मोबाइल यूजर्स जल्द ही एक बड़ा झटका लगने वाला है. ET की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इसी साल के अंत तक मोबाइल प्लान्स की कीमतें 10-12 पर्सेंट तक बढ़ाई जा सकती हैं. विशेषज्ञों और इंडस्ट्री एग्जिक्यूटिव का कहना है कि मई महीने में एक्टिव यूजर्स की संख्या और डाटा की खपत में लगातार इजाफा देखने को मिली. पिछले पांच महीनों में इस बढ़त ने अब टेलीकॉम कंपनियों की भूख को काफी बढ़ा दिया है. यूजरबेस की इस बढ़त को देखकर कंपनियां एक बार फिर से टैरिफ हाइक कर सकती हैं.
2024 में भी हुई थी बढ़ोतरी
हालांकि, विशेषज्ञों ने यह भी कहा है कि जुलाई 2024 में ही 11-23% प्लान में बढ़ोतरी की जा चुकी हैं, ऐसे में अब फिर से नई हाइक यूजर्स पर भारी पड़ सकती है और यह फैसला गलत साबित हो सकता है. विशेषज्ञों का अनुमान है कि अगले राउंड में टेलीकॉम कंपनियां टियर प्राइसिंग भी लागू कर सकती हैं, जिससे बड़े डाटा प्लान्स में मिलने वाले बेनिफिट्स में भी कटौती की जा सकती है.
मई में टूटा था रिकॉर्ड
मई में मोबाइल यूजर्स की संख्या में 29 महीनों का रिकॉर्ड टूटता दिखा. यहां 7.4 मिलियन यूजर्स का आंकड़ा नए एक्टिव यूजर्स जुड़ने के बाद 1.08 बिलियन तक पहुंच गया. बता दें कि यह लगातार पांचवां महीना था जब नेट यूजर एडिशन में बढ़ोतरी देखने को मिली. इस दौरान रिलायंस Jio ने 5.5 मिलियन नए एक्टिव यूजर्स जोड़कर अपनी एक्टिव यूजर हिस्सेदारी को 53% तक बढ़ा दिया, वहीं Airtel ने भी 1.3 मिलियन यूजर्स जोड़कर 36% की हिस्सेदारी के साथ महीना खत्म किया था.
दोबार शुरू हुआ सेकेंडरी सिम का इस्तेमाल
एक वरिष्ठ इंडस्ट्री एग्जिक्यूटिव ने ईटी से बात करते हुए कहा, 'मई में एक्टिव यूजर्स की तेजी से बढ़ती संख्या सिर्फ हालिया टैरिफ बढ़ोतरी को स्वीकार करने की वजह से नहीं है. असल में अब सेकेंडरी सिम का इस्तेमाल दोबारा शुरू हो गया है.' उन्होंने ये भी कहा कि अब टैरिफ आधारित कंसोलिडेशन पीछे छूट चुका है और भविष्य में यूजर जोड़ने की रफ्तार इस बात पर निर्भर करेगी कि 5G एक्सपैंशन किस तरह अपनाया जाएगा.
तेजी से बढ़ रही यूजर ग्रोथ
टैरिफ ब्रोकरेज जेफरीज के मुताबिक, Jio जैसी टॉप टेलीकॉम कंपनियों की तेजी से बढ़ती यूजर ग्रोथ एक ऐसा माहौल तैयार कर रही है जो भविष्य में टैरिफ हाइक को आसान बना सकता है. वहीं, Vi के ग्राहकों की लगातार घटती संख्या से एयरटेल और जियो को बाजार में बड़ी हिस्सेदारी हासिल करने का मौका मिल रहा है. इससे दोनों कंपनियां कीमतों में बदलाव करके अपनी कमाई को बेहतर कर सकती हैं.
पहले से तनाव में है कम आय वर्ग
एनालिस्ट्स का मानना है कि बेसिक प्लान्स में भारी बढ़ोतरी से लोअर-इनकम यूजर्स पहले से ही दबाव में हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि अब कंपनियां मिड और अपर-लेवल प्लान्स को टारगेट करते हुए कीमतें बढ़ा सकती हैं, लेकिन ऐसे में भी यूजर में कमी होने के बजाय मार्केट में कंसोलिडेशन को बढ़ावा मिल सकता है.
मिड और अपर इनकम कैटेगरीज पर ज्यादा मार
टेलीकॉम सेक्टर से जुड़े एक विशेषज्ञ ने नाम न बताने की शर्त पर कहा है कि मोबाइल प्लान्स की दरों में 10-12% तक की वृद्धि हो सकती है. हालांकि, उन्होंने साफ किया कि यह बढ़ोतरी सभी यूजर ग्रुप्स पर एक समान रूप से लागू नहीं होंगे. खासतौर पर मिड और अपर इनकम कैटेगरीज को इसकी अधिक मार झेलनी पड़ सकती है.