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CEO के सामने अचानक 'फ्री फिलिस्तीन' के नारे लगाने लगा कर्मचारी, जानें कंपनी पर क्यों हुआ आगबबूला

Microsoft Palestine Controversy: माइक्रोसॉफ्ट ने उस सॉफ्टवेयर इंजीनियर को नौकरी से निकाल दिया है, जिसने कंपनी के सीईओ सत्या नडेला के मुख्य भाषण में रुकावट डाली थी. यह घटना कंपनी के सालाना डेवलपर कॉन्फ्रेंस Build 2025 में हुई.

CEO के सामने अचानक 'फ्री फिलिस्तीन' के नारे लगाने लगा कर्मचारी, जानें कंपनी पर क्यों हुआ आगबबूला
Raman Kumar|Updated: May 24, 2025, 12:23 PM IST
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Israel Palestine Gaza War: माइक्रोसॉफ्ट ने उस सॉफ्टवेयर इंजीनियर को नौकरी से निकाल दिया है, जिसने कंपनी के सीईओ सत्या नडेला के मुख्य भाषण में रुकावट डाली थी. यह घटना कंपनी के सालाना डेवलपर कॉन्फ्रेंस Build 2025 में हुई.  निकाले गए कर्मचारी का नाम जो लोपेज है. उसने गाजा युद्ध के बीच इजरायली सेना के साथ माइक्रोसॉफ्ट की पार्टनरशिप का विरोध किया था और "फ्री फिलिस्तीन" के नारे लगाए थे. 

विरोध और नौकरी से निकालना
लोपेज ने दर्शकों के बीच से चिल्लाकर कहा था "आप उन्हें क्यों नहीं दिखाते कि माइक्रोसॉफ्ट कैसे फिलिस्तीनियों को मार रहा है? आप उन्हें क्यों नहीं दिखाते कि इजरायली युद्ध अपराधों को एज्योर कैसे बढ़ावा दे रहा है?" इसके बाद उन्हें सुरक्षाकर्मी बाहर ले गए. बाहर जाते हुए उन्होंने फिर चिल्लाया "माइक्रोसॉफ्ट के एक कर्मचारी के तौर पर मैं इस नरसंहार में शामिल होने से इनकार करता हूं." 'नो एज्योर फॉर अपार्थीड' नाम के एक ग्रुप के मुताबिक इस विरोध के बाद लोपेज को नौकरी से निकालने का पत्र मिला. 

निकाले गए कर्मचारी ने भेजा ईमेल
विरोध के तुरंत बाद लोपेज ने माइक्रोसॉफ्ट के दूसरे कर्मचारियों को एक लंबा-चौड़ा ईमेल भेजा. इसमें उन्होंने गाजा में माइक्रोसॉफ्ट की क्लाउड सर्विस (एज्योर) के इस्तेमाल के बारे में कंपनी के बयानों पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि कंपनी यह दावा करती है कि एज्योर तकनीक का इस्तेमाल गाजा में नागरिकों को निशाना बनाने के लिए नहीं किया जा रहा है, लेकिन यह सरासर झूठ है. उनके मुताबिक क्लाउड पर स्टोर किए गए डेटा का इस्तेमाल शहरों को तबाह करने और फिलिस्तीनियों को खत्म करने के लिए किया जा सकता है. 

कॉन्फ्रेंस में कई और विरोध प्रदर्शन
यह कोई पहला विरोध प्रदर्शन नहीं है. इससे पहले भी इसी तरह के कई और प्रदर्शन हो चुके हैं. माइक्रोसॉफ्ट के Build 2025 कॉन्फ्रेंस के दौरान ऐसे कई फिलिस्तीन समर्थक विरोध प्रदर्शन हुए. कम से कम तीन सत्रों को बाधित किया गया, एक लाइवस्ट्रीम की ऑडियो कुछ देर के लिए बंद कर दी गई और प्रदर्शनकारी कार्यक्रम स्थल के बाहर भी जमा हुए. 

एक और घटना में वाणी अग्रवाल (एक पूर्व सॉफ्टवेयर इंजीनियर) और होसम नस्र (माइक्रोसॉफ्ट के एक अन्य निकाले गए कर्मचारी) ने एआई के लिए कंपनी के सुरक्षा प्रमुख नेटा हैबी पर चिल्लाया. 20 मई को एक फिलिस्तीनी टेक कर्मचारी ने माइक्रोसॉफ्ट के एग्जिक्यूटिव जे पारिख के मुख्य भाषण को बाधित करते हुए कहा "जे! मेरे लोग पीड़ित हैं."

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माइक्रोसॉफ्ट का क्या कहना है? 
पिछले हफ्ते माइक्रोसॉफ्ट ने यह बात मानी कि वह इजरायली सेना को एआई सर्विस दे रही है. हालांकि, कंपनी का कहना है कि उसे ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है कि उसके एज्योर क्लाउड या एआई उपकरणों का इस्तेमाल गाजा में नागरिकों को सीधे निशाना बनाने या नुकसान पहुंचाने के लिए किया गया है.

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कर्मचारियों में असंतोष 
इसके बावजूद कंपनी के अंदर कर्मचारियों में असंतोष बना हुआ है. कर्मचारी के नेतृत्व वाले एक ग्रुप का दावा है कि कंपनी ने "फिलिस्तीन" और "गाजा" जैसे शब्दों वाले आंतरिक ईमेल को ब्लॉक कर दिया है. माइक्रोसॉफ्ट ने पहले भी ऐसे कर्मचारियों को बर्खास्त किया है जिन्होंने इजरायल में उसकी भागीदारी का विरोध किया था. 

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