Afghan Foreign Minister Amir Khan Muttaqi: दशकों तक अफगानिस्तान को अपने बूटों से रौदने वाले अमेरिका (US) ने काबुल छोड़ने के कई साल बाद अफगानिस्तान की तालिबान सरकार के मामलों में टांग अड़ाते हुए दखल दिया है. बताया जा रहा है कि अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र का हवाला देते हुए अफगान विदेश मंत्री आमिर ख़ान मुत्ताकी के पाकिस्तान दौरे को रद्द करा दिया. हालांकि इसकी वजह यूनाइटेड नेशन सिक्योरिटी काउंसिल के ट्रैवल बैन को बताया गया है.
डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक मुत्ताकी को इसी महीने इस्लामाबाद आना था. इस अधिकारिक सरकारी दौरे का मकसद इसी साल अप्रैल में पाकिस्तानी विदेश मंत्री इशाक डार की काबुल यात्रा के बाद शुरू हुए उच्च-स्तरीय संपर्कों को आगे बढ़ाना था. डार की यात्रा के चलते पाकिस्तान और अफगानिस्तान के द्विपक्षीय संबंधों में मधुरता आई थी. आपको बताते चलें कि इस सुलह की मध्यस्थता चीन ने की थी.
अमेरिका पर उठे गंभीर सवाल
डॉन अखबार ने राजनीतिक सूत्रों के हवाले से ये भी बताया कि अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की उस छूट को रोक दिया था जिससे अफगानिस्तान के मंत्री मुत्ताकी पाकिस्तान की यात्रा कर सकते थे. ऐसे में आशंका उठी कि ट्रंप, कहीं रिमोट कंट्रोल से तो पाकिस्तान की सरकार नहीं हांक रहे. दरअसल अफगान विदेश मंत्री अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के अधीन हैं, इसलिए उन्हें किसी भी विदेश यात्रा के लिए संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध समिति से विशेष मंजूरी लेनी होती है. सूत्रों का हवाला देते हुए अखबार ने लिखा, 'वाशिंगटन ने आखिरी क्षणों तक अपने फैसले में देरी की और अंततः छूट देने से इनकार कर दिया, जिससे यात्रा रद्द हो गई'.
अमेरिका की ताकत
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक अहम खिलाड़ी के रूप में, अमेरिका 1988 में बनी बैन कमेटी में महत्वपूर्ण दखल रखता है, जो यूएनएससी प्रस्ताव 1988 (2011) के तहत तालिबान से जुड़े व्यक्तियों और समूहों को लक्षित करते हुए यात्रा प्रतिबंध, संपत्ति फ्रीज और हथियार प्रतिबंध जैसे प्रतिबंधों का प्रबंधन करती है. डॉन ने कहा माना जा रहा है कि अमेरिका ने तालिबान के विदेश मंत्री को पाकिस्तान जाने की छूट को रोक दिया, जो चीन के साथ अफगानिस्तान के बढ़ते संबंधों को लेकर चिंता का विषय बन गया था.
चीन और अमेरिका में टकराव
बैन कमेटी में आए दिन अमेरिका का चीन और रूस से टकराव होता रहा है. क्योंकि चीन और रूस अफगानिस्तान को ज़्यादा उदार होकर छूट देने की वकालत करते हैं. अमेरिका मानता है कि ऐसी मांगों से अफगानिस्तान में स्थिरता को बढ़ावा देने के कमेटी के प्रयासों में तनाव पैदा होता है. हाल ही में हुई प्रेस ब्रीफिंग में पूछा गया कि क्या वाशिंगटन ने मुत्तकी की पाकिस्तान यात्रा को रोका? इस पर विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा, 'अफवाहों पर टिप्पणी नहीं करते.' जबकि विदेश मंत्रालय ने कहा प्रक्रियात्मक मुद्दों ने इस यात्रा में बाधा डाली.
FAQ
सवाल- अफगानिस्तान के मंत्री के पाकिस्तान दौरे को लेकर क्या खबरें हैं?
जवाब- विदेश कार्यालय के प्रवक्ता शफकत अली खान का कहना है कि प्रक्रियात्मक मुद्दों पर काम हो रहा है. अफगानी विदेश मंत्री की यात्रा की कोई आधिकारिक तारीख तय नहीं हुई है, इसलिए उनका दौरा रद्द होने या स्थगित करने का कोई सवाल ही नहीं है.
सवाल- अफगानिस्तान और पाकिस्तान के कैसे संबंध हैं?
जवाब- तनावपूर्ण संबंध हैं. काबुल और इस्लामाबाद दोनों सीमा पर तनाव सुलझाने के लिए काम कर रहे हैं. पाकिस्तानी विदेश विभाग का कहना है कि कुछ प्रक्रियात्मक मुद्दे सुलझ जाएं, तो हम अफगानिस्तान के विदेश मंत्री का पाकिस्तान में स्वागत करने के लिए उत्सुक हैं. इससे पता चलता है कि दौरा रद्द होने की खबरें लीक होने को लेकर कुछ तो गड़बड़ है.