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'धोनी खुद को आईने में देखें... माफ नहीं करूंगा', युवराज सिंह के पिता ने बहुत कुछ कह दिया

पूर्व भारतीय क्रिकेटर युवराज सिंह के पिता योगराज सिंह ने कहा कि उनके बेटे को भारतीय क्रिकेट में उनके योगदान के लिए भारत रत्न से सम्मानित किया जाना चाहिए. साथ ही उन्होंने एमएस धोनी पर हमला बोलते हुए कहा उन्हें कभी माफ नहीं करूंगा.

'धोनी खुद को आईने में देखें... माफ नहीं करूंगा', युवराज सिंह के पिता ने बहुत कुछ कह दिया
Shivam Upadhyay|Updated: Sep 01, 2024, 11:45 PM IST
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Yograj Singh Statement on Dhoni : मशहूर क्रिकेट कोच और पूर्व भारतीय क्रिकेटर युवराज सिंह के पिता योगराज सिंह ने कहा कि उनका बेटा भारतीय क्रिकेट में दिए योगदान के लिए भारत रत्न का हकदार है. योगराज सिंह ने कहा कि उनके बेटे ने कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी को मात देने के वापसी की और देशवासियों के लिए क्रिकेट खेला. युवराज के पिता ने भारत के सबसे सफल कप्तान एमएस धोनी पर भी निशाना साधा और आरोप लगाया कि धोनी ने उनके बेटे का करियर 'बर्बाद' कर दिया. योगराज ने यह भी कहा कि वह धोनी को माफ नहीं करेंगे.

योगराज सिंह का तीखा हमला

क्रिकेट और क्रिकेटरों के बारे में बेबाक राय रखने वाले योगराज सिंह ने एक बार फिर एमएस धोनी पर हमला बोला है. योगराज ने कहा कि युवराज नेशनल टीम में और अधिक योगदान दे सकते थे. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वह भारतीय क्रिकेट में एक बेजोड़ ऑलराउंडर हैं. बता दें कि पहल भी धोनी पर कटाक्ष करते हुए योगराज ने आरोप लगाया था कि उन्होंने सीनियर नेशनल पुरुष टीम में साथ रहने के दौरान युवराज सिंह के लिए जीवन कठिन बना दिया था.

'माफ करने लायक नहीं'

योगराज ने ZeeSwitch के यूट्यूब चैनल पर बात करते हुए कहा, 'मैं एमएस धोनी को माफ नहीं करूंगा. उन्हें खुद को आईने में देखना चाहिए. वह एक बहुत ही प्रमुख क्रिकेटर हैं, मैं उन्हें सैल्यूट करता हूं. लेकिन उन्होंने मेरे बेटे के साथ जो किया वह माफ करने लायक नहीं है. अब सब कुछ सामने आ रहा है और इसे कभी माफ नहीं किया जा सकता.' उन्होंने आगे कहा, 'उस आदमी ने मेरे बेटे की जिंदगी बर्बाद कर दी है, जो चार-पांच साल और खेल सकता था. मैं हर किसी को चुनौती देता हूं कि वह युवराज जैसा बेटा हो. यहां तक ​​कि गौतम गंभीर और वीरेंद्र सहवाग ने भी कहा है कि अब कोई दूसरा युवराज सिंह नहीं होगा.' 

'मिलना चाहिए भारत रत्न'

योगराज सिंह ने अपने बेटे को भारत रत्न का हकदार बताया. उन्होंने कहा, 'कैंसर के बावजूद खेलने और देश के लिए वर्ल्ड कप जीतने के लिए उन्हें (युवराज) भारत रत्न से सम्मानित करना चाहिए.' बता दें कि युवराज और धोनी ने भारत के लिए एक साथ 273 मैच खेले और सभी फॉर्मेट में कई यादगार साझेदारियां कीं. एक ही समय में रैंक में ऊपर उठने वाले ये दोनों क्रिकेटर धोनी की कप्तानी में टी20 वर्ल्ड कप और वनडे वर्ल्ड कप जीत के दौरान लिमिटेड ओवर्स की टीम का प्रमुख चेहरा भी थे.

दो वर्ल्ड कप जिताए

युवराज सिंह ने 2007 और 2011 में भारत की वर्ल्ड कप जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. 2007 में उद्घाटन टी20 वर्ल्ड कप में इस ऑलराउंडर ने शानदार प्रदर्शन किया था, जिससे मिडिल ऑर्डर में भारतीय बल्लेबाजी को मजबूती मिली थी. 2011 में बल्ले और गेंद से अपने ऑलराउंड योगदान के लिए युवराज भारत की वनडे वर्ल्ड कप जीत में प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट बने थे. जिसके बाद यह पता चला कि युवराज घरेलू वर्ल्ड कप के दौरान कैंसर से जूझ रहे थे.

कैंसर को मात देकर लौटे

युवराज सिंह को बाएं फेफड़े में कैंसर का पता चला, जिसके बाद उन्होंने बोस्टन और इंडियानापोलिस में कीमोथेरेपी ट्रीटमेंट कराया गया. इस झटके के बावजूद उन्होंने सितंबर 2012 में इंटरनेशनल क्रिकेट में वापसी की. हालांकि, वापसी के बाद युवराज को अपना फॉर्म वापस पाने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा. वह लगातार अपने पुराने फॉर्म में नहीं दिखे. 2014 में टी20 वर्ल्ड कप और 2017 में चैंपियंस ट्रॉफी में खेलने के बाद उन्हें टीम में जगह बनाना मुश्किल नजर आया. युवराज को 2015 में ऑस्ट्रेलिया में हुए वनडे वर्ल्ड कप के लिए नजरअंदाज कर दिया गया. उन्होंने IPL में खेलना जरूर जारी रखा, लेकिन फॉर्म में नहीं दिखे. आखिरकार युवराज सिंह ने जून 2019 में आधिकारिक तौर पर इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास ले लिया.

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