आने वाले समय में अमेरिका में Apple iPhone की कीमतें $2000 (लगभग ₹1.66 लाख) से भी ऊपर जा सकती हैं. इसकी वजह हैं अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा चीन और कुछ अन्य देशों से इम्पोर्ट होने वाले प्रोडक्ट्स पर लगाए गए भारी टैरिफ (import tax). Wall Street Journal की एक रिपोर्ट के अनुसार, iPhone 16 Pro के 256GB वेरिएंट के पार्ट्स की कुल लागत पहले $550 थी, जो अब बढ़कर $820 हो सकती है. यह बढ़ोतरी चीन से आने वाले आयात पर 54% टैक्स बढ़ने की वजह से हो रही है.
Apple के iPhones ज्यादातर चीन में असेंबल किए जाते हैं, लेकिन इनके पार्ट्स दुनिया के अलग-अलग देशों से आते हैं. Reuters की एक रिपोर्ट के मुताबिक, iPhone बनाने में कुल लागत (जिसमें मैन्युफैक्चरिंग, टेस्टिंग और अन्य खर्चे शामिल हैं) 43% तक बढ़ सकती है. यानी iPhone 16 का बेस मॉडल, जिसकी मौजूदा कीमत $799 (लगभग ₹66,000) है, वह $1500 (₹1.25 लाख) तक का हो सकता है. और टॉप मॉडल iPhone 16 Pro Max (1TB वेरिएंट), जिसकी कीमत अभी $1599 है, वह $2,300 तक जा सकती है.
पहले जब ट्रंप राष्ट्रपति थे, तब Apple ने टैरिफ से छूट पा ली थी. लेकिन इस बार Apple को ऐसी कोई राहत नहीं मिली है. अब तक किसी भी प्रोडक्ट को टैरिफ से छूट नहीं मिली है.
Apple के लिए बढ़ती चुनौतियां
एक तरफ टैरिफ की वजह से कीमतें बढ़ रही हैं, वहीं दूसरी ओर Apple की iPhone की बिक्री भी पहले जैसी नहीं रही. iPhone 16 में बेहतर प्रोसेसर, बैटरी, कैमरा और AI जैसी सुविधाएं हैं, लेकिन इतनी ऊंची कीमतों पर ग्राहक खरीदने के लिए तैयार नहीं दिख रहे.
Wall Street Journal की रिपोर्ट बताती है कि iPhone में सबसे महंगा पार्ट रियर कैमरा होता है, जिसकी कीमत लगभग $127 है और ये जापान में बनता है. अन्य पार्ट्स जैसे प्रोसेसर (जो ताइवान से आता है) $90 और डिस्प्ले (जो साउथ कोरिया से आता है) $38 में आते हैं. केवल मेमोरी चिप ही अमेरिका में बनती है, जिसकी कीमत $22 है.
क्या अमेरिका में बनेगा iPhone?
ट्रंप के Secretary of Commerce, हावर्ड लुटनिक ने कहा है कि iPhone की पूरी असेंबली अब अमेरिका में होनी चाहिए. उन्होंने कहा, “करोड़ों लोग जो स्क्रू कसते हैं – अब यह काम अमेरिका में होगा.” हालांकि, अगर ऐसा होता है तो लेबर कॉस्ट यानी मजदूरी बहुत बढ़ जाएगी, जिससे iPhone और महंगा हो जाएगा. साथ ही, जो पार्ट्स दूसरे देशों से आते हैं, उन पर टैरिफ तो फिर भी लागू रहेगा.