Bhimashankar Jyotirlinga: सावन के महीने में महादेव के सभी 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन के लिए हर रोज काफी संख्या में भक्त आते हैं. इस महीने के सोमवार को तो भक्तों की इतनी तादाद बढ़ जाती है कि काफी इंतजार के बाद ही आप भोलेनाथ के दर्शन कर पाएंगे. इस महीने को महादेव का सबसे प्रिय माह माना जाता है. आज हम आपको शिव के ऐसे ज्योतिर्लिंग के बारे में बताएंगे, जहां भक्तों का रक्षा के लिए उन्हें प्रकट होना पड़ा था. यह महाराष्ट्र के पुणे जिले में सह्याद्री पर्वत श्रृंखला के घने जंगलों के बीच स्थित है.
भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग की कैसे हुई उत्पत्ति?
महादेव के भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग को शिव की विशाल शक्ति का प्रतीक माना जाता है. मान्यता है कि यहां महादेव अपने भक्तों की रक्षा के लिए सदा तत्पर रहते हैं और इस ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने से भक्तों को पापों से मुक्ति मिलती है. एक पौराणिक कथा के अनुसार, रावण के भाई कुंभकर्ण और उसकी पत्नी कर्कटी का एक पुत्र था, जिसका नाम भीमा था. उसे जब अपने पिता की मृत्यु के बारे में पता चला तो उसने देवताओं से बदला लेने का संकल्प लिया. इसके लिए उसने ब्रह्मा जी की कठोर तपस्या की और उनसे कई ताकतवर वरदान प्राप्त कर लिए. इसके बाद उसने पृथ्वी पर अत्याचार करना शुरू कर दिया और देवताओं को भी परेशान करने लगा.
भीमा के अत्याचारों से मुक्ति पाने के लिए देवताओं और ऋषियों भगवान शिव से प्रार्थना की. इसके बाद भगवान शिव और भीमा के बीच एक भयंकर युद्ध हुआ. इस युद्ध में भीमा का वध हो गया. देवताओं और ऋषियों ने भगवान शिव से उसी स्थान पर हमेशा के लिए निवास करने की प्रार्थना की. जहां भगवान शिव शिवलिंग के रूप में उसी स्थान पर स्थापित हो गए. भीमा से युद्ध के कारण इस ज्योतिर्लिंग का नाम भीमाशंकर पड़ गया.
आस-पास घूमने की जगहें
महादेव के भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग के दर्शन के बाद आप यहां आस-पास बसी बेहद अद्भुत जगहों पर विजिट करना बिल्कुल भी ना भूलें. यहां एक से बढ़कर एक खूबसूरत और आकर्षक जगहें मौजूद हैं.
भीमाशंकर वाइल्डलाइफ सेंचुरी
यह मंदिर एक घने वन्यजीव अभयारण्य के बीच स्थित है. यहां आपको कई प्रकार के पौधों और जीवों का घर मिलेगा, जिनमें लुप्तप्राय भारतीय विशाल गिलहरी (शेकरू) भी शामिल है, जो महाराष्ट्र का राज्य पशु है. यहां आप नेचुरल ब्यूटी के साथ ही बर्ड वाचिंग का भी आनंद ले सकते हैं.
हनुमान झील
मुख्य मंदिर ही बसी यह एक शांत और खूबसूरत झील है. यहां हनुमान जी का एक छोटा मंदिर भी है. पिकनिक और सुकून के कुछ पल बिताने के लिए यह झील अच्छा विकल्प है.
गुप्त भीमाशंकर
मुख्य मंदिर के पास जंगल में स्थित गुप्त भीमाशंकर एक ऐसी जगह है, जहां से भीमा नदी का उद्गम माना जाता है. यहां तक पहुंचने के लिए ट्रैकिंग करनी पड़ती है, और रास्ते में साक्षी-विनायक मंदिर भी आता है.
नागफणी पॉइंट
यहां घूमने के लिए नागफणी पॉइंट एक सुंदर व्यू पॉइंट है. इससे सह्याद्रि पर्वत श्रृंखला और आसपास की घाटियों के शानदार नजारे देखे जा सकते हैं.