अगर आप नौकरी पेशा वाले हैं और ऑफिस से 'वर्क फ्रॉम होम' लेने में भी कोई दिक्कत नहीं होती है तो अब आपके लिए हम एक ऐसी जगह के बारे में बता रहे हैं, जिसे भारत का पहला डिजिटल नोमेड विलेज घोषित किया गया है. दरअसल यहां आप खूबसूरत वादियों के बीच काम कर सकते हैं. आपको यहां ना ही तो इंटरनेट की दिक्कत होगी और ना ही किसी भी तरह की कोई किचकिच से परेशान होंगे. दरअसल यहां तो बारिश और आंधी में भी आपका काम नहीं रुकेगा.
गांव की खूबसूरती के बीच करिए काम
सिक्किम सरकार की 'नोमेड सिक्किम' पहल के तहत हिमालय की तलहटी में बसे याकतेन गांव में इंटरनेट की अच्छी सुविधा दी गई है. यहां आप गांव की नेचुरल ब्यूटी के बीच बिना किसी दिक्कत के अपना काम कर सकते हैं. दरअसल 'वर्क फ्रॉम होम' करने वाले पर्यटकों के लिए अच्छा मौका है. वहीं यहां पर इंटरनेट की दो लाइनें होने के साथ ही पूरे गांव में वाई-फाई की सुविधा है. साथ ही बिजली के लिए इनवर्टर का भी इंतजाम किया गया है.
नोमेड सिक्किम प्रोजेक्ट का क्या है उद्देश्य?
दरअसल यह प्रोजेक्ट प्रदेश सरकार की एक योजना के तहत शुरू हुआ है. इस योजना का प्रमुख उद्देश्य ऑफ सीजन में भी टूरिस्ट्स को यहां आने के लिए प्रेरित करना है. बता दें कि सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग के 'एक परिवार, एक उद्यमी' विजन में ही यह प्रोजेक्ट शामिल है. इसके तहत अब ऑफ सीजन में भी होमस्टे के मालिकों की इनकम का सोर्स खत्म नहीं होगा.
इंटरनेट की टेंशन ना लें
अगर आप भी 'वर्क फ्रॉम होम' को 'वर्क फ्रॉम हिल्स' बनाना चाहते हैं तो यहां आपको कोई दिक्कत नहीं होगी. दरअसल यहां बैकअप इंटरनेट भी है. नोमेड सिक्किम अभियान के सीईओ प्रेम प्रकाश ने जानकारी देते हुए कहा कि हमने सुनिश्चित किया है कि प्राइमरी इंटरनेट के साथ-साथ बैकअप इंटरनेट भी उपलब्ध हो. उन्होंने बताया कि यह एक इलाका पहाड़ी है. ऐसे में यहां पर बारिश और भूस्खलन होना आम है. हालांकि इसके चलते ऑप्टिकल फाइबर केबल कट जाती है. उन्होंने इस समस्या के समाधान के रूप में बताया कि हमने इंटरनेट लिंक में बैकअप जनरेटर आदि भी लगाया है. साथ ही उन्होंने इस प्रयास को गेम चेंजर साबित होने की उम्मीद जताते हुए इस मॉडल को पूरे नॉर्थ-ईस्ट में अपनाने का भी दावा किया.