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भरोसे का जाल और टेक्नोलॉजी का खेल, इससे पहले उड़ जाए आपकी भी जमा पूंजी; गांठ बांध ले ये बातें

बैकिंग ऐप्स की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही है. हाल ही में स्कैमर्स ने एक शख्स का PF अकाउंट चुटकियों में खाली कर दिया, वो भी एक ऐप के जरिए. चलिए जानते हैं क्या है पूरा मामला और कैसे आप रह सकते हैं सुरक्षित.

भरोसे का जाल और टेक्नोलॉजी का खेल, इससे पहले उड़ जाए आपकी भी जमा पूंजी; गांठ बांध ले ये बातें
Bhawna Sahni|Updated: Aug 03, 2025, 10:49 PM IST
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भारत में फेक बैंकिंग ऐप्स से सावधान रहना अब पहले से ज्यादा जरूरी हो गया है. हाल ही में केरल के एक शख्स के साथ ऐसा ही धोखाधड़ी का मामला सामने आया, जिसमें उनका PF अकाउंट खाली हो गया. उन्हें बैंक की तरफ से भरोसेमंद लगने वाला एक SMS मिला, जिसमें कहा गया था कि मोबाइल बैंकिंग ऐप को अपडेट करें. उन्होंने लिंक पर क्लिक कर ऐप डाउनलोड किया और जैसे ही लॉगिन डिटेल्स दिए, कुछ ही मिनटों में दो ट्रांजैक्शन हुए और उनके अकाउंट से 4 लाख रुपये गायब हो गए.

पुलिस जांच में मिली ये जानकारी
साइबर पुलिस ने जांच में पाया कि शख्स ने जिस लिंक से ऐप डाउनलोड किया गया वो पूरी तरह नकली था, जिसमें पहले से एक स्क्रीन-शेयरिंग फीचर था. इस छिपे हुए टूल की मदद से स्कैमर्स ने पीड़ित के मोबाइल या कंप्यूटर की स्क्रीन को सीधे अपने सिस्टम पर लाइव देखा. जैसे ही उन्होंने लॉगिन डिटेल्स डाले, स्कैमर्स ने रियल-टाइम में हर हरकत को ट्रैक किया और उनके बैंक अकाउंट को कंट्रोल कर लिया.

कई बार सामने आए ऐसे मामले
बता दें कि ये यह पहला ऐसा मामला नहीं. इस तरह के फर्जी केस इन दिनों अक्सर देखने को मिलने लगे है. इन नकली ऐप्स की सबसे खतरनाक बात ये है कि ये दिखने में बिल्कुल असली ऐप्स जैसे लगते हैं. इनका डिजाइन, नाम, और लोगो इतने भरोसेमंद लगते हैं कि आम यूजर्स आसानी से इस धोखे में फंस जाते हैं. ये फर्जी ऐप्स कई बार गूगल प्ले स्टोर पर भी दिख जाते हैं. ऐसे में चलिए जानते हैं इन फर्जी ऐप्स से कैसे बचा जा सकता है.

कैसे काम करते हैं ये फर्जी ऐप्स
स्कैमर्स SMS, फर्जी लिंक्स या ईमेल के जरिए कोड भेजते हैं, जो यूजर्स को नकली वेबसाइट पर ले जाते हैं. ये वेबसाइटें दिखने में असली बैंकिंग साइट जैसी होती हैं. जहां लोग जैसे ही अपना लॉगिन डालते हैं, डिटेल्स चोरी हो जाती हैं. इन लिंक्स के अंदर ऐसे वायरस छिपे होते हैं जो कुछ देर बाद एक्टिव होते हैं, जब सुरक्षा सिस्टम उन पर ध्यान देना बंद कर देते हैं. वहीं, ज्यादातर फर्जी ऐप्स बिल्कुल साधारण ऐप्स जैसे ही दिखते है, जो यूजर्स का भरोसा जीत लेता है. वहीं, एक बार ये ऐप इंस्टॉल हो जाए तो स्कैमर्स आपके SMS पढ़ सकते हैं, आपके बैंकिंग लॉगिन कैप्चर कर सकते हैं, यहां तक कि OTP भी चुरा सकते हैं और कुछ मामलों में ये स्क्रीन-शेयरिंग टूल के जरिए आपके फोन या कंप्यूटर को दूर से भी कंट्रोल कर सकते हैं.

इस तरह पहचानें फर्जी ऐप्स

1. ऐप को सिर्फ बैंक की ऑफिशियल वेबसाइट या भरोसेमंद ऐप स्टोर से ही डाउनलोड करें. गूगल पर सर्च करके किसी लिंक से कुछ इंस्टॉल न करें.
2. किसी भी ऐप को इंस्टॉल करने से पहले उसके डेवलपर का नाम, यूजर रिव्यूज और डाउनलोड किए जाने की संख्या जरूर देख लें.
3. अगर कोई ऐप आपकी फोटो गैलरी, कॉन्टैक्ट्स या स्क्रीन कंट्रोल जैसी अजीब सी परमिशन मांग रहा है तो समझ जाएं कि फर्जी होने के संकेत हैं.
4. अपने बैंकिंग अकाउंट्स में टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन जरूर एक्टिव करें.
5. अनजान नंबर से आए मेसेज या ईमेल में भेजे गए किसी लिंक पर कभी क्लिक न करें.
6. किसी ऐप या वेबसाइट में स्पेलिंग मिस्टेक्स दिखें, जैसे बैंक का नाम थोड़ा बदलकर लिखा गया हो तो यह स्कैम हो सकता है.
7. सोशल मीडिया पर मिलने वाले या विज्ञापन से डाउनलोड की गई APK फाइल्स इंस्टॉल करने से बचें.

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