अमरनाथ यात्रा को लेकर एक सवाल अक्सर मन में आता होगा कि आखिर पहली बार इस यात्रा में कौन शामिल था. इस गुफा को सबसे पहले किसने देखा था? आज हम आपको इन सवालों का जवाब देंगे. सबसे पहले बता दें कि इस यात्रा की शुरूआत 3 जुलाई से हो चुकी है. हर रोज बड़ी तादाद में श्रद्धालु यहां बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए आते हैं. बता दें कि इस यात्रा को हिंदू धर्म में काफी पवित्र माना गया है. इसलिए हर साल इस यात्रा में काफी संख्या में लोग बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए जाने का प्लान बनाते हैं. फिलहाल आइए जानते हैं कि आखिर इस यात्रा का कौन था पहला यात्री...
धार्मिक मान्यताएं
बाबा बर्फानी के पहले दर्शन को लेकर धार्मिक मान्यताएं हैं कि एक बार कश्मीर घाटी जलमग्न हो गई थी. उस समय महर्षि कश्यप ने नदियों-नालों के जरिए पानी को बाहर निकाला था. वहीं इस दौरान ऋषि भृगु हिमालय की यात्रा पर उसी रास्ते से आए थे. बताया जाता है कि वे तपस्या करने के लिए एकांत खोज रहे थे. इसके बाद उन्हें बाबा अमरनाथ की पवित्र गुफा दिखाई दी. जहां इसके बाद ही अमरनाथ यात्रा की शुरूआत हुई थी. वहीं गुफा की छत से टपकते पानी से ही शिवलिंग का निर्माण होता है. इसी कारण से इस शिवलिंग को ‘बाबा बर्फानी’ कहा जाता है.
बूटा मलिक ने की खोज
अमरनाथ यात्रा को लेकर यह भी कहा जाता है कि मुस्लिम गडरिया, बूटा मलिक ने इस गुफा की सबसे पहले खोज की थी. अमरनाथ श्राइन बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार 1850 में एक दिन बूटा मलिक अपनी भेड़ चराते हुए गुफा के पास पहुंचा. इस दौरान उसे एक साधु मिला. जहां साधु ने बूटा मलिक को कोयले से भरा एक पात्र दिया था, जो बाद में सोने से बदल गया. फिर वह साधु को धन्यवाद देने के लिए पहुंचा, तो उसने अमरनाथ गुफा में शिवलिंग देखा.