Autobiography of a Yogi: ऐप्पल के को-फाउंडर Steve Jobs ने अपने दोस्तों और साथ में काम करने वालों को एक खास तोहफा दिया था. यह तोहफा हिंदू गुरु परमहंस योगानंद की किताब 'Autobiography of a Yogi' थी. यह किताब एक साधारण भूरे रंग के डिब्बे में दी गई थी. इस किताब ने स्टीव जॉब्स के जीवन पर काफी प्रभाव डाला.
कुछ साल पहले टेकक्रंच डिसरप्ट कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए सेल्सफोर्स के सीईओ मार्क बेनिओफ ने बताया कि यह किताब सेल्फ-रियलाइजेशन यानी आत्म-साक्षात्कार पर केंद्रित थी और जॉब्स की अंतर्ज्ञान और आत्म-निरीक्षण में गहरी आस्था को दर्शाती थी. बेनिओफ ने समझाया कि "वही उनका मैसेज था. खुद को साकार करें. उन्हें इस बात का अद्भुत एहसास हुआ था कि उनका अंतर्ज्ञान उनका सबसे बड़ा तोहफा है और उन्हें दुनिया को अंदर से बाहर देखने की जरूरत है."
स्टीव जॉब्स का निधन
स्टीव जॉब्स का निधन 5 अक्टूबर 2011 को 56 वर्ष की आयु में हुआ था. उनका निधन कैलिफोर्निया के पालो ऑल्टो में उनके घर पर हुआ, जहां वे अपने परिवार के साथ रहते थे. जॉब्स न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर नाम के पैनक्रियाटिक कैंसर से पीड़ित थे, जिसका पता 2004 में पहली बार चला था.
स्टीव जॉब्स ने अपनी अंतिम इच्छा के अनुसार अपनी अंतिम यात्रा की योजना बनाई थी. बेनिओफ ने जॉब्स की गहरी आध्यात्मिकता के बारे में भी बताया, जिसके बारे में कई लोग नहीं जानते. बेनिओफ स्टीव जॉब्स के करीबी दोस्त थे और मैकिन्टोश प्रोजेक्ट पर उनके शुरुआती सहयोगी थे.
Steve Jobs ने खुद तय की यह बातें
अपने जीवन के अंतिम दिनों में स्टीव जॉब्स ने अपनी याद में होने वाले कार्यक्रम की हर छोटी-छोटी बात पर बहुत ध्यान दिया. उन्होंने खुद ही तय किया कि कौन-कौन लोग इस कार्यक्रम में बोलेंगे, किन लोगों को बुलाया जाए और कौन-कौन से कलाकार इसमें परफॉर्म करेंगे. उन्होंने मशहूर गायक बोनो और कलाकार यो-यो मा को भी इस कार्यक्रम के लिए चुना.
जब कार्यक्रम खत्म हुआ और मेहमान जा रहे थे, तो हर एक को एक किताब की कॉपी दी गई. इस किताब में जॉब्स का मैसेज था कि लोगों को खुद को बेहतर बनाने की कोशिश करनी चाहिए. बेनिओफ ने बताया कि जॉब्स ने ये सब जानबूझकर किया था. वे चाहते थे कि लोग उनकी इस बात को याद रखें.
गुरु परमहंस योगानंद की किताब स्टीव जॉब्स के लिए इतनी खास क्यों थी?
'ऑटोबायोग्राफी ऑफ ए योगी' किताब स्टीव के लिए बहुत मायने रखती थी. जैसा कि वाल्टर इसाकसन द्वारा उनकी जीवनी में बताया गया है उन्होंने पहली बार टीनएज में इस किताब को पढ़ा था फिर कुछ साल बाद भारत में रहते हुए और फिर साल में एक बार.
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बेनिओफ ने Apple को दी सलाह
बेनिओफ ने यह भी बताया कि कैसे जॉब्स का मैसेज आज ऐप्पल का मार्गदर्शन कर सकता है, क्योंकि कंपनी कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना कर रही है. सैमसंग और गूगल के एंड्रॉइड डिवाइस ऐप्पल के iPhone और iPad को पीछे छोड़ रहे हैं और पिछले एक साल में इसके शेयर 30% गिर गए हैं. बेनिओफ ने ऐप्पल को अपनी असली पहचान खोजने के लिए प्रोत्साहित किया.
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उन्होंने कहा "ऐप्पल के लिए, उन्हें खुद को खोजना होगा और वही बनना होगा जो वे हैं. कई मायनों में वे अभी भी उसकी तरह बनने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन उन्हें बस खुद के प्रति सच्चा रहने की जरूरत है. अतीत का सम्मान करें, और जैसा कि स्टीव कहते थे 'भविष्य का प्रोजेक्ट करें.'"