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Indian Cricket Records: भारतीय क्रिकेट इतिहास की वो 'सबसे बड़ी' हार, जब टेस्ट में महज 42 रन पर सिमट गई थी पूरी टीम, लॉर्ड्स में मची थी 'तबाही'

India Biggest Defeat in Test Cricket: भारतीय क्रिकेट टीम आज की तारीख तीनों फॉर्मेट में अजेय मानी जाती है. लेकिन इसके पुराने दौर में एक मैच ऐसा भी रहा, जिसे वह बिल्कुल याद नहीं करना चाहती. इस मैच में उसे इतिहास की सबसे शर्मनाक हार झेलनी पड़ी थी.

Indian Cricket Records: भारतीय क्रिकेट इतिहास की वो 'सबसे बड़ी' हार, जब टेस्ट में महज 42 रन पर सिमट गई थी पूरी टीम, लॉर्ड्स में मची थी 'तबाही'
Devinder Kumar|Updated: Aug 03, 2025, 10:44 PM IST
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Which Match Indian Team have Lowest Score in Test Cricket: भारतीय क्रिकेट का इतिहास करीब 200 साल पुराना है. इतने बरसों में भारतीय टीम के खाते में कई ऐसे अनोखे और दिचलस्प रिकॉर्ड दर्ज हुए हैं, जिनके बारे में जानकर आप दंग रह जाएंगे. इनमें से कुछ रिकार्ड क्रिकेट प्रेमियों में खुशी भर जाते हैं तो कुछ अनचाहे रिकॉर्ड ऐसे भी हैं, जिसे कोई भूलकर भी याद नहीं करना चाहता. ऐसा ही एक अवांछित रिकॉर्ड आज से करीब 51 साल पहले बना था, जब पूरी भारतीय टीम टेस्ट क्रिकेट में 42 रन पर ऑलआउट हो गई थी. यह टेस्ट क्रिकेट में उसका आज तक सबसे कम स्कोर है. इस मैच में भारतीय टीम को शर्मनाक पराजय झेलनी पड़ी थी.

1974 में खेला गया था टेस्ट मैच

क्रिकेट पंडितों के मुताबिक, यह घटना भारत और इंग्लैंड के बीच खेले गए तीन टेस्ट मैचों की सीरीज के पहले टेस्ट के दौरान हुई थी. यह मैच 1974 में लॉर्ड्स में इंग्लैंड के खिलाफ खेला गया था. 20 से 24 जून 1974 तक चले इस मैच में इंग्लैंड ने भारत को एक पारी और 285 रनों से हराया था. 

क्रिकेट जानकारों के मुताबिक अजीत वाडेकर की कप्तानी में भारतीय टीम क्रिकेट दौरा करने के लिए 1974 में इंग्लैंड पहुंची थी. उस समय भारतीय टीम के लिए यह दौरा शुरु से ही मुश्किल माना जा रहा था क्योंकि इंग्लैंड की पिच और परिस्थितियां तेज गेंदबाजों के लिए अनुकूल थीं. वहीं भारतीय बल्लेबाजी लाइनअप उस समय अनुभव और तकनीक के मामले में कमजोर मानी जा रही थी.

इंग्लैंड की उछाल भरी पिचें बनी मुसीबत

हालांकि उस वक्त भारतीय टीम में सुनील गावस्कर, गुंडप्पा विश्वनाथ और एकनाथ सोलकर जैसे दिग्गज खिलाड़ी शामिल थे, जो किसी भी गेंदबाज की धज्जियां उड़ा सकते थे. इसके बावजूद इंग्लैंड की तेज और उछाल भरी पिचों पर उनकी बल्लेबाजी की असल परीक्षा होनी थी. 

