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पानी पी-पीकर सवालों के जवाब देता है AI? हर दिन अरबों क्वेश्चन से खाली हो रहे 'समंदर', जल्द प्यासे मरेंगे हम लोग!

Water Use in AI: यूं तो AI ने हमारी जिंदगी को बहुत आसान बना दिया है लेकिन हर टेक्नोलॉजी के नुकसान भी होते हैं. ऐसे में ऐसे कैसे हो सकता है कि ऑर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के नुकसान ना हों, कई नुकसान तो हमें साफ दिखाई देते हैं लेकिन एक नुकसान ऐसा भी है जो यूजर्स को दिखाई नहीं देता और वो है पानी

पानी पी-पीकर सवालों के जवाब देता है AI? हर दिन अरबों क्वेश्चन से खाली हो रहे 'समंदर', जल्द प्यासे मरेंगे हम लोग!
Tahir Kamran|Updated: Jul 15, 2025, 05:13 PM IST
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Water Usage in AI: आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस यानी एआई लगातार जिंदगी के हर क्षेत्र में अपने पांव पसारता जा रहा है. कई AI प्लेटफॉर्म्स की मदद से लोग अपने तरह-तरह के सवाल भी पूछते रहते हैं और AI हमें चंद सेकेंड में हमारे सवाल का विस्तार के साथ जवाब दे देता है, लेकिन इस सब के बीच हमने अपनी अगली नस्लों के लिए बहुत गहरी खाई खोदते जा रहे हैं और वो खाई है पानी की.

OpenAI के CEO ने पानी के खर्च को लेकर क्या बताया?

अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर AI से सवाल का जवाब करने से पानी का क्या संबंध? तो हम आपको बता दें कि AI पानी की बगैर नहीं चलता. बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक OpenAI के सीईओ सैम ऑल्टमैन ने बताया है कि चैटजीपीटी एक सवाल का जवाब देने में एक चाय के चम्मच के के पंद्रहवें हिस्से के बराबर पानी का इस्तेमाल करता है.

रिसर्चर्स ने बताया कितना पानी पीता है AI

रिपोर्ट में एक अमेरिका के कैलिफोर्निया और टेक्सास के रिसर्चर्स का कहना है कि 'चैटजीपीटी मॉडल-3' हर 10 से 50 सवालों का जवाब देने के लिए लगभग आधा लीटर पानी खर्च करता है. रिसर्चर्स के हवाले से औसत निकालें तो चैटजीपीटी एक सवाल का जवाब देने में लगभग 2 से 10 चाय के चम्मच के बराबर पानी का इस्तेमाल करता है.

हर दिन AI से पूछे जाते हैं अरबों सवाल

इसके अलावा यह भी मायने रखता है कि आप AI से किस तरह का सवाल पूछ रहे हैं. अगर आपका सवाल ज्यादा मुश्किल होगा तो पानी का इस्तेमाल भी ज्यादा होगा. हैरानी इस बात की है हर दिन चैटजीपीटी से एक अरब सवाल पूछे जाते हैं. ये सिर्फ चैटजीपीटी का आंकड़ा है. चैटजीपीटी के अलावा कई अन्य इसी तरह के प्लेटफॉर्म्स हैं. जैसे ग्रोक, गूगल जेमिनी और डीप सीक वगैरह.

AI में कैसे इस्तेमाल होता है पानी

अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर हमारे सवालों के जवाब देने में पानी का इस्तेमाल कैसे होता है? इसका पहला आसान जवाब तो बिजली का इस्तेमाल है, इसके अलावा हम जो भी काम AI से करवाते हैं वो बड़े-बड़े डेटा सेंटर्स में मौजूद सर्वर से प्रोसेस होता है. इनमें कुछ डेटा सेंटर्स तो फुटबॉल स्टेडियम से भी बड़े होते हैं. जब इन सभी सर्वरस, कंप्यूटर से बिजली गुजरती है तो ये गर्म हो जाते हैं. अक्सर इनको ठंडा करने के लिए साफ पानी का इस्तेमाल किया जाता है.

भाप बनकर उड़ जाता है पानी

इन कंप्यूटर्स और सर्वर को ठंडा करने के अलग-अलग तरीके हैं. कहा जाता है कि कुछ सिस्टम ऐसे होते हैं कि इस्तेमाल किया हुआ 80 प्रतिशत पानी भाप बनकर उड़ जाता है. वैसे तो अंदाजा लगाना मुश्किल है लेकिन कहा जाता है कि गूगल पर कुछ भी सर्च करने के मुकाबले में चैटजीपीटी से एक सवाल का जवाब हासिल करने में 10 गुना ज्यादा बिजली इस्तेमाल होती है. 

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