टीम इंडिया ने चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब जीतकर इतिहास रच दिया था. बर्मिंघम के एजबेस्टन क्रिकेट ग्राउंड पर एक बरसाती शाम को नीले रंग की जर्सी पहने खिलाड़ियों को जश्न मनाने का मौका मिल गया था.

धोनी ने पलट दी थी हारी बाजी, फाइनल में इंग्लैंड के जबड़े से छीन ली जीत, 'वर्ल्ड चैंपियन' बना था भारत
Rohit Raj|Updated: Jun 23, 2025, 08:49 AM IST
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Champions Trophy Final 2013: 12 साल पहले 23 जून को महेंद्र सिंह धोनी की अगुआई वाली टीम इंडिया ने चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब जीतकर इतिहास रच दिया था. बर्मिंघम के एजबेस्टन क्रिकेट ग्राउंड पर एक बरसाती शाम को नीले रंग की जर्सी पहने खिलाड़ियों को जश्न मनाने का मौका मिल गया था. मौजूदा समय के बड़े खिलाड़ी विराट कोहली और रोहित शर्मा उस समय डांस कर रहे थे. विराट 'गंगनम डांस' दिखा रहे थे तो रोहित शर्मा'भांगड़ा' करते हुए नजर आए थे. धोनी की कप्तानी में ऐतिहासिक जीत का सेलिब्रेशन भी ऐतिहासिक था.

पूरे टूर्नामेंट में भारत का दबदबा

कार्डिफ में साउथ अफ्रीका के खिलाफ शुरू हुआ सफर फाइनल में जीत पर खत्म हुआ था. भारत छह साल में तीसरी बार आईसीसी टूर्नामेंट में चैंपियन बना था. टीम इंडिया 2007 आईसीसी टी20 वर्ल्ड कप और 2011 वनडे वर्ल्ड कप के बाद 2013 चैंपियंस ट्रॉफी को जीती थी. भारत ने पूरे टूर्नामेंट में किसी टीम को मौका नहीं दिया था. पहले मैच में अफ्रीकी चुनौती को पार करने से लेकर वेस्टइंडीज, पाकिस्तान और श्रीलंका जैसी टीमों को आसानी से हराने तक, धोनी की टीम कहीं नहीं रुकी. उसने इसके बाद फाइनल में मेजबान इंग्लैंड को भी धो डाला.

फाइनल का रोमांच

इंग्लैंड के खराब मौसम के कारण टूर्नामेंट का फाइनल 20 ओवर का मुकाबला बन गया. पिच काफी समय तक कवर के नीचे थी. नमी वाली पिच पर भारत का पहले बल्लेबाजी करना और इंग्लैंड की टीम में ब्रॉड और एंडरसन का होना, संकेत बहुत उत्साहजनक नहीं थे. 20 ओवर के बाद भारत का कुल स्कोर 129/7 रहा. इस स्कोर के बाद मैच पूरी तरह इंग्लैंड के पक्ष में था. उसके बाद एलिस्टर कुक, जोनाथन ट्रॉट, जो रूट और इयान बेल जैसे स्टाइलिश बल्लेबाज थे.

 

 

माही का मास्टरस्ट्रोक

भारत के गेंदबाजों ने इतने बड़े बल्लेबाजों के सामने गजब का प्रदर्शन किया. 130 रनों का पीछा करते हुए इंग्लैंड के ये चारों बल्लेबाज जल्दी ही पवेलियन लौट गए. इंग्लैंड 46/4 के स्कोर पर संघर्ष कर रहा था. यहां से इयोन मॉर्गन और रवि बोपारा के बीच की साझेदारी ने भारतीय टीम को टेंशन दे दी. मैच तब रोमांचक मोड़ पर आ गया जब इंग्लैंड को आखिरी 16 गेंदों में 20 रन चाहिए थे. इसके बाद जो हुआ वह किसी चमत्कार से कम नहीं था. ईशांत शर्मा 18वां ओवर डालने आए, उन्होंने लगातार गेंदों पर मॉर्गन और बोपारा को वापस पवेलियन भेज दिया और मैच को पूरी तरह से पलट दिया. वह इससे पहले काफी महंगे साबित हुए और धोनी के इस फैसले की आलोचना सभी कर रहे थे, लेकिन माही (धोनी का निकनेम) का यह मास्टरस्ट्रोक काम कर गया.

अश्विन ने अंतिम गेंद पर दिलाई जीत

ईशांत के बाद रवींद्र जडेजा आए और उन्होंने टिम ब्रेसनन के अलावा जोस बटलर को आउट कर दिया. अचानक 102/4 से इंग्लैंड का स्कोर 115/8 हो गया.  अश्विन आखिरी ओवर डालने आए और उनके पास 14 रन थे. टूर्नामेंट का आखिरी गेंद पर ट्रेडवेल बनाम अश्विन का मुकाबला था. इंग्लैंड को जीतने के लिए एक छक्के की जरूरत थी. अश्विन ने अपना संयम बनाए रखा और ट्रेडवेल चूक गए. भारत जीत गया. इस जीत के साथ धोनी सभी तीनों आईसीसी इवेंट जीतने वाले इकलौते कप्तान बन गए. यह किसी अंडरडॉग टीम की कहानी नहीं थी, बल्कि पूरे दबदबे के साथ जीतने वाली टीम की कहानी थी.

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