आजकल लोग हर काम के लिए AI चैटबॉट्स जैसे ChatGPT और Google Gemini का इस्तेमाल कर रहे हैं. स्कूल और ऑफिस के कामों से लेकर लोगों ने अब इसे टूल को अपनी निजी जिंदगी में भी शामिल कर लिया है. AI से कोई भी सवाल पूछे जाने पर आपको ज्यादातर ऐसे जवाब मिल जाएंगे, जो आपकी समस्या को हल कर देते हैं. ऐसे में अब लोगों ने अपनी निजी जिंदगी से जुड़े भी कई सवाल AI से ही पूछने शुरू कर दिए हैं. इसमें प्रोफेशनल लाइफ से लेकर लव रिलेशनशिप और मेंटल इश्यूज जैसे मुद्दों से जुड़े सवाल भी हैं. हालांकि, अब OpenAI के CEO सैम ऑल्टमैन ने एक बड़ी चेतावनी दी है.
AI टूल्स बना थैरेपिस्ट
आज यंगस्टर्स ने तो AI टूल्स को किसी थैरेपिस्ट की तरह इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है. अब सैम ऑल्टमैन ने जो कहा है वो आपको थोड़ा परेशान जरूर कर सकता है, लेकिन इससे आपको परेशान नहीं, बल्कि सतर्क होने की जरूरत है. सैम ने हाल ही में बताया है कि AI के साथ लोग अपनी बहुत सारी पर्सनल डिटेल्स शेयर कर रहे हैं, जो खतरनाक हो सकता है. उन्होंने कहा कि AI के साथ हुई आपकी पर्सनल चैट्स पूरी तरह से सुरक्षित नहीं है. इसे लेकर अब तक क्लीयर Legal Framework नहीं हो पाया है.
सैम ऑल्टमैन ने दी चेतावनी
Theo Von संग पॉडकास्ट में सैम ऑल्टमैन ने कहा कि आज लोग ChatGPT से अपनी सबसे पर्सनल बातें शेयर कर रहे हैं, रिलेशनशिप, करियर, लाइफ प्रॉब्लम्स जैसी चीजें डिसकस कर रहे हैं. इसमें खासतौर पर यंगस्टर्स हैं, जो इस टूल को किसी थैरेपिस्ट या काउंसलर की तरह इस्तेमाल में ला रहे हैं. लेकिन जब आप अपनी किसी भी समस्या के बारे में मशीन की बजाय किसी इंसान डॉक्टर, वकील या काउंसलर से बात करते हैं तो उन लोगों के बीच लीगल प्राइवेसी रूल्स भी मायने रखते हैं, जैसे डॉक्टर और पेशेंट या वकील और क्लाइंट के अपने प्राइवेसी के अधिकार होते हैं.
कोर्ट केस में फंसा सकती है AI चैट्स
सैम ऑल्टमैन ने अपनी बात पूरी करते हुए आगे कहा कि अगर भविष्य में कोई कोर्ट केस हो जाए तो AI के साथ की गई आपकी चैट को अदालत में दिखाया जा सकता है, जो बहुत बुरा हो सकता है. कोई भी पर्सनल बात करने के लिए AI पर उतना भरोसा नहीं किया जा सकता है, जितना किसी वकील या थैरेपिस्ट पर कर सकते हैं. हालांकि, सैम ऑल्टमैन ने इसे AI की बहुत बड़ी कमी भी माना है, जिसे वह चाहते हैं कि जल्द से जल्द सुधार लिया जाए.