Rohit Sharma: टीम इंडिया को आज यानि 29 जून को टी20 वर्ल्ड कप 2024 का खिताब जीते सालभर हो चुका है. सभी भारतीयों की नजरें पिछले साल फाइनल में मुकाबले पर जमी रहीं. लेकिन इसके पीछे की इनसाइड स्टोरी और भी दिलचस्प रही. कप्तान रोहित शर्मा ने फाइनल को याद करते हुए अनसुनी कहानी सुनाई. हिटमैन ने फिर समझाया कि वह दिन उनके लिए कितना खास रहा था. साथ ही बताया कि उस जीत से पहले उनके दिल और दिमाग में क्या चल रहा था. रोहित उस लम्हें को याद करते हुए इमोशनल हो गए.
क्या बोले रोहित शर्मा?
रोहित ने 'जियो हॉटस्टार' पर कहा, 'बारबाडोस हमेशा मेरी रगों में रहेगा. यह मेरे क्रिकेट करियर का सबसे गौरवपूर्ण क्षण है. उस ट्रॉफी को उठाना, आईसीसी पुरुष टी20 विश्व कप 2024 का चैंपियन बनना. यह सपना सच होने जैसा था. मैंने 2007 के टी20 विश्व कप में खेला था. हमने एमएस धोनी की कप्तानी में जीत हासिल की थी. अब राहुल द्रविड़ के हेड कोच के रूप में इसे फिर से जीतना इस टीम के लिए सबकुछ था.'
पूरी रात सोए नहीं थे रोहित
रोहित शर्मा ने आगे कहा, '13 साल एक लंबा समय है. अधिकांश लोगों का करियर भी 13 साल का नहीं होता. इसलिए, विश्व कप जीतने के लिए इतना लंबा इंतजार करना. मैंने आखिरी बार 2007 में (टी20) विश्व कप जीता था. मेरे लिए, इससे बड़ी कोई बात नहीं हो सकती थी. मैं पूरी रात सो नहीं पाया. मैं सिर्फ विश्व कप के बारे में सोच रहा था. मैं घबराया हुआ था. मैंने भले ही इसे जाहिर नहीं होने दिया, लेकिन अंदर यह घबराहट थी.'
रिजल्ट का बेसब्री से इंतजार
रोहित शर्मा ने बताया, 'हमें सुबह 8:30 या 9 बजे के आसपास निकलना था. लेकिन मैं 7 बजे उठ गया. अपने कमरे से मैदान देख सकता था और बस उसे देखता रहा. मुझे याद है कि मैंने सोचा था. दो घंटे में वहां पहुंच जाऊंगा और चार घंटे में रिजल्ट सामने आ जाएगा. या तो कप यहां होगा या यहां नहीं होगा.'
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रोहित ने अक्षर पटेल की पारी को गेम चेंजिंग बताया. उन्होंने कहा, 'ज्यादातर लोग अक्षर पटेल की पारी के बारे में बात नहीं कर रहे हैं, लेकिन वह पारी वाकई गेम चेंजर थी. उस समय 31 गेंदों पर 47 रन बनाना अविश्वसनीय रूप से महत्वपूर्ण था. हमें अंत तक बल्लेबाजी करने के लिए किसी की जरूरत थी और विराट ने यह काम बखूबी किया. किसी के लिए पारी को संभालना वाकई जरूरी था, और उन्होंने यह शानदार ढंग से किया. इससे शिवम, अक्षर और हार्दिक को खुलकर अपनी भूमिका निभाने का मौका मिला और उन्होंने ठीक वैसा ही किया.'