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शुभमन गिल की सफलता के पीछे भारत के इस दिग्गज क्रिकेटर का हाथ! टेस्ट सीरीज के बीच बड़ा दावा

भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान शुभमन गिल ने बर्मिंघम के एजबेस्टन मैदान पर खेले जा रहे दूसरे टेस्ट में इतिहास रच दिया है. शुभमन गिल ने अपने टेस्ट करियर में पहली बार दोहरा शतक ठोका है. शुभमन गिल ने 387 गेंदों में 269 रनों की पारी खेली. शुभमन गिल ने इस दौरान 30 चौके और 3 छक्के जमाए.

शुभमन गिल की सफलता के पीछे भारत के इस दिग्गज क्रिकेटर का हाथ! टेस्ट सीरीज के बीच बड़ा दावा
Tarun Verma |Updated: Jul 05, 2025, 06:30 AM IST
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भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान शुभमन गिल ने बर्मिंघम के एजबेस्टन मैदान पर खेले जा रहे दूसरे टेस्ट में इतिहास रच दिया है. शुभमन गिल ने अपने टेस्ट करियर में पहली बार दोहरा शतक ठोका है. शुभमन गिल ने 387 गेंदों में 269 रनों की पारी खेली. शुभमन गिल ने इस दौरान 30 चौके और 3 छक्के जमाए. शुभमन गिल अब दुनिया के उन 5 महान बल्लेबाजों की लिस्ट में शामिल हो गए हैं, जिन्होंने टेस्ट और वनडे दोनों फॉर्मेट्स में दोहरा शतक ठोका है.

गिल की सफलता के पीछे इस दिग्गज क्रिकेटर का हाथ!

शुभमन गिल के मेंटॉर और भारत के पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह के पिता योगराज सिंह ने एजबेस्टन में शुभमन गिल की खेली 269 रन की पारी की तारीफ की है. उन्होंने कहा कि गिल को तिहरा शतक बनाना चाहिए था. योगराज सिंह ने कहा, 'बल्लेबाजों की रन बनाने की भूख कभी खत्म नहीं होनी चाहिए. मैं कभी बहुत ज्यादा उत्साहित नहीं होता हूं. बल्लेबाजों का काम ही है, रन बनाना. आपने 200 बनाए हैं, 300 बनाइए. हालांकि शुभमन गिल ने बहुत अच्छा खेला. गिल के पीछे महान युवराज सिंह का हाथ है. ऐसा मैं ऐसा इसलिए नहीं कह रहा कि युवराज मेरा बेटा है. वह सभी का है.'

टेस्ट सीरीज के बीच बड़ा दावा

योगराज सिंह ने कहा, 'आप भविष्य में देखिएगा कि युवराज सिंह के ट्रेन किए और भी खिलाड़ी शुभमन गिल और अभिषेक शर्मा की तरह ही भविष्य में भारतीय क्रिकेट को आगे बढ़ाएंगे. यह भी हो सकता है कि हिंदुस्तान की टीम से खेलने वाले सभी 11 खिलाड़ी युवराज से प्रशिक्षित हों. शुभमन पिछले सात साल से युवराज के साथ है. युवराज लगातार उनकी खामियों पर काम कर रहा है. आप देख रहे होंगे, शुभमन की बल्लेबाजी पहले से बेहतर होती जा रही है.'

गिल ने एजबेस्टन टेस्ट की पहली पारी में 269 रन बनाए

शुभमन गिल ने एजबेस्टन टेस्ट की पहली पारी में 269 रन बनाए. उम्मीद की जा रही थी कि वह तिहरा शतक पूरा कर लेंगे, लेकिन वह चूक गए. हालांकि, उनकी पारी की वजह से ही भारत 587 का स्कोर पहली पारी में बना सका. योगराज सिंह ने कहा कि भारत को दूसरी पारी में 250 के आसपास स्कोर बनाकर इंग्लैंड को 450 के आस-पास का लक्ष्य देना चाहिए और उन्हें ऑल आउट कर मैच जीतना चाहिए. हम जीत के लिए यही दृष्टिकोण अपनाना होगा. हार की डर से हमें बाहर निकलना होगा.

गेंदबाज ही मैच जिताते हैं

योगराज सिंह ने कहा, 'गेंदबाज ही मैच जिताते हैं. फिल्डर्स भी मैच जीतने में बेहद अहम भूमिका निभाते हैं. हमारे पास ऐसे फिल्डर होने चाहिए जो उन कैचों को पकड़ें, जिनके पकड़े जाने की संभावना बेहद कम है. जब आप अविश्वसनीय कैच पकड़ते हैं तो मैच जीतने का अवसर 99 प्रतिशत तक बढ़ जाता है. कैच छूटने से टीम का आत्मविश्वास कम होता है. पहले टेस्ट मैच में भारतीय टीम ने कई कैच छोड़े थे, इसका परिणाम हार के रूप में उठाना पड़ा था.'

बुमराह और कुलदीप हमारे सबसे प्रमुख गेंदबाज

हार के बाद आलोचनाओं पर योगराज ने कहा, 'लोगों को कोई काम नहीं है, वे सिर्फ आलोचना करना जानते हैं. जीत हो या हार, आलोचना बंद नहीं होती. यहां हर कोई कोच ही है. जसप्रीत बुमराह और कुलदीप यादव हमारे सबसे प्रमुख गेंदबाज हैं. अगर उन्हें टीम से बाहर रखा गया है तो इसके पीछे कोई सोच होगी. हमें आलोचना से बचते हुए हर परिस्थिति में अपनी टीम को समर्थन देना होगा, तभी हम जीत सकेंगे.'

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