पहले टेस्ट में इंग्लैंड ने पहले बल्लेबाजी करते हुए माइक डेनिस की कप्तानी में 629 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया. इस मैच में डेनिस बटलर ने 248 रनों की शानदार पारी खेली, जो इंग्लैंड के लिए टेस्ट क्रिकेट में उस समय का बड़ा स्कोर था. बिशन सिंह बेदी, एकनाथ सोलकर, और माधव मंट्री जैसे गेंदबाजों ने इंग्लैंड के बल्लेबाजों को रोकने की पूरी कोशिश की लेकिन नाकाम रहे. 

पहली पारी में 302 रनों पर सिमटी भारतीय टीम

इंग्लैंड के दिए लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारत की पहली पारी में बल्लेबाजी पूरी तरह बिखरकर रह गई. इंग्लैंड के तेज गेंदबाज ज्योफ अर्नोल्ड और क्रिस ओल्ड ने भारतीय बल्लेबाजों को अपनी स्विंग और सीम मूवमेंट से खूब परेशान किया. जिससे वे खुलकर नहीं खेल पाए और नियमित अंतराल पर आउट होते रहे.

इस पारी में भारतीय टीम महज 302 रनों पर सिमट गई. इसमें सुनील गावस्कर (101) और गुंडप्पा विश्वनाथ (52) ही कुछ संघर्ष करते दिखाई दिए लेकिन बाकी बल्लेबाज असफल रहे. इसके चलते इंग्लैंड को पहली पारी में 327 रनों की विशाल बढ़त मिल गई. 

फॉलो-ऑन के बाद दूसरी पारी में 42 रन पर ढेर

इंग्लैंड ने पहली पारी में मिली बढ़त के आधार पर भारत को फॉलो-ऑन दिया, यानी भारत को फिर से बल्लेबाजी के लिए उतरना पड़ा. उसकी यह दूसरी पारी शर्मनाक याद के रूप में इतिहास में दर्ज हो गई. इस दूसरी पारी में भारतीय टीम केवल 42 रनों पर ढेर हो गई, जो आज तक भारतीय टीम का टेस्ट मैचों में सबसे कम स्कोर है. 

इस दूसरी पारी में भारतीय टीम को समेटने में इंग्लैंड के तेज गेंदबाज ज्योफ अर्नोल्ड और क्रिस ओल्ड का बड़ा योगदान रहा. ज्योफ अर्नोल्ड ने इस पारी में (5/27) विकेट और क्रिस ओल्ड ने (5/21) विकेट हासिल किए. उनकी स्विंग और उछाल ने भारतीय बल्लेबाजों को कोई मौका नहीं दिया.

इंग्लैंड के हाथों 3-0 से गंवा दी थी सीरीज

इससे भारतीय बल्लेबाजी पूरी तरह से बिखर कर रह गई और कोई भी बल्लेबाज दहाई का आंकड़ा पार नहीं कर सका. टेस्ट की इस दूसरी पारी में एकनाथ सोलकर (18 रन) और सुनील गावस्कर (8 रन) शीर्ष स्कोरर रहे. जबकि बाकी खिलाड़ी दहाई तक भी नहीं पहुंच पाए. भारत की यह दूसरी पारी महज 17 ओवरों में सिमट गई, जो टेस्ट क्रिकेट में असाधारण रूप से बहुत छोटी थी. इसके चलते इंग्लैंड ने यह टेस्ट मैच एक पारी और 285 रनों से जीत लिया. 

इस सीरीज में भारत को 3-0 से हार का सामना करना पड़ा, जिसे "समर ऑफ 42" के रूप में जाना जाता है, जो इस 42 रनों की पारी से प्रेरित था. इस हार ने भारतीय क्रिकेट प्रशंसकों और विश्लेषकों के बीच लंबे समय तक चर्चा का विषय बना रहा, और यह भारतीय क्रिकेट के इतिहास में एक काले अध्याय के रूप में दर्ज है.

