ई-कॉमर्स और टेक्नोलॉजी कंपनी Amazon ने हाल ही में अपनी कंपनी में भारी छंटनी की है. बताया जा रहा है कि Amazon Web Services (AWS) क्लाउड कंप्यूटिंग डिवीजन से लोगों को निकाला गया है. हालांकि, इस बात का खुलासा अभी नहीं हो पाया है कि कंपनी ने कितने लोगों की छंटनी की है. दूसरी ओर Reuters की रिपोर्ट की मानें तो लगभग 100 लोगों को कंपनी ने निकाल दिया है. ऐसा किस वजह से किया गया है, फिलहाल इसे लेकर आधिकारिक तौर पर कोई जानकारी सामने नहीं आ पाई है, लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि यह AI के बढ़ते उपयोग की वजह से हो रहा है.
CEO Andy Jassy ने दी थी चेतावनी
अमेजन की ओर से उठाया गया ये फैसला उस वक्त सामने आया है जब पिछले ही दिनों अमेजन के CEO एंडी जेसी (Andy Jassy) ने एक चेतावनी दी थी. उन्होंने अपने एक बयान में कहा था कि जनरेटिव AI टूल्स की जिस तरह से हर दिन इस्तेमाल बढ़ता जा रहा है, उसे देखते हुए लगता है कि आने वाले समय में कर्मचारियों की जरूरत कम होने वाली है और कई नौकरियों में भी कटौती हो सकती है.
ईमेल पर मिली कर्मचारियों को सूचना
अमेजन के एक प्रवक्ता ने हाल ही में बताया, 'कंपनी ने कुछ टीमों से कई पद खत्म करने का कठिन फैसला लिया है. यह फैसला इसलिए लिया गया है ताकि हम आगे नई भर्तियां, निवेश और संसाधनों का बेहतर ढंग से इस्तेमाल कर सकें. इसके अलावा हम अपने ग्राहकों के लिए नई टेक्नोलॉजी पर काम भी जारी करने जा रहे हैं.' Reuters के मुताबिक, जिन लोगों की कंपनी ने छंटनी की है उन्हें इस बारे में जानकारी एक गुरुवार की सुबह एक ईमेल के जरिए मिली थी. बता दें कि अमेजन के पास 16 लाख से भी ज्यादा लोग 31 मार्च, 2025 तक फुल टाइम और पार्ट-टाइम में काम कर रहे थे.
AWS की टीम पर पड़ा असर
इस छंटनी में सबसे ज्यादा असर AWS की टीम पर पड़ा है, जिसे स्पेशलिस्ट्स का नाम दिया गया है. ये टीम नए प्रोडक्ट आइडिया डेवलप करने और नए प्रोडक्ट्स का बेहतर तरीके से इस्तेमाल करने में मदद करते थे. गौरतलब है कि Amazon ने यह छंटनी उस वक्त की है जब Microsoft, Meta और CrowdStrike जैसी बड़ी टेक कंपनियों ने भी पिछले ही दिनों बड़ी संख्या में अपने कर्मचारियों को निकाला है.
AI टूल्स का इस्तेमाल कर रहीं कंपनियां
Reuters की मानें तो अब ज्यादातर कंपनियां सॉफ्टवेयर कोडिंग और रूटीन कामों के लिए AI टूल्स का इस्तेमाल करने लगी हैं. इस वजह से कंपनी की लागत कम होती जा रही है और वह मानव संसाधनों पर भी कम निर्भर बन रही है. ऐसे में Microsoft ने इसी साल में लगभग 9,000 कर्मचारियों को निकाला है, जो कंपनी की कुल वर्कफोर्स का लगभग 4% हिस्सा ही बताया जा रहा है.