trendingNow12834984
Hindi News >>ट्रैवल
Advertisement

अमरनाथ यात्रा के लिए श्रद्धालु क्यों चुन रहे 'पहलगाम' वाला रास्ता? जान लेनी चाहिए पीछे की वजह

Amarnath Yatra 2025: बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए हर रोज भक्तों का जत्था पहुंच रहा है. हालांकि इस यात्रा में देखा जा रहा है कि सबसे ज्यादा श्रद्धालु पहलगाम रूट को पसंद कर रहे हैं. हालांकि आपको इसके पीछे की वजह जरूर जान लेनी चाहिए कि किस कारण से लोग इस रूट को पसंद कर रहे हैं. 

Amarnath Yatra 2025
Amarnath Yatra 2025
Lalit Kishor|Updated: Jul 11, 2025, 07:31 AM IST
Share

Amarnath Yatra 2025: अमरनाथ यात्रा की शुरुआत 03 जुलाई से शुरू हो चुकी है. दरअसल बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए हर रोज काफी तादाद में भक्त यात्रा में शामिल हो रहे हैं. अब तक करीब 1.45 लाख से अधिक श्रद्धालु सफल यात्रा कर चुके हैं. बता दें कि इस यात्रा के लिए दो रूट हैं. हालांकि सबसे ज्यादा तीर्थयात्री पहलगाम मार्ग से होकर यात्रा कर रहे हैं. ऐसे में यह जानना भी जरूरी है कि इस यात्रा के दोनों मार्ग कौन से है और किस कारण से पहलगाम रूट से ही ज्यादा लोग बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए जा रहे हैं. 

पहलगाम रूट को क्यों चुन रहे तीर्थयात्री?
अमरनाथ यात्रा के लिए प्रमुख रूप से दो रूट बनाए गए हैं. जहां पहला रूट पहलगाम मार्ग और दूसरा बालटाल मार्ग है. हालांकि काफी संख्या में श्रद्धालु पहलगाम रूट को चुन रहे हैं. इसके पीछे कई कारण भी हैं. इसलिए अगर आप भी इस यात्रा में शामिल हो रहे हैं तो ये जरूर जान लीजिए कि आपके लिए बेहतर रूट कौन सा है और लोगों को कौन सा रूट पसंद आ रहा है.

क्या है आध्यात्मिक कारण ?
अमरनाथ यात्रा के लिए पहलगाम रूट को काफी महत्वपूर्ण माना गया है. दरअसल अमरनाथ यात्रा को पारंपरिक मार्ग माना जाता है. बताया जाता है कि इस रूट का इस्तेमाल तीर्थयात्री सदियों से करते आ रहे हैं. इस रूट पर कई ऐतिहासिक पड़ाव हैं, जो आपकी इस धार्मिक यात्रा को सफल बनाने में मदद करते हैं, क्योंकि इन्हें आध्यात्मिक और सांस्कृतिक रूप से भी महत्वपूर्ण माना जाता है. 

प्राकृतिक खूबसूरती
बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए पहलगाम रूट चुनने का एक कारण प्राकृतिक खूबसूरती भी है. दरअसल इस रूट पर आपको हरी-भरी वादियां, घने जंगल और मनमोहक दृश्यों के लिए फेमस है. इस रूट को लिद्दर नदी के किनारे बनाया गया है. यहां आपको शांत और सुंदर वातावरण भी मिलेगा. 

चढ़ाई भी नहीं है ज्यादा मुश्किल
पहलगाम रूट को चढ़ाई के लिहाज से काफी बेहतरीन विकल्प माना जाता है. दरअसल यह रूट बालटाल मार्ग की तुलना में काफी लंबा है. इसकी दूरी लगभग 48 किमी है. हालांकि यह कम खड़ी चढ़ाई वाला रूट है. अगर आप धीरे-धीरे और आराम से सफर करना चाहते हैं तो यह बेस्ट है. खासकर बुजुर्गों और परिवारों के लिए यह रूट बेस्ट है. इस रूट से आपको सफर में करीब 3 से 5 दिन लग सकते हैं. हालांकि आप बीच में रुकने और आराम करने के लिए जैसे चंदनवाड़ी, शेषनाग, पंचतरणी चुन सकते हैं. 

अधिक सुविधाएं
पहलगाम मार्ग पर तीर्थयात्रियों को अधिक सुविधाएं मिलेंगी. दरअसल इस रूट पर ठहरने के साथ ही खाने-पीने और हेल्थ सुविधाएं मिल जाएंगी. इस दौरान जगह-जगह कई लंगर भी मिलेंगे. 

बालटाल और पहलगाम रूट में क्या है अंतर?
पहलगाम रूट और बालटाल रूट में कई अंतर देखने को मिलते हैं. सबसे पहले तो बता दें कि यह रूट बालटाल मार्ग से ज्यादा लंबा है, क्योंकि बालटाल लगभग 14 किमी का ही रूट है. हालांकि यह काफी खड़ी चढ़ाई वाला है. अगर आप फिट हैं और कम समय में सफर पूरा करना चाहते हैं तो आपके लिए ये मार्ग अच्छा विकल्प है. हालांकि इस रूट पर पहलगाम रूट के मुकाबले काफी कठिन चढ़ाई और खड़ी ढलानें हैं.

Read More
{}{}