विदेश जाने की प्लानिंग कर रहे लोगों के लिए के लिए एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है. दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (आईजीआईए) से अंतरराष्ट्रीय उड़ानें अब महंगी हो सकती हैं. एयरपोर्ट इकोनॉमिक रेगुलेटरी अथॉरिटी (AERA) ने 16 अप्रैल 2025 से अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए यूजर डेवलपमेंट फीस (UDF) में भारी वृद्धि को मंजूरी दे दी है, जिसका सीधा असर यात्रियों की जेब पर पड़ेगा.
अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए यूडीएफ में 500% तक की वृद्धि होगी. यह वृद्धि दोनों, प्रस्थान और आगमन फीस में लागू होगी. उदाहरण के लिए, एक सामान्य श्रेणी के यात्री को अब प्रस्थान के लिए 650 रुपये और आगमन के लिए 275 रुपये की फीस चुकानी होगी, जिससे कुल खर्च में 925 रुपये का इजाफा होगा. वहीं, बिजनेस क्लास के यात्रियों को प्रस्थान के लिए 810 रुपये और आगमन के लिए 345 रुपये की फीस देनी होगी, जो उनके कुल खर्च को 1,155 रुपये तक बढ़ा देगा.
एयरलाइनों पर प्रभाव
यूडीएफ में इस बढ़ोतरी का असर एयरलाइनों पर भी पड़ेगा, क्योंकि हवाई जहाज के प्रकार के आधार पर लैंडिंग शुल्क अलग-अलग होंगे. बड़े और लंबी दूरी की उड़ानों के लिए इस्तेमाल होने वाले वाइड-बॉडी एयरक्राफ्ट पर ज्यादा शुल्क लागू होगा. इसका असर यह हो सकता है कि एयरलाइन्स इन एक्स्ट्रा खर्चों को यात्रियों पर डाल सकती हैं, जिसके चलते टिकट की कीमतों में वृद्धि हो सकती है.
घरेलू यात्रियों पर नहीं पड़ेगा असर
हालांकि, घरेलू यात्रियों के लिए यूडीएफ में कोई बदलाव नहीं किया गया है. दिल्ली एयरपोर्ट पर घरेलू यात्री 129 रुपये प्रस्थान और 56 रुपये आगमन शुल्क के तहत यात्रा करेंगे. घरेलू यात्री इस वृद्धि से प्रभावित नहीं होंगे, क्योंकि दिल्ली एयरपोर्ट पर लगभग 80% यात्री घरेलू होते हैं.
एयरपोर्ट को मिलेंगे ज्यादा संसाधन
AERA इस वृद्धि का बचाव करते हुए कहता है कि यह ‘यूजर पे’ सिद्धांत पर आधारित है. इसका मतलब है कि जो यात्री अधिक प्रीमियम सेवाएं लेते हैं, उन्हें ज्यादा शुल्क देना होगा. इस शुल्क वृद्धि के माध्यम से एयरपोर्ट की बुनियादी ढांचे को सुधारने और सेवाओं को बेहतर बनाने का प्रयास किया जाएगा, जिससे यात्री अनुभव में सुधार होगा.