Amarnath Yatra 2025: अमरनाथ यात्रा इस साल 3 जुलाई से शुरू हो चुकी है. इसका समापन 9 अगस्त को होगा. इस यात्रा में हर रोज काफी तादाद में लोग शामिल हो रहे हैं. ऐसे में श्रद्धालुओं के लिए सबसे बड़ी दिक्कत तो चढ़ाई की ही है. हालांकि इसके बाद खाने और रहने में भी काफी दिक्कतें हैं. अगर आप भी इस यात्रा में शामिल हुए हैं या होने जा रहे हैं तो आपको खाने और रहने की विशेष चिंता करने की जरूरत नहीं है.
विशेष है अमरनाथ यात्रा
देशभर के श्रद्धालुओं के लिए अमरनाथ यात्रा काफी विशेष है. बता दें कि इसी जगह पर भगवान शिव ने मां पार्वती को अमरत्व का रहस्य बताया था. साथ ही यहां बर्फ से बनी प्राकृतिक शिवलिंग भी है, जिसे बाबा बर्फानी के नाम से जाना जाता है.
रहने की व्यवस्था
तीर्थयात्रियों के लिए रहने की कई व्यवस्थाएं की गई हैं. अगर आपको यात्रा से पहले ठहरने की कोई चिंता है तो उसे त्याग दीजिए, क्योंकि यहां आपको पहलगाम और बालटाल दोनों मार्गों पर कई व्यवस्थाएं मिल जाएंगी. बता दें कि यहां इन्सुलेटेड झोपड़ियां और मौसम प्रतिरोधी टेंट हैं. हालांकि श्रद्धालुओं को यह सलाह जरूर दी जाती है कि वह पहले ही सारी व्यवस्थाओं के बारे में जान लें. अगर सम्भव है तो ठहरने के लिए पहले ही आवास बुक कर लें.
खाने को लेकर भी ना हों परेशान
अगर आप भी इस यात्रा में शामिल हो रहें तो खाने को लेकर बिल्कुल भी परेशान ना हों. दरअसल आपको यहां रास्ते में खाने पीने से जुड़ी कई चीजें मिल जाएंगी. यहां कई चाय की दुकानें और छोटे-छोटे भोजनालय भी हैं. साथ ही कई लंगर भी आपको रास्ते में मिल जाएंगे. ऐसे में आप खाने को लेकर भी चिंतित ना हों. अगर आपको राशन चाहिए तो चंदनवारी, शेषनाग और पंजतरणी में सरकारी डिपो पर मिल जाएगा. हालांकि तीर्थयात्रियों को भी घर से सूखे और जल्दी खराब न होने वाली खाने की चीजें भी लानी चाहिए जो इमरजेंसी में काम आएंगी.