पारी में कोई भी एक्सट्रा रन नहीं बना

रोचक तथ्य ये है कि भारत की इस पारी में कोई भी एक्स्ट्रा रन नहीं बना था, जो अपने आप में एक दुर्लभ घटना थी. इससे उस समय की इंग्लैंड की टीम की मजबूत फील्डिंग का भी पता चलता है. इस हार के बावजूद, सुनील गावस्कर ने इस दौरे पर अपनी बल्लेबाजी से कुछ साख बचाई, विशेष रूप से पहली पारी में शतक बनाकर. यह घटना आज भी क्रिकेट इतिहास में एक अनोखे और कुख्यात रिकॉर्ड के रूप में याद की जाती है. 

FAQ: भारतीय क्रिकेट टीम का टेस्ट क्रिकेट में सबसे कम स्कोर किस मैच में रहा

Q1: भारतीय टीम का टेस्ट क्रिकेट में सबसे कम स्कोर कब और कहां दर्ज हुआ?
A: भारतीय टीम का टेस्ट क्रिकेट में सबसे कम स्कोर 42 रन है, जो 1974 में लॉर्ड्स, इंग्लैंड में इंग्लैंड के खिलाफ दर्ज हुआ.

Q2: यह मैच कब खेला गया था?
A: यह मैच 20-24 जून, 1974 को लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंड में खेला गया था.

Q3: उस पारी में भारतीय टीम की बल्लेबाजी कैसी रही?
A: भारतीय टीम दूसरी पारी में मात्र 42 रनों पर सिमट गई. कोई भी बल्लेबाज दहाई का आंकड़ा नहीं छू सका. सुनील गावस्कर और एकनाथ सोलकर ने सबसे ज्यादा 8-8 रन बनाए.

Q4: इंग्लैंड की ओर से गेंदबाजी में किसका योगदान था?
A: इंग्लैंड के तेज गेंदबाज क्रिस ओल्ड और ज्योफ अर्नोल्ड ने शानदार गेंदबाजी की. क्रिस ओल्ड ने 5 विकेट लिए, जबकि ज्योफ अर्नोल्ड ने 4 विकेट झटके.

Q5: इस पारी में भारतीय टीम कितने समय तक बल्लेबाजी कर पाई?
A: भारतीय टीम केवल 17 ओवर (102 गेंद) तक बल्लेबाजी कर सकी, जो टेस्ट क्रिकेट में उनकी सबसे छोटी पारी थी.

Q6: इस मैच का परिणाम क्या रहा?
A: इंग्लैंड ने यह टेस्ट मैच एक पारी और 285 रनों के विशाल अंतर से जीता. इंग्लैंड ने पहली पारी में 629 रन बनाए थे, जबकि भारत ने पहली पारी में 302 और दूसरी में 42 रन बनाए.

Q7: इस स्कोर का भारतीय क्रिकेट इतिहास में क्या महत्व है?
A: 42 रनों का स्कोर भारतीय टेस्ट क्रिकेट इतिहास का सबसे कम स्कोर है. यह पारी भारतीय क्रिकेट के लिए एक शर्मनाक क्षण माना जाता है और इसे "लॉर्ड्स की तबाही" के रूप में याद किया जाता है.

Q8: उस समय भारतीय टीम के कप्तान कौन थे?
A: भारतीय टीम के कप्तान अजित वाडेकर थे.

Q9: इस पारी में भारत के कितने बल्लेबाज शून्य पर आउट हुए?
A: तीन भारतीय बल्लेबाज - गुंडप्पा विश्वनाथ, बृजेश पटेल और मदन लाल - शून्य पर आउट हुए.

Q10: क्या इस मैच के बाद भारतीय टीम में कोई बदलाव हुए?
A: इस हार ने भारतीय क्रिकेट में कई सवाल उठाए, लेकिन तत्काल कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ. यह दौर भारतीय क्रिकेट के लिए चुनौतीपूर्ण रहा और बाद में टीम ने अपनी रणनीति और प्रदर्शन सुधारने पर बहुत काम किया.

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