बढ़ती बिजली की खपत और ऊर्जा-संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार एक नई योजना पर काम कर रही है. इस योजना के तहत कंज्यूमर्स को उनके पुराने और ज्यादा बिजली खाने वाले एयर कंडीशनर (AC) को नए फाइव-स्टार रेटेड AC से बदलने के लिए फाइनेंशियल इंसेटिव दिया जाएगा. बिजनेस स्टेंडर्ड की खबर के मुताबिक, यह योजना मिनिस्ट्री ऑफ पावर एंड ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशियंसी (BEE) द्वारा तैयार की जा रही है और इसके जरिए शहरी इलाकों में बिजली की मांग को कम करने और लोगों के बिजली बिल घटाने की कोशिश की जा रही है.
AC की मांग बढ़ी, बिजली की खपत भी बढ़ी
जैसे-जैसे देश में तापमान और आमदनी बढ़ रही है, वैसे-वैसे AC की बिक्री भी तेजी से बढ़ रही है. साल 2021-22 में जहां 84 लाख AC बिके थे, वहीं 2023-24 में यह आंकड़ा करीब 1.1 करोड़ तक पहुंच गया. लेकिन यह बढ़ोतरी बिजली की भारी खपत के साथ आ रही है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल बिल्डिंग्स ने करीब 500 टेरावाट-घंटा (TWh) बिजली की खपत की, जिसमें करीब 25% सिर्फ ठंडक (cooling) के लिए खर्च हुई.
अभी भी अधिकतर भारतीय घरों में 3 स्टार से कम रेटिंग वाले पुराने AC लगे हैं जो बहुत ज्यादा बिजली खाते हैं. BEE के अनुसार, अगर कोई उपभोक्ता अपने पुराने AC को फाइव-स्टार रेटेड नए AC से बदलता है, तो वह हर साल करीब ₹6,300 तक बिजली बिल की बचत कर सकता है. साथ ही, गर्मियों के पीक सी.न में नेशनल ग्रिड पर भी दबाव कम होगा.
योजना कैसे काम करेगी?
हालांकि योजना के सभी विवरण अभी तय नहीं हुए हैं, लेकिन सरकार कुछ प्रमुख ऑप्शन्स पर विचार कर रही है:
1. रिसाइक्लर के जरिए बायबैक: कंज्यूमर अपने पुराने AC को प्रमाणित रिसाइक्लर को दे सकेंगे और बदले में एक प्रमाण पत्र मिलेगा, जो नए AC की खरीद पर छूट के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकेगा.
2. निर्माताओं द्वारा छूट: AC बनाने वाली कंपनियां पुराने AC के बदले नए फाइव-स्टार मॉडल्स पर इंस्टेंट डिस्काउंट दे सकती हैं.
3. बिजली बिल में छूट: बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) के साथ मिलकर सरकार बिजली बिल में रियायत देने पर भी विचार कर रही है.
जलवायु लक्ष्यों से भी जुड़ी योजना
यह योजना भारत के लॉन्ग-टर्म India Cooling Action Plan (ICAP) का हिस्सा है, जिसका लक्ष्य 2038 तक कूलिंग एनर्जी डिमांड को 40% तक घटाना है. अनुमान है कि आने वाले वर्षों में सिर्फ स्पेस कूलिंग ही कुल बिजली खपत का लगभग 30% हिस्सा बन जाएगी. ऐसे में एनर्जी एफिशिएंट उपकरणों को अपनाना न सिर्फ बिजली बचाने के लिए बल्कि पर्यावरण संरक्षण के लिए भी .रूरी है.
उद्योग की प्रतिक्रिया और अगला कदम
सरकार ने Voltas, Blue Star, LG, Samsung और Lloyd जैसी प्रमुख कंपनियों से बातचीत शुरू कर दी है ताकि योजना को सही तरीके से लागू किया जा सके. इन चर्चाओं से योजना की रूपरेखा, कीमतों की रणनीति, पुराने AC की कलेक्शन व्यवस्था और रिसाइक्लिंग के नियम तय किए जाएंगे.
दिल्ली में चल रही है ऐसी ही स्कीम
BSES पहले से दिल्ली में एक ऐसी योजना चला रही है जिसमें कंज्यूमर्स को पुराने AC के बदले नए इन्वर्टर/फाइव-स्टार AC पर 60% तक की छूट मिलती है. यह स्कीम सिर्फ उन्हीं ACs के लिए है जो 3 स्टार या उससे कम रेटिंग वाले हैं और काम की हालत में हैं. एक उपभोक्ता 3 AC तक बदल सकता है.