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Georgia से आखिरी कॉल...'जिस बेटे के लिए गए उसका चेहरा तक नहीं देख पाए'

Georgia Tragedy: जॉर्जिया में मारे गए रविंदर की पत्नी ने भारत सरकार से शव लाने की गुहार लगाई, बोलीं- वीडियो कॉल पर ही देखा था बेटे का चेहरा

Georgia से आखिरी कॉल...'जिस बेटे के लिए गए उसका चेहरा तक नहीं देख पाए'
Atul Chaturvedi|Updated: Dec 18, 2024, 12:03 PM IST
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World News in Hindi: यूरोपीय देश जॉर्जिया के माउंटेन रिसॉर्ट में काम करने वाले 12 लोगों की मौत हो गई. मृतकों में से 11 भारतीय लोग शामिल थे. इस मामले में स्थानीय मीडिया का कहना है कि सभी पीड़ित कार्बन मोनोऑक्साइड विषाक्तता से मर गए. पुलिस ने प्रारंभिक जांच में इस बात की जानकारी दी है. हादसे में हुई लोगों की मौत के बाद जॉर्जिया के आंतरिक मामलों के मंत्रालय ने कहा है कि मामले की जांच की जा रही है. इस घटना के कारण का पता लगाने के लिए एक फोरेंसिक जांच की टीम भी बनाई गई है, जो जांच कर रही है.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जालंधर के लद्देवाली फ्लाईओवर के साथ लगते कोट रामदास में रहने वाले व्यक्ति की भी इस घटना में मौत हो गई है. मृतक की पहचान रविंदर के रूप में हुई है. मृतक की पत्नी कंचन ने बताया कि उसके 3 बच्चे हैं और जिस बेटे के लिए रविंदर विदेश में गए थे वह उसका असल में मुंह तक नहीं देख पाए. उन्होंने उसे केवल फोन पर वीडियो कॉल के माध्यम से ही देखा है. वह आठ साल से विदेश में थे. उन्होंने भारत सरकार से मांग की है कि उनके पति के शव को भारत लाया जाया और वहां के डेथ सर्टिफिकेट भी मिले.

वहीं कंचन की बहन नीलम ने कहा कि जिस रात जॉर्जिया में तूफान आया था, उस दिन उनकी बहन के साथ बात हुई थी. उन्होंने वहां पर तूफान के बारे में शुक्रवार को जानकारी दी और तूफान में काफी नुकसान हो गया. नीलम ने कहा कि वह लगभग 8 साल से विदेश में रह रहे थे. उस दिन उनके पास रेस्टोरेंट में काम काफी था. उन्होंने अपनी पत्नी (कंचन) से बाद में बात करने के लिए कहा था.

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नीलम ने आगे बताया कि रिश्तेदारों ने पैसे लगाकर रविंदर (जीजा) को दुबई भेजा था, लेकिन वहां पर एजेंट ने उनके साथ धोखाधड़ी की. इसके एक महीने बाद रविंदर वापिस आ गए. इस दौरान दोबारा से उनके परिवार ने पैसे लगाकर उन्हें विदेश भेजा. दुबई में कुछ साल बिताने के बाद वह तीन साल पहले जॉर्जिया में शिफ्ट हो गए थे, जहां वह पटियाला से जॉर्जिया में बसे दो भाईयों के होटल में ऑर्डर लेने और बिलिंग का काम करते थे.

नीलम ने बताया परिवार के बच्चे काफी छोटे हैं और केवी स्कूल में तीनों पढ़ाई कर रहे हैं. बच्चों में एक पहली कक्षा में, दूसरा तीसरी और तीसरा बच्चा पांचवीं कक्षा में पढ़ रहा है. बच्चों में 2 बेटियां और एक बेटा है.

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कंचन ने प्रशासन से बच्चों की पढ़ाई में मदद की गुहार के साथ रविंदर के शव को भारत लाने के लिए गुहार लगाई है. उन्होंने बताया कि जॉर्जिया में पक्के होने के लिए पेपर तैयार किए हुए थे और उन पेपरों पर पंजाब का नंबर लिखा हुआ था. पेपर में पंजाब का नंबर देखकर वहां से उनके निधन के बारे में जानकारी दी.

बता दें कि इस घटना को लेकर जॉर्जिया स्थित भारतीय दूतावास ने दुख जताया है. सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर जारी एक प्रेस बयान में जॉर्जिया स्थित भारतीय दूतावास ने लिखा, "त्बिलिसी स्थित भारतीय दूतावास जॉर्जिया के शहर गुदाउरी में 12 भारतीय नागरिकों की दुर्भाग्यपूर्ण मौत के बारे में जानकर दुखी हैं. हम उनके परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं."

(इनपुट: एजेंसी आईएएनएस के साथ)

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