Why iPhones not manufactured in America: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पद संभालते ही कई कड़े कदम उठाए. इनमें से एक है टैरिफ में बढ़ोतरी. कंपनियों को घरेलू स्तर पर सामान बनाने के लिए प्रेरित करने के लिए भारी टैरिफ लागू किया गया.
इसकी वजह से Apple, Dell और अन्य तकनीकी दिग्गज जिनके पास चीन में बड़े पैमाने पर मैन्युफैक्चरिंग सेटअप है उनके लिए चुनौतियां खड़ी हो गई हैं. पिछले कुछ सालों में, Apple ने अपनी सप्लाई चेन का कुछ हिस्सा भारत और वियतनाम जैसे देशों में ट्रांसफर कर दिया है. लेकिन चीन अभी भी iPhone मैन्युफैक्चरिंग का सबसे बड़ा हब है.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का टैरिफ को बढ़ाने का उद्देश्य अमेरिका में मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देना, नए-नए रोजगार के अवसर क्रिएट करना और अर्थव्यवस्था को लाभ पहुंचाना है. साथ ही दुनिया की सबसे मूल्यवान कंपनी Apple द्वारा अपने प्रोडक्ट iPhone की मैन्युफैक्चरिंग अमेरिका में करवाना ट्रम्प के विजन का हिस्सा है.
पिछले हफ्ते व्हाइट हाउस (White House) की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट (Karoline Leavitt)ने कहा था कि अगले 4 सालों में अमेरिका में 500 बिलियन डॉलर का निवेश करने का Apple का कमिटमेंट कथित तौर पर इस बात का संकेत देता है कि Apple का अमेरिका में iPhone बनाना संभव है.
हालांकि, अमेरिका में iPhone की मैन्युफैक्चरिंग इतनी आसान नहीं है. 2012 में छपी न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट की माने तो तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा, सिलिकॉन वैली के कुछ नेताओं के साथ Apple के CEO स्टीव जॉब्स के बीच फरवरी 2011 में कैलिफोर्निया में एक डिनर पार्टी रखी गई थी. यह अक्टूबर 2011 में एप्पल के फाउंडर स्टीव जॉब्स के निधन से कुछ महीने पहले की बात है. इस डिनर पार्टी में तत्कालीन Google के CEO एरिक श्मिट (Eric Schmidt ) और Facebook के फाउंडर मार्क जुकरबर्ग (Mark Zuckerberg) शामिल थे.
रिपोर्ट की माने तो इस दौरान ओबामा ने स्टीव जॉब्स से सवाल पूछा था कि अमेरिका में iPhone बनाने के लिए क्या करना होगा? इस दौरान जॉब्स ने जवाब देते हुए कहा था कि "नौकरियां वापस नहीं आएंगी''. रिपोर्ट की माने तो उस समय Apple के अधिकारियों का मानना था कि इसका कारण लागत का अधिक होना है.
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