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कचरे के पहाड़ में दफन हुए 6 हजार करोड़, पाने के लिए इतना कुछ कर गया; दुनिया रह गई हैरान

आईटी प्रोफेशनल James Howells  एक आम ऑफिस की सफाई करते वक्त अपनी पुरानी हार्ड ड्राइव को फेंक बैठे. उन्हें नहीं पता था कि उस ड्राइव में उनके बिटकॉइन वॉलेट की प्राइवेट की सेव थी. फिर जानिए क्या हुआ...

कचरे के पहाड़ में दफन हुए 6 हजार करोड़, पाने के लिए इतना कुछ कर गया; दुनिया रह गई हैरान
Mohit Chaturvedi|Updated: Jun 06, 2025, 08:15 AM IST
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आज जहां बिटकॉइन करोड़ों में बिक रहा है, वहीं एक इंसान ऐसा भी है जिसने गलती से 8,000 बिटकॉइन हमेशा के लिए खो दिए. James Howells, जो वेल्स के न्यूपोर्ट शहर में आईटी प्रोफेशनल हैं, 2013 में एक आम ऑफिस की सफाई करते वक्त अपनी पुरानी हार्ड ड्राइव को फेंक बैठे. उन्हें नहीं पता था कि उस ड्राइव में उनके बिटकॉइन वॉलेट की प्राइवेट की सेव थी. उस वक्त इन बिटकॉइन की कीमत लगभग 80 लाख डॉलर थी, लेकिन आज उनकी कीमत करीब 742 मिलियन डॉलर (लगभग ₹6,000 करोड़) होती.

कैसे हुई यह गलती?
2013 में बिटकॉइन नया और बहुत लोगों के लिए अनजान था. लोग इसे एक रिस्क वाला डिजिटल कॉइन मानते थे. Howell ने भी इसे बस एक कोशिश की तरह देखा और फिर उस पुराने हार्ड ड्राइव को कबाड़ समझकर न्यूपोर्ट के कचरा डंप में फेंक दिया. बाद में जब बिटकॉइन की कीमत तेजी से बढ़ने लगी, तो उन्हें अपनी गलती का एहसास हुआ.

हार नहीं मानी
इसके बाद शुरू हुई उनकी 11 साल लंबी कोशिश. उन्होंने हार्ड ड्राइव को ढूंढ़ने के लिए एक हाईटेक प्लान बनाया जिसमें AI ड्रोन्स, रोबोटिक मशीनें, और सेफ्टी तकनीक शामिल थीं. वे खुद इस पूरे प्रोजेक्ट का खर्च उठाने को तैयार थे, बस उन्हें नगरपालिका से अनुमति चाहिए थी कि वे कचरे के मैदान की खुदाई कर सकें.

लेकिन सामने आई कानूनी और सरकारी रुकावटें
न्यूपोर्ट सिटी काउंसिल ने पर्यावरण को नुकसान होने की आशंका जताते हुए उन्हें अनुमति देने से इनकार कर दिया. उनका कहना था कि लैंडफिल से जहरीली गैसें निकल सकती हैं और पानी भी प्रदूषित हो सकता है. साथ ही, ब्रिटेन के कचरा प्रबंधन कानून के अनुसार जो भी चीज लैंडफिल में फेंकी जाती है, उसकी मालिकाना हक साइट के पास होता है. इस वजह से Howells की मांग को कानूनी रूप से भी मंजूरी नहीं मिली.

कानूनी लड़ाई का अंत
2024 में एक ब्रिटिश जज ने साफ कहा कि Howells की रिकवरी की कोशिशों की “कोई वास्तविक संभावना नहीं” है. कोर्ट ने माना कि हार्ड ड्राइव इतने सालों में खराब हो चुकी होगी – नमी, तापमान और दबाव ने उसे बर्बाद कर दिया होगा. इसके अलावा कानून में समय की सीमा भी होती है, जिससे उनका केस खारिज कर दिया गया.

लेकिन कहानी अभी खत्म नहीं हुई
अब जबकि बिटकॉइन तो नहीं मिला, Howells की कहानी जरूर दुनिया तक पहुंचेगी. BBC की रिपोर्ट के अनुसार, Los Angeles की कंपनी LEBUL ने इस कहानी पर एक डॉक्युमेंट्री सीरीज़, पॉडकास्ट और शॉर्ट वीडियो बनाने का फैसला किया है. इसका नाम होगा “The Buried Bitcoin: The Real-Life Treasure Hunt of James Howells” और इसे 2025 के आखिर में रिलीज़ किया जाएगा.

Howells का कहना है कि, “यह पहली बार है जब मैं दुनिया को दिखा पाऊंगा कि हम लैंडफिल साइट पर क्या करना चाहते थे.” कोर्ट भले ही उनके खिलाफ गया हो, लेकिन वो कहते हैं, “मैं अभी भी हार नहीं मान रहा हूं.”

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