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भारत में Apple बनाना चीन ने किया दुश्वार, अब चली ऐसी घटिया चाल... कंपनी हुई बेहाल

Apple भारत में iPhone हब बनाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन इस कारण परेशानी चीन ने खड़ी थी. ऐसे में अब खबर आई है कि चीन ने एक बार फिर से ऐसी घटिया चाल चली है प्रोडक्शन पर असर दिखने लगा है. 

भारत में Apple बनाना चीन ने किया दुश्वार, अब चली ऐसी घटिया चाल... कंपनी हुई बेहाल
Bhawna Sahni|Updated: Jul 22, 2025, 04:50 PM IST
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Apple भारत में अपनी मैन्युफैक्चरिंग पर खास ध्यान दे रहा है. Foxconn की तेलंगाना में स्थित फैक्ट्री में Apple का फोन और अन्य प्रोडक्ट्स पर काम चल रहा है. Apple भारत में बनाए जा रहे अपने मोबाइल को बढ़ावा देने की पूरी कोशिश कर रहा है, लेकिन इस दौरान उसे काफी मुश्किलों का भी सामना करना पड़ा रहा है. खासतौर पर चीन की तरफ से लगातार ऐपल की मुसीबतें बढ़ती जा रही हैं. अब फिर खबर आ रही है कि चीन ने भारत के खिलाफ अपने घटिया इरादों को अंजाम देने के लिए नई चाल चल दी है.

चीन ने लगाई मैटेरियल पर रोक
Foxconn में इस वक्त Apple के AirPods बनाने की काम चल रहा है, जिसके लिए Dysprosium Rare Earth मेटल की जरूरत पड़ती है. लेकिन अब फैक्ट्री में इस मेटल की कमी के चलते प्रोडक्शन पर काफी असर पड़ने लगा है. बता दें कि यह मेटल AirPods में लगाए जाने वाले मैग्नेट और इलेक्ट्रॉनिक पार्ट्स के लिए बेहद जरूरी होते हैं. हालांकि, इस मैटेरियल को चीन से मंगवाया जाता है, लेकिन इस बार चीन से मैटेरियल भारत में स्थित Foxconn में भेजने पर रोक लगा दी है.

टैरिफ के बाद लिया चीन ने बड़ा फैसला

गौरतलब है कि अप्रैल, 2025 में अमेरिका की ओर से लगाए टैरिफ के जवाब में चीन ने अपने सात Rare Earth मेटल जैसे Samarium, Dysprosium, Terbium के एक्सपोर्ट पर कंट्रोल लगाना शुरू कर दिया है. ऐसे में अब Foxconn में Dysprosium एक्सपोर्ट करने के लिए चीनी सरकार की ओर से मंजूरी मिलना बेहद जरूरी है, जिसके लिए अब तक अप्रूवल नहीं मिल पाया है. हालांकि, Foxconn ने इस मामले में तेलंगाना सरकार से मदद की गुहार लगाई है, लेकिन ये मामला DPIIT और External Affairs Ministry को सौंप दिया गया है. यहां तक कि EUC (End User Certificate) भी बनवाया गया है, लेकिन इस पर भी अब तक अप्रूवल नहीं मिल पाया.

भारत सरकार और Foxconn ने दिया जवाब
इस मामले को लेकर Foxconn की ओर से कहा गया है कि फिलहाल उनके पास Dysprosium पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है, लेकिन इसकी कमी के कारण काम स्लो जरूर हो गया है. कंपनी ने बचे हुए स्टॉक के साथ ही प्रोडक्शन जारी रखा हुआ है, साथ ही, उम्मीद की जा रही है चीन इस महीने के अंत तक एक्सपोर्ट की मंजूरी दे देगा. दूसरी ओर भारत सरकार ने बताया कि मामला चीनी एम्बेसी और मिनिस्ट्री ऑफ एक्सटर्नल अफेयर्स तक पहुंच गया है. वहीं, इंडियन एम्बेसी भी बीजिंग में चीनी सरकार से बात करके इस एक्सपोर्ट पर रोक हटाने की कोशिश में जुट गई है.

इसलिए जरूरी है Dysprosium
बता दें कि Dysprosium के इस्तेमाल के बिना AirPods और कई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस ठीक से बनाए ही नहीं जा सकते. इस एक मैटेरियल की वजह से ही Neodymium नाम के मैग्नेट को ज्यादा टेंपरेचर पर भी स्टेबल रखा जा सकता है. इसे मिलिट्री कम्युनिकेशन, लेजर सिस्टम और हाई-परफॉर्मेंस डिवाइसेस को बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है.

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