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I Am Sorry India... Mark Zuckerberg के बयान के बाद Meta ने मांगी मोदी सरकार से माफी

Meta apologized to India: मार्क जुकरबर्ग के एक बयान पर मेटा ने भारत से माफी मांगी है. मार्क जुकरबर्ग ने एक बयान दिया था जो काफी चर्चाओं में रहा. जुकरबर्ग ने कहा था कि दुनियाभर की सरकारों से लोगों का भरोसा कोविड-19 के बाद हिल गया. 

 PM Narendra Modi And Mark Zuckerberg
PM Narendra Modi And Mark Zuckerberg
Harshul Mehra|Updated: Jan 15, 2025, 02:31 PM IST
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Meta apologized to India: मार्क जुकरबर्ग (Mark Zuckerberg) के बयान पर फेसबुक की पेरेंट कंपनी मेटा ने भारत से माफी मांगी है. उन्होंने माफी मांगते हुए लिखा कि भारत मेटा के लिए महत्वपूर्ण देश है. अनजाने में हुई गलती के लिए हम माफी मांगना चाहते हैं. आपको बताते हैं कि ये पूरा मामला क्या है?

मार्क जुकरबर्ग का एक बयान काफी चर्चाओं में रहा था. उस बयान में उन्होंने कहा था कि दुनियाभर की सरकारों से लोगों का भरोसा कोविड-19 के बाद हिल गया. इसी वजह से उनकी हार हुई. इस बयान में उन्होंने भारत का भी जिक्र किया. इस पर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई थी.

क्या था मामला

बता दें कि फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग (Mark Zuckerberg) ने बयान दिया था,''कोविड-19 महामारी (Covid-19 Pandemic) के बाद भारत सहित अधिकांश देशों की मौजूदा सरकारों को 2024 में चुनावी हार का सामना करना पड़ा.''

जिसके बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) ने मार्क जुकरबर्ग को के बयान पर पलटवार करते हुए कहा था कि उनका बयान 'तथ्यात्मक रूप से गलत' है.

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट लिखकर कहा था, '' दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में भारत ने 2024 के आम चुनाव का संचालन किया, जिसमें 64 करोड़ से अधिक मतदाताओं ने हिस्सा लिया. उन्होंने कहा, 'भारत के लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन यानी एनडीए (NDA) में अपने विश्वास को फिर से दोहराया.' सूचना और प्रसारण मंत्री ने कहा, 'जुकरबर्ग का यह दावा कि 2024 के चुनावों में भारत सहित अधिकांश मौजूदा सरकारों को कोविड महामारी के बाद हार का सामना करना पड़ा, तथ्यात्मक रूप से गलत है.'

मार्क जुकरबर्ग (Mark Zuckerberg) ने कथित तौर पर एक पॉडकास्ट में दावा किया था कि 2024 में दुनिया भर के चुनावों में, भारत सहित अधिकांश मौजूदा सरकारों को चुनावी हार का सामना करना पड़ा था. इस पर अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) ने कहा, '80 करोड़ लोगों को मुफ्त भोजन, 2.2 अरब टीके और कोविड-19 के दौरान दुनियाभर के देशों को सहायता देने से लेकर भारत को सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप में नेतृत्व करने तक, तीसरे कार्यकाल में प्रधानमंत्री मोदी की निर्णायक जीत सुशासन और जनता के विश्वास का प्रमाण है.'

मेटा को टैग करते हुए, उन्होंने कहा कि खुद जुकरबर्ग की ओर से गलत सूचना प्रसारित करना ‘निराशाजनक’ है. वैष्णव ने कहा, 'तथ्यों और विश्वसनीयता को बरकरार रखें.

 

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