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Microsoft में फिर शुरू हुआ छंटनियों का दौर! 6 हजार लोगों को करेगा बाहर, जानिए कौन-कौन

Microsoft का कहना है कि यह कदम उसके मैनेजमेंट ढांचे को और बेहतर बनाने और ऑपरेशंस को सुचारू करने के लिए उठाया गया है. जून 2023 तक माइक्रोसॉफ्ट में करीब 2.28 लाख कर्मचारी काम कर रहे थे.

Microsoft में फिर शुरू हुआ छंटनियों का दौर! 6 हजार लोगों को करेगा बाहर, जानिए कौन-कौन
Mohit Chaturvedi|Updated: May 15, 2025, 01:59 PM IST
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Microsoft layoffs 2025: माइक्रोसॉफ्ट ने हाल ही में एक बड़ा ऐलान किया है कि वह अपनी ग्लोबल वर्कफोर्स का 3% हिस्सा यानी करीब 6,000 से ज्यादा कर्मचारियों की छंटनी करेगा. यह छंटनी सभी टीमों, लेवल्स और देशों में की जाएगी. कंपनी का कहना है कि यह कदम उसके मैनेजमेंट ढांचे को और बेहतर बनाने और ऑपरेशंस को सुचारू करने के लिए उठाया गया है. जून 2023 तक माइक्रोसॉफ्ट में करीब 2.28 लाख कर्मचारी काम कर रहे थे.

दूसरी बार हुई बड़ी छंटनी
कंपनी के प्रवक्ता ने CNBC को बताया, 'हम संगठन में वो बदलाव कर रहे हैं जो हमें तेजी से बदलते बाजार में आगे रखने में मदद करेंगे.' ये कटौती जनवरी 2023 में हुई 10,000 कर्मचारियों की छंटनी के बाद सबसे बड़ा कदम है. हालांकि, पहले की छंटनियां परफॉर्मेंस पर आधारित थीं, लेकिन इस बार की छंटनी संरचनात्मक (structural) बदलावों के तहत की जा रही है.

मैनेजमेंट रोल्स सबसे ज्यादा प्रभावित, इंजीनियरिंग स्टाफ को राहत
यह छंटनी मुख्य रूप से मिड-लेवल मैनेजमेंट पर असर डालेगी क्योंकि कंपनी अब हर मैनेजर की जिम्मेदारियों को बढ़ाकर “span of control” बढ़ाना चाहती है. माइक्रोसॉफ्ट अब इंजीनियरिंग टैलेंट को प्राथमिकता दे रहा है, खासतौर पर AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) क्षेत्र में अपने निवेश को ध्यान में रखते हुए.

Business Insider की रिपोर्ट के अनुसार, जिन कर्मचारियों की छंटनी हुई है उन्हें 60 दिनों तक कंपनी की पे-रोल पर रखा जाएगा और वे रिवॉर्ड्स और बोनस के लिए पात्र रहेंगे.

परफॉर्मेंस सिस्टम में बदलाव और “rehire ban” लागू

कंपनी ने अपने परफॉर्मेंस मैनेजमेंट सिस्टम में भी बड़े बदलाव किए हैं. आंतरिक दस्तावेजों के अनुसार, माइक्रोसॉफ्ट ने उन कर्मचारियों के लिए दो साल का रिहायर बैन लागू किया है जिन्हें खराब प्रदर्शन के कारण निकाला गया है. साथ ही, कंपनी ने “good attrition” नाम का एक नया मेट्रिक भी शुरू किया है जिससे यह ट्रैक किया जाएगा कि किन कर्मचारियों का जाना कंपनी के लिए लाभकारी रहा.

अब जिन कर्मचारियों का प्रदर्शन कमजोर माना जाएगा उन्हें दो विकल्प दिए जाएंगे: या तो वे PIP (Performance Improvement Plan) में शामिल हों जिसमें स्पष्ट लक्ष्य और सुधार की समयसीमा होगी, या फिर Global Voluntary Separation Agreement को चुनें जिसमें उन्हें 16 हफ्ते की सैलरी बतौर सेवरेंस मिलेगी. अगर कोई कर्मचारी PIP चुनता है तो उसे सिर्फ 5 दिन में निर्णय लेना होगा और फिर सेवरेंस पैकेज के लिए योग्य नहीं होगा.

पूरी टेक इंडस्ट्री में मैनेजमेंट छटनी का ट्रेंड

माइक्रोसॉफ्ट की यह रणनीति अब टेक इंडस्ट्री का नया ट्रेंड बनती जा रही है जहां कंपनियां अपने मैनेजर से इंजीनियर के अनुपात (PM Ratio) को घटा रही हैं और इंजीनियरिंग एफिशिएंसी पर फोकस कर रही हैं. एमेजॉन, गूगल और मेटा जैसी बड़ी कंपनियों ने भी ऊपरी मैनेजमेंट लेयर में कटौती की है.

यह छंटनी ऐसे समय में हुई है जब अप्रैल में माइक्रोसॉफ्ट ने उम्मीद से बेहतर तिमाही नतीजे पेश किए थे, लेकिन नॉन-AI Azure क्लाउड रेवेन्यू की धीमी ग्रोथ के चलते CEO सत्या नडेला ने कहा था कि सेल्स सिस्टम में सुधार जरूरी है.

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