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Explained: भारतीय फुटबॉल में ये क्या हो रहा है? सुनील छेत्री की टीम के बाद इस क्लब में भी काम ठप, 10 पॉइंट्स में समझें पूरा मामला

Indian Super League: भारतीय फुटबॉल की स्थिति इन दिनों ठीक नहीं है. इंटरनेशनल लेवल पर टीम की हालत खराब है. लगातार हार के कारण मनोबल टूटा हुआ है. टीम को नया कोच मिला है. दूसरी ओर, क्लबों की स्थिति भी कुछ अच्छी नहीं है. इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) पर संशय के बादल छाए हुए हैं. ओडिशा एफसी, बेंगलुरु एफसी और चेन्नईयिन एफसी ने सैलरी पर रोक लगा दी है. 

Explained: भारतीय फुटबॉल में ये क्या हो रहा है? सुनील छेत्री की टीम के बाद इस क्लब में भी काम ठप, 10 पॉइंट्स में समझें पूरा मामला
Rohit Raj|Updated: Aug 08, 2025, 10:57 AM IST
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Indian Super League Bengaluru FC Chennaiyin FC: अगर आप भारतीय फुटबॉल के फैंस हैं तो खबर आपको दुख पहुंचा सकती है. देश में इस खेल की हालत काफी नाजुक है. दुनिया का सबसे मशहूर स्पोर्ट्स भारत में ठीक से सांस भी नहीं ले पा रहा है. भारतीय फुटबॉल की स्थिति इन दिनों ठीक नहीं है. इंटरनेशनल लेवल पर टीम की हालत खराब है. लगातार हार के कारण मनोबल टूटा हुआ है. टीम को नया कोच मिला है. दूसरी ओर, क्लबों की स्थिति भी कुछ अच्छी नहीं है. इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) पर संशय के बादल छाए हुए हैं. ओडिशा एफसी, बेंगलुरु एफसी और चेन्नईयिन एफसी ने सैलरी पर रोक लगा दी है.  वे यह समझ नहीं पा रहे हैं कि आखिर भारतीय फुटबॉल में हो क्या रहा है?

बड़ी बैठक से पहले चौंकाने वाला फैसला

कुछ ही दिन पहले महान फुटबॉल सुनील छेत्री की टीम बेंगलुरु एफसी (Bengaluru FC) और ओडिशा एफसी (Odisha FC) ने भी अपने खिलाड़ियों और स्टाफ को वेतन देना बंद कर दिया था. चेन्नईयिन एफसी का यह फैसला गुरुवार को अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (AIFF) के शीर्ष अधिकारियों और आठ ISL क्लबों के बीच होने वाली एक महत्वपूर्ण बैठक से ठीक एक दिन पहले आया है. हालांकि, चेन्नईयिन एफसी के इस बैठक में शामिल होने की संभावना कम है, क्योंकि क्लब उन टीमों में से नहीं है जिन्होंने इस बैठक की मांग की थी.

 

 

क्लब ने क्या कहा?

चेन्नई स्थित इस क्लब ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर कहा, ''ISL के भविष्य को लेकर जारी अनिश्चितता के मद्देनजर, चेन्नईयिन एफसी ने क्लब के संचालन को अस्थायी रूप से रोकने का बेहद मुश्किल फैसला लिया है. ऐसे फैसले लेना कभी आसान नहीं होता. हमारा यह फैसला बहुत सोच-विचार और सावधानी के बाद आया है. भारतीय फुटबॉल में एक हितधारक होने की चुनौतियां सभी जानते हैं.'' दो बार की ISL चैंपियन टीम ने उम्मीद जताई कि यह रोक कम समय के लिए होगी और वे जल्द ही वही कर पाएंगे जो उन्हें सबसे ज्यादा पसंद है, जैसे ही सभी क्लबों के लिए चीजें साफ हो जाएंगी.

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10 पॉइंट्स में समझें पूरा मामला

1. ISL को उसके आयोजक फुटबॉल स्पोर्ट्स डेवलपमेंट लिमिटेड (FSDL) ने AIFF के साथ मास्टर राइट्स एग्रीमेंट (MRA) की स्थिति के कारण रोक दिया है. FSDL और AIFF के बीच 2010 में साइन हुआ 15 साल का मौजूदा MRA 18 दिसंबर को खत्म हो रहा है.

2. AIFF अध्यक्ष कल्याण चौबे ने आश्वासन दिया था कि 2025-26 का ISL सीजन होगा, लेकिन उन्होंने इसकी शुरुआत की तारीख की पुष्टि नहीं की थी.

3. 11 जुलाई को FSDL ने आधिकारिक तौर पर घोषणा की थी कि MRA के नवीनीकरण को लेकर अनिश्चितता के कारण 2025-26 का ISL सीजन रोका गया है. ISL आमतौर पर सितंबर से अप्रैल तक चलता है.

4. सुप्रीम कोर्ट के एक निर्देश के बाद AIFF को AIFF ड्राफ्ट संविधान मामले में अंतिम फैसला आने तक MRA (FSDL के साथ) की नई शर्तों पर बातचीत न करने के लिए कहा गया है. इस पर जल्द ही फैसला आने की उम्मीद है.

5. आठ ISL क्लबों ने AIFF को एक पत्र लिखकर अपने भविष्य के बारे में चिंता व्यक्त की. AIFF के शीर्ष अधिकारी इन आठ क्लबों के सीईओ के साथ स्थिति पर चर्चा करने के लिए मिलने वाले हैं.

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6. इस पत्र पर बेंगलुरु एफसी, जमशेदपुर एफसी, एफसी गोवा, हैदराबाद एफसी, केरल ब्लास्टर्स, नॉर्थईस्ट यूनाइटेड एफसी, ओडिशा एफसी और पंजाब एफसी ने हस्ताक्षर किए हैं.

7. कोलकाता स्थित तीन क्लबों मोहन बागान सुपर जाएंट, ईस्ट बंगाल, मोहम्मडन स्पोर्टिंग के साथ-साथ मुंबई सिटी एफसी और चेन्नईयिन एफसी ने इस पत्र पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं.

 

 

8. जुलाई 2025 के आखिरी हफ्ते में ISL की टीम ओडिशा एफसी ने अपने खिलाड़ियों और स्टाफ को वेतन देना बंद कर दिया था. वह ऐसा करने वाली पहली टीम थी.

9. सोमवार (4 अगस्त) को बेंगलुरु एफसी ने भी ISL के भविष्य की अनिश्चितता के कारण अपने खिलाड़ियों और स्टाफ के अनुबंधों को अनिश्चित काल के लिए निलंबित कर दिया था. क्लब ने कहा कि लीग के भविष्य पर स्पष्टता की कमी के कारण उन्हें यह मुश्किल कदम उठाना पड़ा. बेंगलुरु एफसी ने AIFF और FSDL से इस गतिरोध को जल्द से जल्द खत्म करने का आग्रह किया.

10. ओडिशा एफसी और बेंगलुरु एफसी के बाद आईएसएल की 2015 और 2018 की चैंपियन टीम चेन्नईयिन एफसी ने भी क्लब के काम को रोकने का फैसला किया.

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