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कनाडा PM की रेस से बाहर हुईं अनिता आनंद, लिबरल पार्टी की बढ़ी मुश्किलें

जस्टिन ट्रूडो के इस्तीफे के बाद लिबरल पार्टी के लिए मुश्किलें खड़ी हो गई हैं. क्योंकि अब भारतीय मूल की अनीता आनंद ने भी खुद को पीएम रेस के दौड़ से बाहर कर लिया है. जबकि उनसे पहले दो अन्य दिग्गज नेता ने भी खुद को अलग करने का ऐलान कर दिया है. 

कनाडा PM की रेस से बाहर हुईं अनिता आनंद, लिबरल पार्टी की बढ़ी मुश्किलें
Tahir Kamran|Updated: Jan 12, 2025, 02:55 PM IST
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Canada PM: अनीता आनंद कनाडा के प्रधानमंत्री पद की दौड़ से बाहर हो गई हैं. उन्होंने इसे लेकर एक बयान भी सोशल मीडिया पर जारी किया है. परिवहन मंत्री अनीता आनंद ने शनिवार दोपहर कहा कि वो प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की ही तरह जिंदगी के नए अध्याय की शुरुआत कर रही हैं. एक्स पर अनीता आनंद ने कहा,'अब जब प्रधानमंत्री ने अपने अगले अध्याय की शुरुआत का फैसला लिया है, तो मैंने भी तय किया है कि मेरे लिए भी यह सही समय है. मैं अब अपने पुराने पेशेवर जीवन में, जो शिक्षण, अनुसंधान और सार्वजनिक नीति विश्लेषण से जुड़ा था, लौटना चाहती हूं.'

विपक्षी कंजर्वेटिव पार्टी और उसके नेता पियरे मार्सेल पोइलिवरे के पक्ष में होने वाले चुनाव की वजह से लिबरल पार्टी के नेतृत्व और प्रधानमंत्री पद को लेकर हालात मुश्किल होते जा रहे हैं. क्योंकि इससे पहले दो अन्य प्रमुख नेता विदेश मंत्री मेलानी जोली और वित्त मंत्री डोमिनिक लेब्लांक ने भी प्रधानमंत्री पद की दौड़ से बाहर होने का फैसला किया है. यह सब तब हो रहा है जब प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने पिछले सप्ताह अपने इस्तीफे की घोषणा की थी.

अपने बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा,'मेरे पहले चुनाव अभियान के दौरान कई लोगों ने मुझसे कहा कि भारतीय मूल की एक महिला ओकविले, ओंटारियो से निर्वाचित नहीं हो सकती. फिर भी ओकविले ने 2019 के बाद से दो बार मेरे साथ खड़ा होकर मुझे समर्थन दिया, यह एक सम्मान है जिसे मैं हमेशा अपने दिल में संजोकर रखूंगी.'

2019 में ट्रूडो कैबिनेट में सार्वजनिक सेवा मंत्री के तौर पर शामिल होकर उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि कोविड-19 महामारी के दौरान कनाडा के पास पर्याप्त चिकित्सा उपकरण और टीके उपलब्ध हों.

बिजनेस एंड फाइनांस लॉ एक्सपर्ट अनीता आनंद टोरंटो यूनिवर्सिटी में स्थायी कानून प्रोफेसर थीं. राजनीति में आने से पहले 2019 में ओंटारियो के ओकविले से सांसद बनने से पहले उन्होंने अमेरिका की येल यूनिवर्सिटी में विजिटिंग लेक्चरर के तौर पर काम किया था. उनके पिता एसवी आनंद तमिलनाडु के स्वतंत्रता सेनानी वीए सुंदरम के बेटे थे. उनकी मां सरोज राम पंजाब से थीं और दोनों ही डॉक्टर थे. जो बाद कनाडा में आकर बस गए थे.

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