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संडे के दिन करना पड़ा 4 घंटे काम...Google की इंजीनियर ने लिखा लंबा-चौड़ा पोस्ट, किए ये खुलासे

Google Engineer Viral Post: काम और निजी जीवन को अलग-अलग रखने की बात हमेशा होती रहती है. अब गूगल की एक इंजीनियर ने सोशल मीडिया पर इस बहस को फिर से हवा दे दी है. 

संडे के दिन करना पड़ा 4 घंटे काम...Google की इंजीनियर ने लिखा लंबा-चौड़ा पोस्ट, किए ये खुलासे
Raman Kumar|Updated: Apr 28, 2025, 06:16 PM IST
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Google: काम और निजी जीवन को अलग-अलग रखने की बात हमेशा होती रहती है. लोग इस बारे में बहुत कुछ कहते और लिखते हैं कि काम और अपनी जिंदगी को कैसे साथ में लेकर चलें. कर्मचारियों से बिना ज्यादा पैसे दिए ज्यादा काम करवाने के बारे में भी बातें होती हैं. कुछ बड़े अधिकारी इसको सपोर्ट करते हैं और कुछ इसका विरोध करते हैं. अब गूगल की एक इंजीनियर ने सोशल मीडिया पर इस बहस को फिर से हवा दे दी है. उन्होंने रविवार को चार घंटे काम करने के बाद काम और निजी जीवन के संतुलन के बारे में खुलकर बात की.

गूगल में सॉफ्टवेयर इंजीनियर अनु शर्मा ने बताया कि उन्हें रविवार को एक तकनीकी समस्या के कारण चार घंटे काम करना पड़ा. उन्होंने कहा कि लोगों को लगता है कि बड़ी कंपनियों में ऑन कॉल रहना आसान होता है, लेकिन असल में यह स्टार्टअप कंपनियों से ज्यादा मुश्किल होता है. शर्मा ने अपनी पोस्ट के आखिर में काम और निजी जीवन के संतुलन पर विचार करते हुए कहा कि कंपनियां कर्मचारियों को इसके लिए पैसे नहीं देतीं.

गूगल इंजीनियर का पोस्ट

अनु शर्मा ने रविवार 27 अप्रैल को X (पहले ट्विटर के नाम से जाना जाता था) पर एक पोस्ट में लिखा कि "रविवार को पिछले 4 घंटे एक तकनीकी समस्या में बिताए. FAANG कंपनी में ऑन कॉल रहना स्टार्टअप से कहीं ज्यादा मुश्किल है और इसका असर भी बड़ा होता है. मेरा विश्वास करो, आपको काम और निजी जीवन के संतुलन के लिए पैसे नहीं मिलते."   

टेक्नोलॉजी में "ऑन कॉल" का मतलब है कि आपको सामान्य काम के घंटों के बाद भी जरूरी समस्याओं या खराबी आने पर तुरंत जवाब देना होता है. FAANG पांच बड़ी अमेरिकी टेक्नोलॉजी कंपनियों (फेसबुक (अब मेटा), अमेजन, ऐप्पल, नेटफ्लिक्स और गूगल) के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एक नाम है.

X पर हुई बहस 

गूगल इंजीनियर की इस पोस्ट पर X पर खूब बहस हुई. कुछ लोगों ने उन पर स्टार्टअप का मजाक उड़ाने का आरोप लगाया, तो कुछ ने उन्हें एहसानफरामोश कहा.

एक X यूजर ने लिखा कि "आपको गूगल में 40 लाख रुपये से ज्यादा मिलते हैं, ऑन कॉल के लिए मत रोइए. आप AC में काम करते हैं, गर्मी में नहीं. मजदूर और डिलीवरी वाले लोग भी काम करते हैं. अगर कोई कंपनी आपको इतना पैसा देती है तो वे आपसे कुछ काम करने की उम्मीद करते हैं, न कि सिर्फ 'एक दिन की जिंदगी' का व्लॉग बनाकर खाने का."

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एक अन्य ने कहा "रविवार को सिर्फ 4 घंटे की तकनीकी समस्या ने आपका नजरिया बदल दिया? बड़ी बात यह है कि आप एक जानी-मानी कंपनी के लिए काम करते हैं और आपको अपनी कुशलता, लगन, समर्पण और अनुभव के लिए पैसे मिलते हैं. अगर आपको काम और निजी जीवन का संतुलन चाहिए, तो आपको कुछ और देखना पड़ सकता है."

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कुछ लोग हुए सहमत

कुछ लोग अनु की बात से सहमत भी हुए. नीरज सिंह नाम के एक यूजर ने लिखा कि "बड़ी कंपनी में ऑन कॉल होना बहुत अलग होता है. दबाव असली होता है और इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि रविवार है. लोगों को यह एहसास नहीं होता कि आप सिर्फ समय से कहीं ज्यादा चीजें दे रहे होते हैं."

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