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महादेव के इस अद्भुत ज्योतिर्लिंग के साथ करें इन जगहों का दीदार, भक्तों के लिए यादगार बन जाएगा सावन का पहला सोमवार

Sawan 2025: सावन के महीने में अगर आप भगवान शिव के दर्शन करना चाहते हैं तो आपको आंध्र प्रदेश के श्रीशैलम पर्वत पर कृष्णा नदी के तट पर स्थित मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग जरूर जाना चाहिए. दरअसल इस पवित्र स्ठल को "दक्षिण का कैलाश" भी कहा जाता है. इस ज्योतिर्लिंग को भगवान शिव और माता पार्वती के प्रेम और करुणा का प्रतीक माना जाता है.   

महादेव के इस अद्भुत ज्योतिर्लिंग के साथ करें इन जगहों का दीदार, भक्तों के लिए यादगार बन जाएगा सावन का पहला सोमवार
Lalit Kishor|Updated: Jul 14, 2025, 06:51 AM IST
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Mallikarjuna Jyotirlinga: भगवान शिव को सावन का महीना काफी प्रिय है. आज यानी 14 जुलाई को सावन का पहला सोमवार है. इस महीने कई शिव भक्त बड़े उत्साह के साथ सभी ज्योतिर्लिंगों के दर्शन की भी प्लान बनाते हैं. अगर आप भी इस महीने भोलेनाथ के पवित्र ज्योतिर्लिंग का दर्शन करना चाहते हैं तो हम आपको ऐसे मंदिर के बारे में बता रहे हैं, जहां महादेव के साथ मां पार्वती की पूजा भी होती है. इस मंदिर का नाम मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग है. इसका विशेष महत्व भी है. दरअसल इसको लेकर कई कथाएं प्रचलित हैं. आप यहां महादेव और मां शक्ति के दर्शन के साथ ही कई प्रमुख स्थल भी घूम सकते हैं .

मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग क्यों है प्रसिद्ध?
महादेव के इस मंदिर को लेकर एक पौराणिक कथा काफी प्रसिद्ध है, जिसके अनुसार भगवान गणेश की शादी कार्तिकेय से पहले कर दी गई थी. इसके बाद कार्तिकेय नाराज हो गए और श्रीशैल पर्वत पर चले गए. अपने पुत्र के वियोग में दुखी होकर भगवान शिव और माता पार्वती भी उन्हें मनाने वहां पहुंचे. हालांकि कार्तिकेय के न मानने पर, भगवान शिव और माता पार्वती ने वहीं मल्लिकार्जुन नाम से ज्योतिर्लिंग के रूप में निवास किया. इस ज्योतिर्लिंग के नाम की कहानी भी जबरदस्त है. जहां "मल्लिका" को माता पार्वती को और "अर्जुन" भगवान शिव को दर्शाता है. इसलिए इसे मल्लिकार्जुन कहा गया है. यही कारण है कि यह ज्योतिर्लिंग शिव और पार्वती के पारिवारिक प्रेम का प्रतीक माना जाता है.

ज्योतिर्लिंग के आसपास घूमने की जगहें
अगर आप आंध्र प्रदेश के श्रीशैलम पर्वत पर कृष्णा नदी के तट पर स्थित मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने जाते हैं तो आपको पास बसी कुछ खूबसूरत और धार्मिक जगहों के दर्शन का प्लान भी बनाना चाहिए.  

श्री भ्रमराम्बा देवी मंदिर
मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग के दर्शन के बाद आप परिसर में ही स्थित श्री भ्रमराम्बा देवी मंदिर भी दर्शन करने जाना चाहिए. यह देवी भ्रमराम्बा को समर्पित है, जो माता पार्वती का ही एक रूप है. वहीं इसे 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है. 

पातालगंगा
इसके बाद आप पातालगंगा भी घूम सकते हैं. दरअसल यह कृष्णा नदी का एक पवित्र स्थान है जो पहाड़ी के बीच से होकर बहती है. माना जाता है कि यहां डुबकी लगाने से त्वचा रोगों से मुक्ति मिलती है. आप यहां रोपवे की सवारी का भी आनंद ले सकते हैं, जिससे आसपास के घने जंगल और पहाड़ों का मनमोहक दृश्य दिखाई देते हैं.

श्रीशैलम बांध
कृष्णा नदी पर बना श्रीशैलम बांध काफी विशाल और आकर्षक बांध है. इस डैम से नदी और आसपास के पहाड़ों के सुंदर नजारे देखने को मिलते हैं. 

नागार्जुनसागर श्रीशैलम टाइगर रिजर्व
आप भारत के सबसे बड़े टाइगर रिजर्व में से एक नागार्जुनसागर श्रीशैलम टाइगर रिजर्व भी घूम सकते हैं. करीब 3568 एकड़ है में बसे इस टाइगर रिजर्व में आपको बाघ, तेंदुए, भालू सहित अन्य वन्यजीव देखने को मिलेंगे. आपको यहां जंगल सफारी का भी मौका मिलेगा. 

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