प्राइवेट ऑर्गेनाइजेशन के मोबाइल ऐप्स में आधार-इनेबल फेस ऑथेंटिकेशन को शामिल करने की परमिशन भारत सरकार की ओर दे दी गई है. इसका फायदा यूजर्स को होगा.
यूजर्स की Identity Verification को आसान, सिक्योर और आसान बनाया जा सकेगा. इतना ही नहीं इस कदम से डिजिटल लेनदेन को सुगम बनाने के साथ सेवाओं की बेहतर पहुंच सुनिश्चित करने और Ease of Living बढ़ाने में मदद मिलेगी. इसके अलावा क्रेडिट रेटिंग ब्यूरो, ई-कॉमर्स, एजुकेशनल इंस्टीट्यूट, हॉस्पिटैलिटी, एग्रीगेटर और हेल्थकेयर सेवा प्रोवाइडर्स जैसे अन्य सेक्टर्स को फायदा होगा.
आधार-इनेबल फेस ऑथेंटिकेशन का इस्तेमाल
E-KYC वेरिफिकेशन, इंप्लॉई अंटेंडेंस मार्क, कस्टमर ऑनबोर्डिंग के साथ एग्जाम रजिस्ट्रेशन आधार फेस ऑथेंटिकेशन से हो सकेगा. यूजर्स को ये बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन सिक्योर और तेज सर्विस देगा. ओटीपी (OTP) या दस्तावेजों पर डिपेंडेंसी भी इससे कम होगी.
मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स और इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (MeitY) की माने तो , आधार ऑथेंटिकेशन फॉर गुड गवर्नेंस संशोधन नियम, 2025 के तहत ये बड़ा फैसला लिया गया है जिसका मकसद सुशासन और सेवा वितरण में पारदर्शिता और दक्षता में बढ़ोतरी करना है.
आधार गुड गवर्नेंस पोर्टल लॉन्च
आधार गुड गवर्नेंस पोर्टल (swik.meity.gov.in) भी मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स और इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (MeitY) ने लॉन्च किया है. यहां ऑथेंटिकेशन सेवाओं के लिए एप्लीकेशन और ऑनबोर्डिंग प्रोसेस से जुड़ी गाइडलाइन आपको मिल जाएगी. MeitY के सेक्रेटरी एस. कृष्णन ने इस पोर्टल को लॉन्च किया. UIDAI के CEO भुवनेश कुमार, NIC के डायरेक्टर जनरल इंदर पाल सिंह सेठी, UIDAI के डीडीजी मनीष भारद्वाज और अमोद कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी इस मौके पर मौजूद रहे.
MeitY सेक्रेटरी एस. कृष्णन ने कहा, '' भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में भी मदद आधार के जरिए मिल रही है.गुड गवर्नेंस पोर्टल को आधार कार्ड की मदद से दुरुस्त किया जा रहा है.''
आधार कार्ड करेक्शन की लिमिट भी इसके अलावा तय की गई. हालांकि मोबाइल नंबर अपडेट करने की कोई लिमिट नहीं है. आधार कार्ड में नाम को भी अपडेट किया जा सकता है हालांकि ये करेक्शन सिर्फ 2 बार किया जा सकता है.
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