Microsoft दुनिया की जानी-मानी टेक जाइंट कंपनी, जो कंप्यूटर सॉफ्टवेयर, हार्डवेयर और ऑनलाइन सर्विसिस बनाने के लिए जानी जाती है. पीसी और लैपटॉप के मामले में तो यह कंपनी काफी फेमस हैं लेकिन, स्मार्टफोन्स के मामले में यह कंपनी ज्यादा पॉपुलर नहीं बन पाई. मोबाइल मार्केट में माइक्रोसॉफ्ट कंपनी अपनी खास पहचान नहीं बना पाई, इसके लिए एंड्रॉयड के को-फाउंडर रिच माइनर ने बिल गेट्स को जिम्मेदार ठहराया है. हाल ही में एक इंटरव्यू में बिल गेट्स ने स्वीकार किया था कि एंड्रॉइड से हारना माइक्रोसॉफ्ट की सबसे बड़ी गलतियों में से एक थी, जिसकी वजह से कंपनी को लगभग 400 बिलियन डॉलर की मार्केट वैल्यू का नुकसान हुआ. माइनर ने दावा किया कि यह गेट्स के कारण हुआ.
माइनर से मोबाइल इकोसिस्ट के दोनों पक्षों के साथ मिलकर काम किया है. माइनर ने इस बात का खुलासा किया है कि उन्हें डर था कि माइक्रोसॉफ्ट मोबाइल के क्षेत्र में भी अपना एकाधिकार बना सकता है. जब माइनर पहले विंडोज मोबाइल फोन एसपीवी पर काम रहे थे, जिसे 2002 में ऑरेंज द्वारा लॉन्च किया गया था, तब उन्हें चिंता थी कि माइक्रोसॉफ्ट संभावित रूप से मोबाइल मार्केट को डॉमिनेट कर सकता है, जैसा कि उसने कंप्यूटर के साथ किया था.
गेट्स ने स्वीकारा
इवेंटब्राइट के सीईओ जूलिया हर्ट्ज़ के साथ एक इंटरव्यू के दौरान गेट्स ने स्वीकार किया कि स्मार्टफोन प्लेटफॉर्म पर हावी होने का मौका खोना माइक्रोसॉफ्ट की सबसे बड़ी गलतियों में से एक थी. गेट्स ने कहा कि "यह गलती मिस्मैनेजमेंट थी जिसकी वजह से माइक्रोसॉफ्ट एंड्रॉयड जैसा नहीं बन पाया." उन्होंने अनुमान लगाया कि इस चूक से कंपनी को लगभग 400 अरब डॉलर का नुकसान हुआ.
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मार्केट में देर से आया Microsoft
स्मार्टफोन मार्केट में माइक्रोसॉफ्ट काफी देर से आया, जिसके कारण कामयाब नहीं हो पाया. ऐप्पल ने जून 2007 में आईफोन लॉन्च किया, जिसने स्मार्टफोन इंडस्ट्री में क्रांति ला दी. गूगल ने सितंबर 2008 में एंड्रॉयड को लॉन्च किया, जिसे लोगों ने काफी पसंद किया. वहीं, माइक्रोसॉफ्ट ने काफी देर कर दी. माइक्रोसॉफ्ट ने 2010 में विंडोज फोन को लॉन्च किया था.
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आईफोन और एंड्रॉयड को फायदा
मार्केट में विंडोज फोन आईफोन के तीन साल बाद और एंड्रॉयड के दो साल बाद लॉन्च हुआ था, तब तक यह दोनों कंपनियां माइक्रोसॉफ्ट से काफी आगे बढ़ गई थी. इस देरी से ऐप्पल और एंड्रॉयड को काफी फायदा हुआ. दोनों कंपनियों ने मिलकर ऑपरेटिंग सिस्टम मार्केट में 99.9% की हिस्सेदारी हासिल कर ली थी. इस वजह से माइक्रोसॉफ्ट को अपनी जगह बनाने में दिक्कत हुई.