Online Fraud: आपने डिजिटल अरेस्ट स्कैम के बारे में सुना होगा. आज कल डिजिटल अरेस्ट के कई मामले सामने आ रहे हैं. इसमें स्कैमर खुद को पुलिस या किसी सरकारी एजेंसी से बताकर लोगों को फोन करता है और फिर उसे झूठे केस में फंसे होने की बात कहकर ठगने की कोशिश करता है. अब ऐसा ही एक और मामला सामने आया है, जहां एक रिटायर्ड सरकारी अधिकारी को स्कैमर्स ने अपने जाल में फंसाया और उनसे 53 लाख रुपयों की ठगी की.
कैसे शुरू हुआ ये स्कैम
दिल्ली के पश्चिम विहार में रहने वाली एक सेवानिवृत्त सरकारी अधिकारी से साइबर ठगों ने 53 लाख रुपये की ठगी कर ली. ठगों ने खुद को सीबीआई अधिकारी और साइबर क्राइम विभाग का अधिकारी बताकर महिला को डराया-धमकाया. उन्होंने कहा कि महिला का नाम ड्रग्स और हथियारों की तस्करी जैसे गंभीर अपराधों से जुड़ा हुआ है.
डिजिटल अरेस्ट वारंट
ठगों ने महिला को बताया कि उनके खिलाफ डिजिटल अरेस्ट वारंट जारी हुआ है और उन्हें तुरंत हैदराबाद आना होगा. जब महिला ने यात्रा करने में असमर्थता जताई तो ठगों ने और भी डराया. उन्होंने कहा कि इस मामले में कई बड़े लोग शामिल हैं और महिला का नाम भी इसमें सामने आया है.
ठगों ने महिला को कहा कि उनके नाम पर हैदराबाद में एक बैंक अकाउंट खोला गया है जिसमें 3 करोड़ रुपये जमा किए गए हैं. उन्होंने महिला को एक सुरक्षित बैंक अकाउंट में अपना फिक्स्ड डिपॉजिट ट्रांसफर करने को कहा.
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पांच दिन तक चला स्कैम
ठगों ने पांच दिनों तक महिला से लगातार फोन पर बात की और वीडियो कॉल भी किए. डर के मारे महिला ने अपने परिवार को कुछ नहीं बताया और ठगों के कहने पर अपने पैसे ट्रांसफर कर दिए. जब महिला ने बैंक मैनेजर को इस बारे में बताया तो उन्हें ठगी का पता चला. तब तक महिला के साथ 53 लाख रुपये की ठगी हो चुकी थी. फिलहाल, पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है.
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डिजिटल अरेस्ट से कैसे बचें
अनजान नंबरों से कॉल न उठाएं - अगर कोई अनजा नंबर से कॉल आए और खुद को सरकारी अधिकारी बताए तो उस पर विश्वास न करें.
व्यक्तिगत जानकारी शेयर न करें - किसी भी अनजान व्यक्ति को अपनी बैंक डिटेल्स, पासवर्ड या अन्य व्यक्तिगत जानकारी कभी भी शेयर न करें.
डरें नहीं - ठग आपको डराकर आपसे जल्दबाजी में फैसले लेने को कहेंगे. ऐसे में डरें नहीं और शांत रहें.
पुलिस से संपर्क करें - अगर आपको लगता है कि आप डिजिटल अरेस्ट के शिकार हो रहे हैं तो तुरंत पुलिस या साइबर क्राइम सेल से संपर्क करें.
जांच पड़ताल करें - किसी भी जानकारी को मानने से पहले उसे अच्छी तरह से जांच लें. आप इंटरनेट पर खोज कर सकते हैं कि क्या यह जानकारी सही है या नहीं.
अपने परिवार और दोस्तों को बताएं - अपने परिवार और दोस्तों को डिजिटल अरेस्ट के बारे में बताएं ताकि वे भी इस तरह की ठगी से बच सकें.