Financial Fraud Risk Indicator: ज्यादातर लोग UPI से ऑनलाइन पेमेंट करते हैं. UPI से ऑनलाइन पेमेंट करना बेहद आसान है. कभी भी और कहीं पर भी UPI से ऑनलाइन पेमेंट किया जा सकता है. UPI यूज करने वाले यूजर्स के लिए राहत की खबर सामने आई है.
दरअसल, डिजिटल पेमेंट स्कैम को लेकर यूजर्स के मन में होने वाली टेंशन को सरकार ने दूर कर दिया है. भारत सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ टेलिकम्यूनिकेशन (DoT) ने एक नई सर्विस को लॉन्च किया है. जिससे साइबर फ्रॉड और पैसों से जुड़े स्कैम्स पर रोक लगाने में मदद मिलेगी. इस नई सर्विस का नाम Financial Fraud Risk Indicator (FRI) है.
ये टूल डिजिटल इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म (DIP) का हिस्सा है. फ्रॉड से लिंक्ड नंबर्स के बारे में इस टूल की मदद से यूजर्स को वॉर्निंग मिल सकेगी. बैंक्स, UPI सर्विस प्रोवाइडर्स और फाइनेंशियल इंस्टिट्यूशन्स के साथ इंटेलिजेंस शेयरिंग को बेहतर बनाने के लिए इस सर्विस की शुरूआत की गई है.
DoT India के ऑफिशियल सोशल मीडिया अकाउंट X पर एक पोस्ट शेयर किया गया है. जिसमें लिखा गया, ''सुरक्षित लेनदेन! दूरसंचार विभाग ने वित्तीय धोखाधड़ी जोखिम इंडिकेटर पेश किया है. यह बैंकों, यूपीआई और वित्तीय प्लेटफॉर्म को जानकारी साझा करेगा. भुगतान के दौरान जोखिम भरे मोबाइल नंबरों को चिह्नित करने में डिजिटल भुगतान प्लेटफॉर्म की मदद करेगा. धोखाधड़ी का तेजी से पता लगाने और उसे रोकने में मदद करेगा.''
मोबाइल नंबर्स को तीन रिस्क कैटिगरी मीडियम, हाई और वेरी हाई में फाइनेंशियल फ्रॉड रिस्क इंडिकेटर क्लासिफाइ करेगा. DoT के Chakshu प्लेटफॉर्म से मिले इनपुट, NCRP के जरिए रजिस्टर हुए केस और बैंक्स और फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन्स से मिली इंटेलिजेंस के हिसाब से मोबाइल नंबर्स की रिस्क कैटिगरी को ये टूल तय करेगा.
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