OTT प्लेटफॉर्म्स को लेकर इन दिनों काफी क्रेज बढ़ गया है. आज लोग किसी न किसी OTT प्लेटफॉर्म पर एक्टिव हैं. वहीं, आपने भी कई इस बात पर ध्यान दिया होगा कि OTT का सब्सक्रिप्शन लेना जितना आसान है, उससे ज्यादा मुश्किल है इसे कैंसिल कर पाना. अब LocalCircles नाम के कम्युनिटी प्लेटफॉर्म ने एक रिपोर्ट में खुलासा किया है कि भारत में हर दूसरा डिजिटल यूजर सब्सक्रिप्शन बंद करने में आ रही समस्या से जूझ रहा है.
छिपा देती हैं बटन
इस रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि ज्यादातर ऐप्स या वेबसाइट्स अपने Unsubscribe या Cancel को छिपा देती है. कई प्लेटफॉर्म्स तो ऐसे भी हैं जो ये बटन देते ही नहीं है. इसी वजह से यूजर्स एक सब्सक्रिप्शन लेने के बाद न चाहते हुए भी कई महीनों तक जबरदस्ती इन प्लेटफॉर्म्स के लिए पैसे देते रहते हैं.
बार-बार होता रहता है चार्ज
कई बार तो कुछ प्लेटफॉर्म्स फ्री ट्रायल दिया जाता है, लेकिन जब भी आप इसे बंद करने की कोशिश करते हैं तो आपको इससे बाहर आने का कोई ऑप्शन ही नहीं मिल पाता. वहीं, कई यूजर्स की यह शिकायतें भी सामने आई हैं कि उन्हें बार-बार चार्ज कर दिया जाता है, क्योंकि उन्हें समझ ही नहीं आता कि वह कैसे सब्सक्रिप्शन को हटाएं.
लास्ट स्टेप में बढ़ जाता है पैसा
इसके अलावा लगभग 53% OTT यूजर्स ने इस बात की शिकायत भी की है कि जब वह सब्सक्रिप्शन लेते हैं तो उन्हें किसी एक्स्ट्रा पेमेंट के बारे में नहीं बताया जाता, लेकिन जब वह पेमेंट के बिल्कुल आखिरी स्टेप पर आ जाते हैं तो उन्हें ड्रिप प्राइजिंग जैसी चीज दिखने लगती है. इसका मतलब है कि आप जिस कीमत पर प्लान को सब्सक्राइब कर रहे हैं वो अब लास्ट में महंगा कर दिया गया है.
सबसे खतरनाक है ये तरीका
OTT प्लेटफॉर्म का सबसे खतरनाक तरीका जो सामने आया है वो है सब्सक्रिप्शन बंद करने के बाद भी पैसे काटना. रिपोर्ट में सामने आया है कि 24% यूजर्स ऐसे हैं जिन्होंने इस बात की शिकायत की है कि सब्सक्रिप्शन बंद करने बावजूद कंपनी ने उनके बैंक अकाउंट से पैसा काट लिया. ऐसे में उस OTT प्लेटफॉर्म से लोगों का भरोसा टूट जाता है.
इस बैंक ने स्टाफ के बीच मचाई खलबली, नौकरी पर रख लिया AI इंजीनियर
सरकार ने दी थी चेतावनी
गौरतलब है कि 2023 में सरकार की ओर से सभी डिजिटल कंपनियों के लिए एक चेतावनी जारी की गई थी. जिसमें कहा गया था कि वह अपनी वेबसाइट्स या ऐप्स से डार्क पैटर्न को हटा दें. इसके लिए सरकार ने सभी को तीन महीने का वक्त भी दिया था. लेकिन अब ताजा रिपोर्ट के जरिए सामने आई लोगों की शिकायतों को देखते हुए तो यही कह सकते हैं कि डिजिटल कंपनियों ने सरकार की इस चेतावनी पर ज्यादा गौर नहीं किया है.