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5 की उम्र में सीखा चेस.. 7 में नेशनल चैंपियन और अब वर्ल्ड नंबर-1 को दी मात, कौन हैं दिव्या देशमुख? जिनके PM मोदी भी हुए मुरीद

18 साल की भारतीय युवा चेस स्टार दिव्या देशमुख चर्चा का विषय बनी हुई हैं. दरअसल, उन्होंने वर्ल्ड नंबर-1 चीन की दिग्गज खिलाड़ी होउ यिफान को मात देकर सुर्खियां बटोरीं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उनके मुरीद हो गए और दिव्या के लिए 'एक्स' पर पोस्ट कर तारीफों के पुल बांधे.

5 की उम्र में सीखा चेस.. 7 में नेशनल चैंपियन और अब वर्ल्ड नंबर-1 को दी मात, कौन हैं दिव्या देशमुख? जिनके PM मोदी भी हुए मुरीद
Shivam Upadhyay|Updated: Jun 19, 2025, 07:26 PM IST
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Who is Divya Deshmukh: एक 18 साल की चेस स्टार रातों-रात सुर्खियों में आ गई हैं. दरअसल, इस युवा सनसनी ने चेस की वर्ल्ड नंबर-1 चीनी दिग्गज खिलाड़ी होउ यिफान को मात देकर सुर्खियां बटोरीं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उनके मुरीद हो गए और 'एक्स' पर पोस्ट कर तारीफों के पुल बांधे. बता दें कि फिडे विश्व रैपिड एंड ब्लिट्ज टीम चैंपियनशिप के दूसरे चरण के ब्लिट्ज सेमीफाइनल में इस भारतीय स्टार ने दुनिया की नबंर-1 खिलाड़ी होउ यिफान को शिकस्त देकर दुनियाभर की वाहवाही लूटी है. आइए जानते हैं इनके बारे में...

18 साल की इस स्टार ने किया कमाल

दरअसल, फिडे विश्व रैपिड एंड ब्लिट्ज टीम चैंपियनशिप के दूसरे चरण के ब्लिट्ज सेमीफाइनल में 18 साल की भारतीय चेस स्टार दिव्या देशमुख ने जीत दर्ज की. दिव्या ने दुनिया की नबंर-1 खिलाड़ी होउ यिफान को शिकस्त दी, जिसके बाद पीएम मोदी ने भी उनको सराहा है. 'हेक्सामाइंड शतरंज क्लब' का प्रतिनिधित्व करते हुए दिव्या ने 74 चालों के रोमांचक मुकाबले में यिफान को शिकस्त दी है. ब्लिट्ज फॉर्मेट में दिव्या ने 8 में से 6 गेम जीत, एक ड्रॉ और सिर्फ एक हार दर्ज की, जिससे उनकी एलीट परफॉरमेंस रेटिंग 2606 रही. इसके बाद उन्होंने तीसरे स्थान के प्लेऑफ में दबदबा बनाया, जिससे उनकी टीम ने दोनों राउंड में उज्बेकिस्तान को 3.5-2.5 से हराकर टीम कांस्य पदक जीता.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हुए मुरीद

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने 'एक्स' हैंडल पर लिखा, 'लंदन में वर्ल्ड टीम ब्लिट्ज चैंपियनशिप के दूसरे चरण के ब्लिट्ज सेमीफाइनल में दुनिया की नंबर-1 खिलाड़ी होउ यिफान को हराने पर दिव्या देशमुख को बधाई. उनकी सफलता उनके धैर्य और दृढ़ संकल्प को दर्शाती है. यह कई उभरते शतरंज खिलाड़ियों को भी प्रेरित करती है. उनके भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं.' दिव्या देशमुख ने पीएम मोदी के ट्वीट को शेयर करते हुए लिखा, 'धन्यवाद, आदरणीय प्रधानमंत्री का मुझे सम्मानित करना, मेरे लिए बहुत सम्मान और प्रोत्साहन की बात है.'

बता दें कि रैपिड फॉर्मेट में दिव्या को 5 जीत, 6 ड्रॉ और सिर्फ एक हार मिली. उन्होंने बोर्ड 6 पर 2420 की प्रदर्शन रेटिंग के साथ टीम रजत और एक व्यक्तिगत कांस्य पदक हासिल किया. फिडे विश्व रैपिड और ब्लिट्ज टीम चैंपियनशिप का तीसरा संस्करण 10 से 16 जून के बीच लंदन में हुआ. इसकी कुल इनामी राशि  5,00,000 यूरो थी. रैपिड टूर्नामेंट के लिए 3,10,000 यूरो और ब्लिट्ज के लिए 190,000 यूरो निर्धारित किए गए थे.

5 की उम्र में सीखा चेस, 7 में नेशनल चैंपियन... कौन हैं दिव्या देशमुख?

9 दिसंबर 2005 को महाराष्ट्र के नागपुर में दिव्या देशमुख का जन्म एक डॉक्टर परिवार में हुआ. दिव्या देशमुख 5 साल की उम्र में शतरंज की ओर आकर्षित हुईं. जब उनकी बहन ने बैडमिंटन में दाखिला लिया तो शुरू में वह इस खेल की ओर आकर्षित हुईं, उन्हें नीचे से इस खेल से प्यार हो गया और जल्द ही उन्होंने इसमें महारत हासिल कर ली. 2012 में महज 7 साल की उम्र में दिव्या ने अंडर-7 राष्ट्रीय चैम्पियनशिप जीती. इसके बाद अंडर-10 (डरबन, 2014) और अंडर-12 (ब्राजील, 2017) कैटेगरी में विश्व युवा खिताब जीते. दिव्या कम उम्र में ही महिला FIDE मास्टर बन गईं और अक्टूबर 2021 तक उन्होंने महिला ग्रैंडमास्टर (WGM) का खिताब हासिल कर लिया.

वह यहीं नहीं रुकी, उन्होंने बुडापेस्ट में 45वें शतरंज ओलंपियाड (2024) में भारत की टीम स्वर्ण पदक में भी योगदान दिया और विश्व टीम रैपिड एंड ब्लिट्ज चैम्पियनशिप के ब्लिट्ज सेगमेंट में 2600 से अधिक प्रदर्शन रेटिंग प्राप्त करते हुए व्यक्तिगत सम्मान अर्जित किया. अब तक वह कई पदक जीत चुकी हैं, जिनमें ओलंपियाड में तीन स्वर्ण, कई एशियाई और विश्व युवा खिताब.

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