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400 साल बर्फ में दबा रहा भगवान शिव का यह मंदिर, कपाट बंद होने पर भी 6 महीने जलता रहता है दीपक

सावन का महीना 11 जुलाई से शुरू हो रहा है. भगवान शिव के प्रिय माह में आप 4 धामों में शामिल केदारनाथ दर्शन के लिए जरूर जाएं. दरअसल केदारनाथ के अलावा बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री भी महादेव के धाम हैं. चारों धामों की महिमा दुनियाभर में फेमस है. 

Kedarnath temple mystery
Kedarnath temple mystery
Lalit Kishor|Updated: Jul 09, 2025, 08:37 AM IST
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भगवान शिव के भक्तों के लिए सावन का महीना बहुत खास होता है, क्योंकि ये महादेव का प्रिय माह है. इस महीने शिव भक्त उन्हें प्रसन्न करने के लिए कांवड़ भी लाते हैं. दरअसल केदारनाथ में भगवान शिव का वास है. इसलिए यहां बड़ी तादाद में श्रदालु पहुंचते हैं. महादेव के चारों धाम केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री भक्तों के लिए स्वर्ग समान हैं. हालांकि केदारनाथ धाम को कई रहस्यों के लिए भी जाना जाता है. 

400 साल बर्फ से ढका रहा मंदिर
भगवान शिव का केदारनाथ धाम 400 साल तक बर्फ से ढका रहा था. बताया जाता है कि 13वीं से 17वीं शताब्दी तक एक छोटे हिमयुग के चलते हिमालय का एक बड़ा क्षेत्र बर्फ के अंदर दब गया था. इसी क्षेत्र में यह मंदिर भी था. इतने वर्षों तक भी बर्फ से दबा होने के बाद भी मंदिर सुरक्षित रहा. हालांकि इसके निशान आज भी मंदिर में देखने को मिल जाएंगे. वैज्ञानिकों ने बताया कि बर्फ तो हट गई लेकिन इतने वर्षों तक दबे होने के चलते निशान आज तक नहीं मिट पाए हैं. उनके मुताबिक ग्लेशियर की रगड़ के चलते ये निशान आज तक मौजूद हैं. 

कपाट बंद होने पर भी जलता है दीपक
केदारनाथ में मौजूद भगवान शिव का यह मंदिर कई रहस्यों से भरा हुआ है. बता दें कि इस धाम में एक पवित्र दीपक हमेशा जलता रहता है. दरअसल यहां सर्दियों में दीपावली महापर्व के दूसरे दिन से मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं. इसके बाद यह मई के महीने में खुलते हैं. हालांकि चौकाने वाली बात है कि इन 6 महीनों के दौरान भी मंदिर में एक दीपक जलता रहता है. 

ज्योतिर्लिंग रूप में केदारनाथ में बसे महादेव
महादेव के केदारनाथ में बसने के पीछे भी धार्मिक कारण है. बताया जाता है कि यहां भगवान विष्णु के अवतार नर और नारायण ऋषि ने घोर तपस्या की थी. तपस्या से प्रसन्न होकर जब महादेव प्रकट हुए तो नर और नारायण ने वरदान के रूप में शिव को यहीं बसने की प्रार्थना की. वरदान पूरा करने के लिए भगवान शिव ने हमेशा के लिए ज्योतिर्लिंग रूप में केदारनाथ में वास कर गए.

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