आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को लेकर भी कंपनियों के बीच काफी कॉम्पिटिशन देखने को मिल रहा है. हर कंपनी अपने AI टूल को मजबूती से दुनिया के सामने पेश करने की पूरी कोशिश कर रही है. ऐसे में Apple भी अब किसी से पीछे नहीं है. इस समय एप्पल चुपचाप अपना AI मजबूत करने की तैयारी में जुट है. अपने इस प्रोसेस के लिए कंपनी ने अब एक नई इंटरनल टीम एंसर्स, नॉलेज, एंड इंफॉर्मेशन यानी AKI में लोगों को हायर करना शुरू कर दिया है. कपंनी ने AKI टीम की शुरुआत इसी साल यानी 2025 में ही की है, जो Answer Engine बनाने पर काम कर रही है.
AKI टीम कर रही AI पर काम
बता दें कि यह सिस्टम यूजर्स के सवालों के जवाब देने के लिए बनाया गया है, जिसे काफी हद तक ChatGPT की तरह माना जा सकता है. AKI टीम खासतौर पर Siri, Safari और Spotlight जैसे कोर फीचर्स में AI को बेहतर बनाने पर ध्यान दे रही है. टीम का इस वक्त Robbie Walker लीड कर रहे हैं, जो पहले Siri के डेवलपमेंट के प्रमुख हुआ करते थे, अब वह Apple AI के चीफ John Giannandrea को रिपोर्ट करते हैं. वॉकर को पहले Siri का डेवलमेंट करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी, लेकिन Siri के एडवांस्ड AI फीचर्स में देरी होने की वजह से उन्हें AKI टीम में शिफ्ट कर दिया गया. उनके अलावा Siri टीम के कई कई मेंबर्स को भी AKI टीम में शामिल किया गया था, ताकि Apple की नई AI योजना में आगे बढ़ने की दिशा में और तेजी लाई जा सके.
Apple के पास अब है 12 वैकेंसी
Apple की करियर वेबसाइट पर देखा जा सकता है कि AKI टीम के लिए इस समय अमेरिका और चीन में 12 से ज्यादा वैकेंसी अब भी बाकी हैं. इसे देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि कंपनी अपनी AI क्षमताओं को बढ़ाने के लिए तेजी से काम कर रही है. Apple की इस प्लानिंग में एक अहम भूमिका निभा रहे हैं स्टाफ मशीन लर्निंग इंजीनियर, जो सिस्टम को इतना सक्षम बनाना चाहते हैं कि वह यूजर्स के बेहद निजी सवालों के भी सटीक जवाब दे सके. बताया जा रहा है कि इसके लिए Siri को यूजर्स के पर्सनल डॉक्यूमेंट्स से जानकारियों तक का एक्सेस दिया जाए, लेकिन इस प्रक्रिया में भी Apple यूजर्स की प्राइवेसी का पूरा ध्यान रखेगा.
देखिए Job Description
Apple ने जो वैकेंसी निकाली है उसके जॉब डिस्क्रिप्शन के मुताबिक, इस पॉजिशन के लिए लार्ज लैंग्वेज मॉडल्स (LLMs) को डिजाइन और बेहतर करना, एक्सपीरियंस को टेस्ट करना और उसमें सुधार करना और इसके लिए डेटा पाइपलाइन तैयार करने जैसे रोल शामिल हैं. इस जॉब के लिए टीम को खासतौर पर ऐसे एम्प्लॉयज की तलाश है, जो रिनफोर्समेंट लर्निंग टेकनोलॉजी का इस्तेमाल कर मॉडल्स को ठीक कर पाए यानी फाइन-ट्यूनिंग कर सके.