Microsoft के CEO सत्या नडेला का कहना है कि कंपनी की दशकों पुरानी यानी एक सॉफ्टवेयर बनाने वाला पहचान ही अब काफी नहीं है. उन्होंने अपने कर्मचारियों के लिए एक इंटरनल Memo में लिखा कि Microsoft अब एक इंटेलिजेंस इंजन के रूप में बदल रही है, जिसका मकसद है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी AI को दुनिया भर के लोगों के लिए आसानी से उपलब्ध कराना.
नडेला ने लिखा मेमो
नडेला ने इंटरनल मेमो में लिखा, 'हमें अपनी मिशन को नए दौर के मुताबिक फिर से सोचने की जरूरत है. जब बिल गेट्स ने माइक्रोसॉफ्ट की नींव रखी, तब उनका सपना सिर्फ एक सॉफ्टवेयर कंपनी बनाने का नहीं था, बल्कि वह एक ऐसी सॉफ्टवेयर फैक्ट्री बनाना चाहते थे, जो किसी एक प्रोडक्ट या कैटेगरी तक ही न सीमत रह जाए. यह सोच हमें दशकों तक आगे बढ़ाती रही, लेकिन अब सिर्फ इतना ही काफी नहीं है.'
AI सिस्टम बनाने का मकसद
उन्होंने आगे कहा कि माइक्रोसॉफ्ट का भविष्य अब खास टास्क के तौर पर सिर्फ सॉफ्टवेयर बनाने में नहीं, बल्कि ऐसे AI सिस्टम बनाने का है, जो लोगों को खुद के लिए इंटेलिजेंट टूल्स और सॉल्यूशन्स बनाने में सक्षम बनाएंगे. आसान शब्दों में समझा जाए तो अब Microsoft सिर्फ ऐप्स बनाने वाली कंपनी नहीं रहेगी, बल्कि वह लोगों को इतना तैयार करेगी कि वह खुद ऐप्स बना पाएं.
हर व्यक्ति बन पाए सक्षम
नडेला का कहना है, 'अब बात सिर्फ किसी खास काम या रोल के लिए टूल्स बनाने की नहीं है, बल्कि ऐसे टूल्स बनाने की है जिससे हर किसी को अपने लिए टूल्स बनाने में मदद मिल पाए. यही बदलाव हम ला रहे हैं. एक सॉफ्टवेयर फैक्ट्री से एक इंटेलिजेंस इंजन की ओर, जो हर व्यक्ति और संस्था को उनके लक्ष्यों को हासिल करने के लिए सक्षम बनाए.'
हर शख्स को ताकत देने का मकसद
उन्होंने कहा, 'यह सिर्फ खास रोल या टास्क के लिए टूल्स बनाना नहीं है. यह उन टूल्स को बनाना है, जो हर किसी को अपने टूल्स बनाने की ताकत दें सके.' उनका मकसद है एक सॉफ्टवेयर फैक्ट्री से इंटेलिजेंस इंजन बनकर हर व्यक्ति और संगठन को उनकी जरूरत के मुताबिक कुछ भी बनाने में मदद करना. नडेला का सपना है कि दुनिया में 8 अरब लोग अपने हाथों की उंगलियों पर एक रिसर्चर, एनालिस्ट, या कोडिंग एजेंट को बुला सकें, सिर्फ जानकारी लेने के लिए नहीं, बल्कि उनकी expertise का इस्तेमाल करके अपने फायदे के लिए काम कर सकें.
नडेला ने दिया जोर
नडेला ने जोर देते हुए कहा कि इस बदलाव के लिए Microsoft कोअपनी पूरी टेक्नोलॉजी की नींव को फिर से डिजाइन करना होगा. उन्होंने कहा, 'हम AI के लिए टेक स्टैक के हर लेयर को फिर से सोचेंगे, इन्फ्रास्ट्रक्चर से लेकर ऐप प्लेटफॉर्म, ऐप्स और एजेंट्स तक. Microsoft की खासियत अब अलग-अलग प्रोडक्ट्स से नहीं, बल्कि इन लेयर्स को मिलाकर एंड-टू-एंड एक्सपीरियंस और प्रोडक्ट्स देने से आएगी. नडेला ने लिखा, 'हमारी पहचान इस बात से बनेगी कि हम इन लेयर्स को कैसे जोड़ते हैं.'
लोकल लेवल पर देना चाहते हैं फायदा
इस इंटेलिजेंस इंजन का मकसद है हर कंपनी, समुदाय और देश में लोकल सरप्लस यानी लोकल लेवल पर फायदा पैदा करना. इससे AI की ताकत सिर्फ बड़ी कंपनियों या टेक एक्सपर्ट्स तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि आम लोगों तक भी पहुंचेगी.
FAQ
Q1. माइक्रोसॉफ्ट अब किस दिशा में आगे बढ़ रही है?
Ans. सत्या नडेला के अनुसार, Microsoft अब सिर्फ सॉफ्टवेयर बनाने वाली कंपनी नहीं रहेगी, बल्कि एक इंटेलिजेंस इंजन बनेगी जो AI के जरिए हर शख्स और संस्था को खुद के लिए टूल्स और समाधान बनाने में सक्षम बनाएगी.
Q2. इस बदलाव के लिए Microsoft को क्या करना होगा?
Ans. कंपनी को अपने पूरे टेक्नोलॉजी स्टैक को फिर से डिजाइन करना होगा, जिसमें इन्फ्रास्ट्रक्चर, ऐप प्लेटफॉर्म, ऐप्स और AI एजेंट्स शामिल हैं, ताकि एक एंड-टू-एंड AI अनुभव दिया जा सके.
Q3. इस बदलाव से आम लोगों को क्या फायदा होगा?
Ans. अब AI की ताकत सिर्फ बड़ी कंपनियों तक सीमित नहीं रहेगी. Microsoft का लक्ष्य है कि दुनिया के 8 अरब लोग AI एजेंट्स की मदद से रिसर्च, एनालिसिस और कोडिंग जैसे काम खुद कर सकें और अपनी जरूरतों के अनुसार टूल्स बना सकें.