सिलिकॉन वैली के मशहूर वेंचर कैपिटलिस्ट विनोद खोसला ने एक बार फिर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को लेकर बड़ी और चौंकाने वाली भविष्यवाणी की है. जेरोधा के को-फाउंडर निखिल कामत के पॉडकास्ट WTF में बात करते हुए उन्होंने कहा कि अगले 5 सालों में AI इंसानों की 80% नौकरियों को कर सकेगा. यानी अब वो समय दूर नहीं जब काम करने की “जरूरत” खत्म हो जाएगी और लोग सिर्फ “शौक” से काम करेंगे.
AI लेगा नौकरियों की जगह?
खोसला का मानना है कि AI सिर्फ काम आसान नहीं बनाएगा, बल्कि पूरी तरह से बदल देगा. उन्होंने कहा, “2025 से 2030 के बीच, हर वो काम जो आर्थिक रूप से जरूरी है, उसका 80% हिस्सा AI कर पाएगा.” 2040 तक, लोग इसलिए काम नहीं करेंगे कि उन्हें EMI भरनी है, बल्कि इसलिए करेंगे क्योंकि उन्हें कुछ करने में मजा आएगा.
करियर और पढ़ाई का क्या होगा?
खोसला के मुताबिक, अब वक्त आ गया है कि छात्र स्पेशलिस्ट बनने के बजाय जनरलिस्ट बनने की सोचें. यानी आपको एक ही स्किल में एक्सपर्ट बनने की जरूरत नहीं, बल्कि नई चीजें सीखने और बदलाव के साथ ढलने की क्षमता ज्यादा मायने रखेगी. उनका कहना है – “AI स्पेशलिस्ट वाले काम बेहतर कर लेगा, लेकिन इंसान का दिमाग नई सोच और कल्पना में अब भी बेजोड़ रहेगा.”
स्टार्टअप फाउंडर्स के लिए सलाह
जो युवा स्टार्टअप शुरू करना चाहते हैं, उनके लिए खोसला की सीधी सलाह है – “ऐसी समस्या चुनो जो सच में सुलझाने लायक हो. ऐसी चीज मत बनाओ जो सिर्फ एक और बिजनेस लगे, कुछ ऐसा बनाओ जो सपना लगे.” क्योंकि अब AI के कारण आइडिया को हकीकत में बदलना पहले से कहीं आसान हो जाएगा.
फ्री एजुकेशन और हेल्थकेयर?
खोसला ने एक और जबरदस्त बात कही – आने वाले 25 सालों में शिक्षा और इलाज इतने सस्ते हो जाएंगे कि लगभग मुफ्त हो जाएंगे.
“सोचिए, अगर आपके पास एक ऐसा AI डॉक्टर हो जो सबसे अच्छे डॉक्टर जितना अच्छा हो, या एक ऐसा AI टीचर जो स्टैनफोर्ड जितना ज्ञान दे सके – वो भी फ्री!”
छोटे शहरों के लिए खुशखबरी!
AI सिर्फ नौकरियों को नहीं बदलेगा, बल्कि जहां लोग काम करते हैं वो भी बदलेगा. अब महानगरों की जरूरत नहीं होगी. छोटे शहर और गांवों में भी वही मौके मिलेंगे जो पहले सिर्फ दिल्ली, मुंबई या न्यूयॉर्क में होते थे.
Q1. क्या वाकई AI से 80% नौकरियां खत्म हो जाएंगी?
खोसला का मानना है कि हां, लेकिन नई नौकरियां भी बनेंगी.
Q2. क्या AI फ्री एजुकेशन और हेल्थकेयर दे सकेगा?
भविष्य में AI टूल्स से यह संभव हो सकता है.
Q3. क्या छोटे शहरों में भी अब अच्छे मौके मिलेंगे?
हां, AI से काम की लोकेशन का महत्व कम होगा.
Q4. क्या स्टूडेंट्स को अब जनरलिस्ट बनना चाहिए?
खोसला का सुझाव है कि जनरल नॉलेज और अडैप्टबिलिटी जरूरी है.
Q5. क्या स्टार्टअप फाउंडर्स को रिस्क लेना चाहिए?
हां, सपनों की तरह बड़े आइडिया पर काम करना चाहिए.