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AI ने दिया बच्चे का सुख, 18 साल से परेशान कपल के लिए बना मसीहा... IVF तक हो चुका था फेल

AI के चमत्कार हर दिन होश उड़ा रहे हैं. अब AI के कमाल से एक कपल को उनके जीवन की सबसे बड़ी खुशी है. 18 साल से यह कपल बच्चे के लिए परेशान था और जब सारे इलाज फेल हो गए तब AI मसीहा बनकर सामने आया.

AI ने दिया बच्चे का सुख, 18 साल से परेशान कपल के लिए बना मसीहा... IVF तक हो चुका था फेल
Bhawna Sahni|Updated: Jul 30, 2025, 10:38 PM IST
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AI के चमत्कार के सामने एक बार फिर से इंसानी दिमाग और साइंस धरी की धरी रह गई है. अब एक ऐसा मामला सामने आया है जो न सिर्फ पूरी दुनिया के होश उड़ा रहा है, बल्कि कई लोगों के लिए बेहद खुश करने वाला भी है. दरअसल, AI ने 18 साल से बच्चे के लिए परेशान एक अमेरिकी कपल को उनकी जिंदगी की सबसे बड़ी खुशी दे दी है. इस खबर को न सिर्फ एक परिवार के सबसे खुशनुमा पल माना जाएगा, बल्कि उन लाखों लोगों के लिए के लिए भी यह राहत की है जो लंबे वक्त से बच्चे की खुशी के लिए तरस रहे हैं. कई मामलों में तो IVF भी फेल रहा है.

कपल के लिए क्या थी चुनौती
रिपोर्ट्स के मुताबिक, कपल के लिए सबसे बड़ी चुनौती थी मेल इन्फर्टिलिटी. यह एक ऐसी समस्या होती है जिसमें या स्पर्म कम होता है या फिर दिखाई ही नहीं देता. ऐसे में कपल ने बच्चे की कोशिश के लिए दुनियाभर के कई देशों में IVF की भी कोशिश की, लेकिन इस महंगे और थका देने वाले इलाज के बावजूद उन्हें कोई सफलता नहीं मिल पा रही थी. कई बार IVF कराने के बाद भी लास्ट ऑप्शन के तौर पर कपल को सर्जरी या डोनर स्पर्म का रास्ता सुझाया. हालांकि, कपल बायोलॉजिकल चाइल्स की उम्मीद नहीं छोड़ पा रहा था.

प्रेग्नेंट हो गई महिला
आखिर में कपल को उम्मीद की किरण के तौर पर STAR टेक्नोलॉजी यानी Sperm Tracking and Recovery System के बारे में पता चला. यह एक AI टेक्नोलॉजी वाला सिस्टम है, जो लाखों माइक्रोस्पोपिंक इमेजेज को स्कैन करके उनमें छिपे हुए बहुत कमजोर और रेयर स्पर्म को पहचान कर अलग करता है. अमेरिकी कपल के केस में STAR ने लगभग 80 लाख इमेजेज को स्कैन किया, जिनमें से सिर्फ तीन हेल्दी स्पर्म ही मिल पाए. इसके बाद इनका इस्तेमाल कर IVF किया गया और आखिरकार महिला प्रेग्नेंट हो गई.

IVF को दी टक्कर
AI के सिस्टम से अब साबित कर दिया है AI का इस्तेमाल सिर्फ चैटबॉट्स या रोबोटिक्स के तौर पर ही नहीं, बल्कि जिंदगी के पलों को खुशनुमा बनाने के लिए भी किया जा सकता है. दूसरी ओर IVF के इलाज को अब STAR ने चुनौती दे दी है. जहां एक ओर IVF के लिए लोगों को लाखों रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं वहीं, STAR सिस्टम के लिए करीब 2.6 लाख रुपये तक का खर्च आता है. इतना ही नहीं, यह सिस्टम सर्जरी की जरूरत भी लगभग खत्म कर देता है.

FAQ

Q1. STAR टेक्नोलॉजी क्या है और यह कैसे काम करती है?
Ans. STAR यानी Sperm Tracking and Recovery System एक AI आधारित तकनीक है, जो लाखों माइक्रोस्कोपिक इमेजेज को स्कैन करके दुर्लभ और कमजोर स्पर्म को पहचानती है और IVF के लिए अलग करती है.

Q2. यह तकनीक किन लोगों के लिए फायदेमंद है?
Ans. यह खासतौर पर उन पुरुषों के लिए उपयोगी है जिन्हें azoospermia जैसी स्थिति है, जिसमें स्पर्म दिखाई नहीं देता. ऐसे मामलों में STAR सिस्टम सर्जरी के बिना स्पर्म खोज सकता है.

Q3. क्या STAR सिस्टम IVF से सस्ता और बेहतर विकल्प है?
Ans. हां, जहां पारंपरिक IVF में लाखों रुपये खर्च होते हैं, वहीं STAR सिस्टम लगभग ₹2.6 लाख में उपलब्ध है और यह सर्जरी की जरूरत को भी कम कर देता है.

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