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PCB हुआ कंगाल... सैलेरी देने के नहीं बचे पैसे, पांच दिग्गजों को पद से हटाया

PCB: पाकिस्तान क्रिकेट लीग (PCL) के बंद होने के बाद पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) कंगाल हो चुका है. पीसीबी के पास सैलेरी देने के पैसे भी नहीं बचे हैं. पीसीबी ने वकार यूनिस, मिस्बाह-उल-हक, शोएब मलिक, सकलैन मुश्ताक और सरफराज अहमद को घरेलू टीमों के मेंटर के पद से हटा दिया है.  

Pakistan Cricket Board
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Kavya Yadav|Updated: May 14, 2025, 06:08 AM IST
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PCB: पाकिस्तान क्रिकेट लीग (PCL) के बंद होने के बाद पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) कंगाल हो चुका है. पीसीबी के पास सैलेरी देने के पैसे भी नहीं बचे हैं. पीसीबी ने वकार यूनिस, मिस्बाह-उल-हक, शोएब मलिक, सकलैन मुश्ताक और सरफराज अहमद को घरेलू टीमों के मेंटर के पद से हटा दिया है. इस खबर से पाकिस्तान में खलबली मची हुई है. बोर्ड पर खराब प्रदर्शन और बढ़ते वित्तीय दबावों को लेकर चिंताओं के बीच लिया गया है.

पिछले साल संभाला था पद

वित्तीय तौर पर पाकिस्तान की हालत बद से बद्तर होती नजर आ रही है. भारत-पाकिस्तान के बीच 22 अप्रैल के पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारी तनाव देखने को मिला. जिसके बाद पाकिस्तान की हालत और भी खराब है. पिछले साल अगस्त में इन पूर्व क्रिकेटर्स को पीसीबी के मेंटरशिप कार्यक्रम में शामिल किया था. इन्हें पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए घरेलू क्रिकेट के मानकों को ऊपर उठाने के लिए ये जिम्मदारी सौंपी गई थी.

कितने रुपये खर्च कर रहा था PCB?

टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार पीसीबी प्रति मेंटर लगभग पांच मिलियन पाकिस्तानी रुपये (लगभग 18,000 अमेरिकी डॉलर) खर्च कर रहा था. भारतीय कीमत के अनुसार यह 15, 32, 449 बैठता है, इसे देख मीडिया और पूर्व खिलाड़ियों ने पीसीबी की खिल्ली उड़ाई थी. लेकिन अब पीसीबी ने इन सभी की सेवाएं खत्म करने का फैसला किया है. 

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PCB ने दिया बहाना

एक सूत्र ने टेलीकॉमएशिया डॉट कॉम को बताया, 'पीसीबी अध्यक्ष ने मेंटर्स को बताया है कि उनकी सेवाओं की अब आवश्यकता नहीं है क्योंकि वांछित परिणाम प्राप्त नहीं हुए हैं. बड़ी राशि के अपने निहितार्थ भी हैं, इस बात की आशंका है कि पीसीबी को अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद की वार्षिक निधि कम हो सकती है. चिंता है कि पाकिस्तान के अंतर्राष्ट्रीय मैचों के लिए टेलीविजन अधिकारों के लिए 2028 से 2032 तक के आगामी चक्र में कम बोलियां मिल सकती हैं, जो बोर्ड की वित्तीय बैंडविड्थ को और सीमित कर देता है.'

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