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क्रिकेट जगत में मातम, IPL के बीच में इस महान क्रिकेटर का हुआ निधन, मुंबई से है खास कनेक्शन

Cricketer Passed Away: करखानीस ने 60 के दशक के अंत में मुंबई के लिए सात प्रथम श्रेणी मैच खेले.उन्होंने शिवाजी पार्क जिमखाना के लिए दो दशक तक ऐसी टीम में खेला जिसमें मुंबई के कई महान खिलाड़ी शामिल थे. करखानीस बल्लेबाजी के दिग्गज सुनील गावस्कर के करीबी दोस्त थे.

क्रिकेट जगत में मातम, IPL के बीच में इस महान क्रिकेटर का हुआ निधन, मुंबई से है खास कनेक्शन
Rohit Raj|Updated: May 19, 2025, 08:47 AM IST
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Cricketer Passed Away: आईपीएल 2025 के बीच भारतीय क्रिकेट के लिए एक बुरी खबर आई है. मुंबई के पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज और महान क्रिकेटर सुनील गावस्कर के दोस्त विजय उर्फ 'पापा' करखानीस का निधन हो गया है. पापा करखानीस ने रविवार(18 मई) की सुबह बोरीवली स्थित अपने आवास पर अंतिम सांस ली. वह 86 वर्ष के थे. करखानीस ने स्थानीय क्रिकेट में प्रसिद्ध शिवाजी पार्क जिमखाना और सेंट्रल बैंक के लिए खेला. पुराने क्रिकेटरों के अनुसार, वह एक तेजतर्रार बल्लेबाज और अच्छे विकेटकीपर थे.

देखी थी रोहित शर्मा की प्रतिभा

करखानीस ने 60 के दशक के अंत में मुंबई के लिए सात प्रथम श्रेणी मैच खेले.उन्होंने शिवाजी पार्क जिमखाना के लिए दो दशक तक ऐसी टीम में खेला जिसमें मुंबई के कई महान खिलाड़ी शामिल थे. करखानीस बल्लेबाजी के दिग्गज सुनील गावस्कर के करीबी दोस्त थे. करखानीस उन शुरुआती कुछ कोचों में शामिल थे जिन्होंने भारत के वनडे कप्तान रोहित शर्मा में प्रतिभा देखी थी. हिटमैन को जब 14 साल की उम्र में बोरीवली सेंटर के लिए मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन के समर कैंप के लिए चुना गया था. उस समय करखानीस वहां कोच थे.

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45 दिन तक अस्पताल में रहे थे भर्ती

अक्टूबर 2020 में करखानीस 80 वर्ष की आयु में घातक वायरस से संक्रमित होने के बाद 45 दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहने के बावजूद कोविड से बच गए थे. उनके बारे में कहा जाता है कि वह हमेशा अच्छे मूड में रहते थे और ड्रेसिंग रूम के माहौल को भी हल्का रखते थे.  करखानीस ने 1967-68 के रणजी ट्रॉफी फाइनल में ब्रेबोर्न स्टेडियम में बॉम्बे को पहली पारी की बढ़त के आधार पर मद्रास को हराने में मदद करने के लिए 52 और 43 रनों की दो शानदार पारियां खेलीं.

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मुंबई को दिलाई थी रणजी ट्रॉफी

करखानीस ने बॉम्बे के कप्तान मनोहर हरदिकर (73 और 65 नाबाद) के साथ मिलकर मद्रास के दिग्गज स्पिनरों एस वेंकटराघवन और वामन कुमार का सामना किया था. हरदिकर और एकनाथ सोलकर ने आखिरी दिन चाय के बाद के सत्र में मद्रास के आक्रमण का डटकर सामना किया, जिससे बॉम्बे को लगातार दसवीं बार रणजी ट्रॉफी बरकरार रखने में मदद मिली थी.

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