अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने लगता है कि पूरी दुनिया के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया है. हाल ही में उन्होंने भारत पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ के बाद कुल 50 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया है. इसके बाद से ही ट्रंप की काफी निंदा की जा रही है. अभी ये मामला शांत भी नहीं हुआ था कि अब ट्रंप ने एक मशहूर और बड़ी IT कंपनी के CEO से तुरंत इस्तीफे की मांग कर तहलका मचा दिया है. दरअसल, ट्रंप ने Intel कंपनी के CEO लिप-बू-टैन (Lip Bu Tan) से तत्काल इस्तीफा देने की मांग की है. इसके बाद अब IT कंपनियों के बीच हड़कंप देखने को मिल रहा है.
ट्रंप का ये बयान सामने आने के बाद तुरंत इंटेल के शेयर्स में भी नुकसान दिखाई देने लगा है. इंटेल के शेयर में गिरावट आ गई है. यह प्री-मार्केट ट्रेडिंग में अब तक लगभग 5% तक नीचे आ चुका है.
चीन से संबंधों पर भड़के ट्रंप
इस बात की जानकारी डोनाल्ड ट्रंप के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रूथ से मिली है. उन्होंने अपने ट्रूथ अकाउंट पर लिखा, 'Intel के CEO काफी उलझन में हैं, उन्हें तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए. उनकी समस्या का और दूसरा कोई समाधान नहीं हो सका.' दरअसल, ट्रंप को ये गुस्सा टैन पर उस वक्त दिखा जब उन पर चीन के साथ संबंधों पर सवाल उठने लगे हैं. कुछ समय पहले ही इन संबंधों को लेकर दावे किए जा रहे हैं.
अमेरिकी सीनेटर ने उठाए सवाल
हाल ही में अमेरिकी सीनेटर टॉम कॉटन ने intel को एक खत लिखकर लिप-बू-टैन के चीनी कंपनियों के साथ संबंधों पर सवाल उठाए थे. कथित तौर पर इस चिट्ठी में उन्होंने टैन के चीन की सेमीकंडक्टर कंपनियों में किए गए निवेश, वहां की कम्युनिस्ट पार्टी और सेना से संबंधों को लेकर सवाल उठाए हैं. इतना ही नहीं, कॉटन ने अपने खत में यह जिक्र भी किया कि इंटेल को अमेरिका की सरकार से CHIPS Act के तहत पूरे 8 अरब डॉलर की फंडिंग दी गई है. ऐसे में कंपनी के CEO के इस तरह के कनेक्शन देश की सुरक्षा को लेकर चिंता का विषय बन जाते हैं. इसके बाद ही ट्रंप ने अब टैन से तत्काल इस्तीफा देने के लिए कह दिया है.
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अप्रैल में सामने आई थी रिपोर्ट्स
गौतरलब है कि इससे पहले इसी साल अप्रैल में एक रिपोर्ट सामने आई थी जिसमें बताया गया था कि टैन या उनके वेंचर वाली फर्मों ने चीन की कई एडवांस चिप और मैन्युफैक्चरिंग वाली कंपनियों में लगभग 200 करोड़ डॉलर का निवेश किया है. यहां तक कि इनमें से कई कंपनियों तो चीन की सेना से भी संबंधित हैं. दूसरी ओर सूत्रों ने यह दावा भी किया था कि अब टैन इन कंपनियों से पीछे हट गए हैं. हालांकि, अब फिर से चीन के साथ उनके संबंधों पर सवाल उठने लगे हैं.