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क्या AI खा जाएगा सॉफ्टवेयर इंजीनियर्स की नौकरी? Google CEO Sundar Pichai ने दिया ऐसा जवाब

सुंदर पिचाई ने हाल ही में ब्लूमबर्ग को दिए इंटरव्यू में कहा कि AI लोगों की जगह नहीं ले रहा है, बल्कि डेवलपमेंट को तेज और बेहतर बना रहा है. उन्होंने AI को “एक accelerator” यानी तेजी लाने वाला टूल बताया, न कि इंसानों की जगह लेने वाला. 

क्या AI खा जाएगा सॉफ्टवेयर इंजीनियर्स की नौकरी? Google CEO Sundar Pichai ने दिया ऐसा जवाब
Mohit Chaturvedi|Updated: Jun 06, 2025, 11:18 AM IST
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टेक्नोलॉजी की दुनिया में एक बड़ा सवाल लगातार चर्चा में है- क्या AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) भविष्य में सॉफ्टवेयर इंजीनियर्स की नौकरियां छीन लेगा? इस पर अब गूगल और अल्फाबेट के CEO सुंदर पिचाई ने अपनी राय दी है. एक इंटरव्यू के दौरान, उन्होंने बताया कि AI से लोगों की नौकरियां नहीं जा रही हैं, बल्कि यह उन्हें ज्यादा प्रोडक्टिव और स्मार्ट बना रहा है. सुंदर पिचाई ने हाल ही में ब्लूमबर्ग को दिए इंटरव्यू में कहा कि AI लोगों की जगह नहीं ले रहा है, बल्कि डेवलपमेंट को तेज और बेहतर बना रहा है. उन्होंने AI को “एक accelerator” यानी तेजी लाने वाला टूल बताया, न कि इंसानों की जगह लेने वाला. उन्होंने कहा, “AI की वजह से हम और बेहतर चीजें बना पा रहे हैं और हमारी इंजीनियरिंग टीम आगे भी बढ़ेगी.”

जॉब कट्स के बावजूद AI से डरने की जरूरत नहीं
हालांकि, गूगल ने पिछले कुछ महीनों में कुछ विभागों से लोगों को निकाला है. जैसे कि Global Business Unit से लगभग 200 लोगों की छंटनी हुई और साल 2023 की शुरुआत में 12,000 कर्मचारियों को निकाला गया था. बावजूद इसके, दिसंबर 2024 तक गूगल में 183,000 से ज्यादा लोग काम कर रहे हैं.

सुंदर पिचाई ने माना कि कुछ लोगों की चिंता सही है, खासकर जब Anthropic के CEO डेरियो एमोडेई ने हाल ही में कहा था कि AI आने वाले 5 सालों में एंट्री-लेवल वाइट कॉलर जॉब्स का आधा हिस्सा खत्म कर सकता है. पिचाई ने इस पर कहा, “मैं इस तरह की बातों का सम्मान करता हूं और जरूरी है कि हम इस पर खुलकर चर्चा करें.”

Microsoft का भी यही नजरिया
Microsoft Azure के CTO मार्क रुसिनोविच ने भी हाल ही में एक इवेंट में AI और सॉफ्टवेयर डेवेलपमेंट के भविष्य पर बात की. उन्होंने साफ कहा कि AI सीनियर और अनुभवी डेवलपर्स की जगह नहीं ले सकता. अभी AI केवल सिंपल टास्क जैसे वेब ऐप या प्रोटोटाइप बनाने में मदद कर सकता है. लेकिन जब बात आती है बड़े और जटिल सॉफ्टवेयर प्रोजेक्ट्स की, तो वहां इंसानी दिमाग की अब भी जरूरत है.

उन्होंने कहा कि AI टूल्स जैसे कि autoregessive transformers, अभी भी बड़ी और जटिल कोडबेस को समझने और संभालने में कमजोर हैं. यही वजह है कि अगले 5 सालों में भी AI से खुद-ब-खुद पूरा सॉफ्टवेयर बनाना संभव नहीं होगा.

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