trendingNow12814177
Hindi News >>ट्रैवल
Advertisement

भगवान शिव के इस मंदिर के रहस्यों को नहीं सुलझा पा रहे वैज्ञानिक! जमीन पर क्यों नहीं पड़ती मंदिर की छाया?

Mysterious Shiv Temple: भारत कई प्राचीन स्थलों के लिए दुनियाभर में फेमस है. जहां कई ऐसे धार्मिक स्थल भी हैं, जो काफी पुराने हैं और यहां के रहस्य आज भी रहस्य बने हुए हैं. दरअसल इन रहस्यों को आजतक कोई सुलझा नहीं पाया है. इन्हीं में से एक तमिलनाडु का बृहदेश्वर मंदिर है. इस शिव मंदिर के रहस्यों से आप प्रभावित होंगे.

Mysterious Shiv Temple
Mysterious Shiv Temple
Lalit Kishor|Updated: Jun 24, 2025, 02:20 PM IST
Share

Mysterious Shiv Temple: भारत में कई ऐसे टूरिस्ट प्लेसेज हैं, जो आपकी यात्रा को यादगार बनाते है. हालांकि यहां के प्राचीन धार्मिक स्थल बहुत जबरदस्त हैं. बता दें कि देश के कई प्राचीन मंदिरों के बारे में आपने रहस्यमयी कहानियां सुनी होंगी. आज हम आपको एक ऐसे ही मंदिर के बारे में बताएंगे, जो कई रहस्यों से भरा हुआ है. दरअसल यह मंदिर बहुत प्राचीन होने के साथ ही हिंदुओं का प्रमुख धार्मिक स्थल है. यहां काफ श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं, लेकिन इसके रहस्यों से अनजान हैं. 

देश के जिस प्रचीन मंदिर की हम बात कर रहे हैं, उसका नाम बृहदेश्वर मंदिर है. यह तमिलनाडु के तंजावुर शहर में स्थित है. यहां आपको कई रहस्य मिलेंगे. बता दें कि यह मंदिर ग्रेनाइट के पत्थरों से बना है. मंदिर का आर्किटेक्चर आपको खूब अट्रैक्ट करेगा. वहीं इस मंदिर के चारों ओर ऊंची दीवारें हैं. जहां इन दीवारों पर आकर्षक नक्काशी की गई है.

मंदिर के टॉवर की छाया
तमिलनाडु का बृहदेश्वर मंदिर भगवान शिव को समर्पित है. यहां आपको एक ऐसा रहस्य मिलेगा, जो आपको आश्चर्यचकित करेगा. दरअसल इस मंदिर का प्रमुख रहस्य मंदिर टॉवर की छाया को लेकर है. बताया जाता है कि दोपहर के समय इस मंदिर के टॉवर की छाया जमीन पर नहीं पड़ती. सबसे बड़ी बात है कि इसके पीछे के रहस्य को आज तक कोई सुलझा नहीं पाया है. वैज्ञानिकों को भी इस मंदिर का यह रहस्य हैरान करता है. ऐसे में अभी तक इसके पीछे का सटीक कारण सामने नहीं आ पाया है. बताया जाता है कि मंदिर की बनावट ही ऐसी है कि इसकी छाया जमीन पर नहीं पहुंच पा रही है.

मंदिर का इतिहास
बृहदेश्वर मंदिर काफी प्राचीन है. दरअसल बताया जाता है कि इसका निर्माण 11वीं शताब्दी में चोल वंश के महान शासक राजा राजा चोल प्रथम द्वारा करवाया था. जहां इसे देश के सबसे बड़े शिव मंदिरों में से एक माना जाता है. इस मंदिर के गर्भगृह में एक बड़ा शिवलिंग है. वहीं इसकी शैली द्रविड़ शैली की है. इस मंदिर के ऊंचा गोपुरम (टॉवर), खूबसूरत नक्काशीदार स्तंभ और आकर्षक मूर्तियां भी आकर्षक हैं.

Read More
{}{}