trendingNow12839902
Hindi News >>टेक
Advertisement

Reels देखने वाले हो जाएं सावधान! रिसर्च में हुए इस खतरनाक खुलासे ने उड़ाए होश

Instagram Reels और Youtube Shorts देखते हुए आजकल लोग अपना ज्यादातर वक्त बिता देते हैं. अक्सर देखा जाता है कि जब भी लोगों को वक्त मिलता है वह रील्स देखने लगते हैं. ऐसे में अब एक रिसर्च में एक चौंका देने वाला खुलासा हुआ है, जिसने लोगों को हैरान कर दिया है.

Reels देखने वाले हो जाएं सावधान! रिसर्च में हुए इस खतरनाक खुलासे ने उड़ाए होश
Bhawna Sahni|Updated: Jul 14, 2025, 05:22 PM IST
Share

YouTube Shorts और  Instagram Reels का आजकल लोगों को ऐसा चस्का लगा है कि वक्त मिलते ही या तो लोग अपनी Reels बनाना शुरू कर देते हैं या फिर देखने लगते हैं. बच्चों से लेकर बड़े-बूढें आज अपना ज्यादातर वक्त रील्स और शॉर्ट्स देखते हुए बिता रहे हैं. अगर आप भी इन्हीं में से एक हैं तो आज की ये खबर आपके नाम है. हाल ही में एक नई रिसर्च में खुलासा हुआ है कि Reels और Shorts देखने की आदत आपके दिमाग पर इतना बुरा असर डाल रही है कि आज इसका अंदाजा भी नहीं लगा सकते.

Reels और Shorts का हो रहा ये नुकसान
हम सभी ने अक्सर देखा है कि लोग खाली वक्त में Reels और Shorts देखने लगते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि जिसे आप अपना एंटरटेनमेंट समझ रहे हैं वो आदत आपके दिमाग को धीरे-धीरे थकाने लगी है. इतना ही नहीं, इस कारण आपकी कॉन्सन्ट्रेशन पावर भी कमजोर होती जा रही है. ऐसा हम नहीं कह रहे, बल्कि ये बात एक चीन में हुई एक रिसर्च के दौरान सामने आई है.

लगातार तेजी से काम करता है दिमाग
हाल ही में चीन की Tianjin Normal University के प्रोफेसर क्यांग वांग और उनकी टीम की रिसर्च को जर्नल NeuroImage ने पब्लिश किया है. इस रिसर्च में सामने आया है कि Reels या Shorts देखने की वजह से हमारे दिमाग को लगातार काम करते रहना पड़ता है. ये वीडियोज इतनी तेजी बदलते रहते हैं कि इस वजह से दिमाग को भी तेजी से लगातार काम करते रहना पड़ता है, जिससे थकान तो होती ही है साथ ही बेचैनी भी बढ़ जाती है.

कम हो रही कॉन्सन्ट्रेट की पावर
इसके अलावा रिसर्च में यह भी साबित हुआ है कि Reels और Shorts देखने की आदत अटेंशन या कॉन्सन्ट्रेट करने की पावर को भी कमजोर बना देती है. ऐसे में जब आप कोई काम करते हैं तो उन पर पूरी तरह से ध्यान नहीं केंद्रित बन पाते और एक ही काम में लंबे वक्त तक उलझे रह जाते हैं.

बच्चों और टीनएजर्स बन रहे शिकार
रिसर्च में सामने आया है कि Reels और Shorts खासतौर से बच्चों और टीनएजर्स को अपना निशाना बना रही हैं. क्योंकि इस उम्र में अभी उनका दिमाग डेवलप ही हो रहा होता है, लेकिन इन वीडियोज को देखने की आदत के कारण उनका ध्यान इधर-उधर भटकने लगता है और वह किसी काम को कॉन्सन्ट्रेशन के साथ कर ही नहीं पाते.

थकने लगता है दिमाग
Reels और Shorts कुछ सेकंड्स के बनाए जाते हैं, जिससे की हर मिनट आप अलग-अलग तरह के कई कंटेंट देख रहे होते हैं. इस दौरान आपके दिमाग से डोपामीन नाम का न्यूरोट्रांसमीटर रिलीज होता है जो उस समय आपको खुश का एहसास कराता है और इसीलिए आप लगातार कई घंटे इन रील्स के साथ बिता देते हैं. हालांकि, इसी वजह से आपका दिमाग जल्दी थकने लगता है. ऐसे में एक वक्त वो भी आता है जब आप बिना रील्स या शॉर्ट्स देखे बोर होने लगते हैं.

अब कचरे से निकाल पाएंगे सोना! वैज्ञानिकों ने खोज निकाला सबसे आसान तरीका

क्या करें
Reels या Youtube Shorts देखने की आदत को बेशक आज डिजिटल के दौर में पूरी तरह से नहीं छोड़ा जा सकता, लेकिन आप इसे इतना कंट्रोल जरूर कर सकते हैं कि यह एक वक्त पर आपको कंट्रोल न कर पाए. ऐसे में एक लिमिट तक ही रील्स देखें. वहीं, ब्रेक मिलने पर स्क्रीन से दोस्तों के साथ वक्त बिताएं या किताबें पढ़ें. इसके अलावा आप चाहें तो कोई लॉन्ग वीडियो देख सकते हैं, जिससे कि आपकी एक ही चीज पर फोकस करने की आदत बढ़ेगी. इस बीच खासतौर पर बच्चों के स्क्रीन टाइम पर नजर जरूर बनाए रखें.

Read More
{}{}