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चैंपियंस ट्रॉफी से अचानक अफगानिस्तान को बॉयकॉट करने की क्यों उठी मांग, ये है बड़ी वजह

साउथ अफ्रीका के खेल मंत्री गेटन मैकेंजी ने अपनी टीम से अफगानिस्तान के खिलाफ 2025 आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी मैच का बहिष्कार करने का आग्रह किया है. इसके पीछे की बड़ी वजह भी सामने आई है.

चैंपियंस ट्रॉफी से अचानक अफगानिस्तान को बॉयकॉट करने की क्यों उठी मांग, ये है बड़ी वजह
Shivam Upadhyay|Updated: Jan 10, 2025, 10:37 AM IST
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Afghanistan Cricket Team: चैंपियंस ट्रॉफी 2025 की शुरुआत अगले महीने (फरवरी) की 19 तारीख से हो रही है. पाकिस्तान की मेजबानी में होने वाले इस ICC टूर्नामेंट के शेड्यूल का ऐलान हो चुका है. भारतीय टीम अपने सभी मुकाबले दुबई में खेलेगी. सभी टीमें टूर्नामेंट की तैयारियों में लगी हुई हैं. इस बीच साउथ अफ्रीका के खेल मंत्री गेटन मैकेंजी ने अपनी टीम से अफगानिस्तान के खिलाफ 2025 आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी मैच का बहिष्कार करने का आग्रह किया है. इसके पीछे की बड़ी वजह भी सामने आई है.

सामने आई बड़ी वजह

साउथ अफ्रीका के खेल मंत्री गेटन मैकेंजी ने अपनी टीम से अफगानिस्तान के खिलाफ 2025 आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी मैच का बहिष्कार करने के लिए इसलिए कहा है, क्योंकि तालिबान सरकार ने 2021 में सत्ता में वापस आने के बाद से महिलाओं के खेल पर प्रतिबंध लगा दिया और महिला क्रिकेट टीम को भी भंग कर दिया. बता दें कि तेम्बा बावुमा की अगुवाई वाली साउथ अफ्रीका 21 फरवरी को पाकिस्तान के कराची में नेशनल स्टेडियम में अफगानिस्तान के खिलाफ ग्रुप बी मुकाबले के जरिए अपने अभियान की शुरुआत करेगी. दोनों टीमें इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के साथ ग्रुप बी में हैं.

क्या बोले मैकेंजी?

मैकेंजी ने गुरुवार को अपने 'एक्स' अकाउंट पर एक बयान में कहा, 'क्रिकेट साउथ अफ्रीका, अन्य देशों के महासंघों और आईसीसी को इस बारे में सावधानी से सोचना होगा कि क्रिकेट का खेल दुनिया को क्या संदेश देना चाहता है और खास तौर पर खेल में शामिल महिलाओं को. मुझे उम्मीद है कि क्रिकेट से जुड़े सभी लोग, जिनमें समर्थक, खिलाड़ी और प्रशासक शामिल हैं. अफगानिस्तान की महिलाओं के साथ एकजुटता में दृढ़ रुख अपनाएंगे.'

उन्होंने कहा, 'स्पष्ट रूप से कहें तो आईसीसी ने खेल में समानता के सिद्धांत को स्वीकार किया है और सदस्य देशों को पुरुष और महिला दोनों खिलाड़ियों को विकसित करना चाहिए. अफगानिस्तान के मामले में ऐसा नहीं होता है, जो यह दर्शाता है कि वहां खेल के प्रशासन में राजनीतिक हस्तक्षेप को बर्दाश्त किया जा रहा है. इसी तरह, श्रीलंका को राजनीतिक हस्तक्षेप के लिए 2023 में प्रतिबंधित कर दिया गया.' 

खेल मंत्री ने आगे कहा, 'मुझे पता है कि आईसीसी, अधिकांश इंटरनेशनल खेल मातृ निकायों की तरह, खेल के प्रशासन में राजनीतिक हस्तक्षेप को बर्दाश्त नहीं करने का दावा करता है. भले ही यह अफगानिस्तान के साथ स्पष्ट असंगतता रखता हो. खेल मंत्री के रूप में यह अंतिम निर्णय लेना मेरे लिए नहीं है कि साउथ अफ्रीका को अफगानिस्तान के खिलाफ क्रिकेट मैचों का सम्मान करना चाहिए या नहीं. अगर यह मेरा निर्णय होता, तो निश्चित रूप से ऐसा नहीं होता. एक ऐसे व्यक्ति के रूप में जो एक ऐसी जाति से आता है, जिसे रंगभेद के दौरान खेल के अवसरों तक समान पहुंच की अनुमति नहीं थी. आज जब दुनिया में कहीं भी महिलाओं के साथ ऐसा ही किया जा रहा है, तो दूसरी तरफ देखना पाखंड और अनैतिक होगा.'

इससे पहले लेबर सांसद टोनिया एंटोनियाजी ने एक पत्र लिखा था, जिस पर ब्रिटेन के लगभग 160 सांसदों ने हस्ताक्षर किए थे. इसमें इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) से 26 फरवरी को लाहौर में खेले जाने वाले अफगानिस्तान के खिलाफ मैच का बहिष्कार करने का आह्वान किया गया था. हालांकि, ईसीबी के अध्यक्ष रिचर्ड गोल्ड ने खेल के बहिष्कार के आह्वान को खारिज कर दिया, लेकिन ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने भी आईसीसी से अपने नियमों का पालन करने का आह्वान किया, जिसके अनुसार इंटरनेशनल क्रिकेट में पुरुष और महिला टीमों को मैदान में उतारने में विफल रहने वाले किसी भी पूर्ण सदस्य को निलंबित किया जाना अनिवार्य है.

एजेंसी इनपुट के साथ

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